बाराबंकीः ग्रामीण अंचलों में फैली बुराइयों और गलत धंधों में लिप्त लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए बाराबंकी पुलिस मिशन कायाकल्प चला रही है. चैनपुरवा गांव से शुरू हुई कायाकल्प की ये मुहिम अब और आगे बढ़ चली है. पुलिस टीम की ये मुहिम टिकरा गांव पहुंची तो गांव वालों ने इसे हाथोंहाथ लिया.
बता दें कि पांच महीने पहले पुलिस कप्तान की नजर रामनगर तहसील की तराई में बसने वाले गांव चैनपुरवा पर पड़ी और फिर यहीं से उन्होंने मिशन कायाकल्प का खाका तैयार किया. इस गांव में अवैध कच्ची शराब बनती थी. पुलिस अधीक्षक के प्रयासों से गांव में बदलाव आ गया. अब यहां की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. महिलाएं अब शराब नहीं बल्कि मिठाई के डिब्बे, डेकोरेटिव बिंदी और मोम के दीये बना रही हैं.
मुहिम चढ़ रही परवान
जनमानस का सहयोग मिला तो पुलिस कप्तान ने इस मुहिम को आगे बढ़ाने की सोची और उन्होंने इसी तरह के एक और गांव कुर्सी थाना क्षेत्र के बेहड़ पुरवा को चुना. इस गांव में कायाकल्प की कोशिशें जारी हैं. इसी कड़ी में एसपी ने जिले के एक और गांव टिकरा के कायाकल्प के लिए चयन किया है.
अफीम के लिए टिकरा गांव प्रसिद्ध
जैदपुर थाना क्षेत्र का ये गांव खासा चर्चित रहा है. अफीम की तस्करी के लिए ये गांव प्रदेश ही नहीं गैर प्रदेशों में भी कुख्यात रहा है. नारकोटिक्स पदार्थों के इस अवैध धंधों में यहां के तमाम नौजवानों की जिंदगियां बर्बाद हो गई. आये दिन होने वाली पुलिस की दबिश से लोग तंग आ गए थे.अभी भी इस गांव के लोग जब-तब अवैध मादक पदार्थों के साथ गिरफ्तार होते रहते हैं. इन भटके लोगों को मुख्यधारा में लाने की रविवार से मुहिम शुरू हुई.
बाराबंकी पुलिस की मुहिम 'मिशन कायाकल्प' पहुंची टिकरा गांव - गांव चैनपुरवा में एसपी ने शुरू किया था मिशन कायाकल्प
बाराबंकी पुलिस की ओर से शुरू की गई 'मिशन कायाकल्प' मुहिम अफीम के लिए प्रसिद्ध टिकरा गांव में पहुंच गई है. इस गांव के भटके लोगों को मुख्य धारा लाने के लिए पुलिस कप्तान ने चयनित किया है.

बाराबंकीः ग्रामीण अंचलों में फैली बुराइयों और गलत धंधों में लिप्त लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए बाराबंकी पुलिस मिशन कायाकल्प चला रही है. चैनपुरवा गांव से शुरू हुई कायाकल्प की ये मुहिम अब और आगे बढ़ चली है. पुलिस टीम की ये मुहिम टिकरा गांव पहुंची तो गांव वालों ने इसे हाथोंहाथ लिया.
बता दें कि पांच महीने पहले पुलिस कप्तान की नजर रामनगर तहसील की तराई में बसने वाले गांव चैनपुरवा पर पड़ी और फिर यहीं से उन्होंने मिशन कायाकल्प का खाका तैयार किया. इस गांव में अवैध कच्ची शराब बनती थी. पुलिस अधीक्षक के प्रयासों से गांव में बदलाव आ गया. अब यहां की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. महिलाएं अब शराब नहीं बल्कि मिठाई के डिब्बे, डेकोरेटिव बिंदी और मोम के दीये बना रही हैं.
मुहिम चढ़ रही परवान
जनमानस का सहयोग मिला तो पुलिस कप्तान ने इस मुहिम को आगे बढ़ाने की सोची और उन्होंने इसी तरह के एक और गांव कुर्सी थाना क्षेत्र के बेहड़ पुरवा को चुना. इस गांव में कायाकल्प की कोशिशें जारी हैं. इसी कड़ी में एसपी ने जिले के एक और गांव टिकरा के कायाकल्प के लिए चयन किया है.
अफीम के लिए टिकरा गांव प्रसिद्ध
जैदपुर थाना क्षेत्र का ये गांव खासा चर्चित रहा है. अफीम की तस्करी के लिए ये गांव प्रदेश ही नहीं गैर प्रदेशों में भी कुख्यात रहा है. नारकोटिक्स पदार्थों के इस अवैध धंधों में यहां के तमाम नौजवानों की जिंदगियां बर्बाद हो गई. आये दिन होने वाली पुलिस की दबिश से लोग तंग आ गए थे.अभी भी इस गांव के लोग जब-तब अवैध मादक पदार्थों के साथ गिरफ्तार होते रहते हैं. इन भटके लोगों को मुख्यधारा में लाने की रविवार से मुहिम शुरू हुई.