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मंत्री धर्मपाल सिंह बोले, निराश्रित गोवंशों के लिए लागू होगा गुजरात मॉडल, भूसा बैंक बनेंगे - stray cattle in UP

पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि निराश्रित गोवंशों के लिए गुजरात मॉडल लागू किया जाएगा. इसके अलावा भूसा बैंक भी खोला जा रहा है.

यह बोले मंत्री धर्मपाल सिंह.
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Published : Apr 24, 2022, 5:07 PM IST

Updated : Apr 24, 2022, 5:17 PM IST

बाराबंकीः निराश्रित पशुओं को लेकर सूबे में जल्द ही "गुजरात मॉडल" लागू होने जा रहा है.सरकार हर जिले में अभियान चलाकर भूसा बैंक स्थापित कर रही है, जिससे चारे की समस्या दूर की जा सके. प्रदेश सरकार ने ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया है कि अब किसान गोवंशों को छोड़ेगा ही नही. सरकार पशु पालकों से गोबर खरीदकर सीएनजी गैस बनाएगी. रविवार को बाराबंकी पहुंचे पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में यह जानकारी दी.


निराश्रित पशुओं के लिए प्रदेश सरकार ने हर जिले में भूसा बैंक की स्थापना की है. इसके लिए 15 अप्रैल से 05 मई तक भूसा कलेक्शन का अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान को गति देने के लिए प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह बाराबंकी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि गुजरात मे गोवंशों से निकले पंचगव्यों का प्रयोग कर उनसे लाभ लिया जा रहा है, यही वजह है कि वहां लोग गोवंशों की खूब देखरेख करते हैं.

यह बोले मंत्री धर्मपाल सिंह.
निराश्रित पशु प्रदेश के लिए बहुत बड़ी समस्या हैं. उन्होंने कहा कि किसान रखवाली के लिए खेतों के किनारे कटीले तार लगा देते हैं जिससे ये पशु घायल हो जा रहे हैं. उन्होंने कहा बीते विधानसभा चुनाव में ये एक बड़ी समस्या बनकर निकली है. मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मोदी-योगी सरकार ने योजना बनाई है कि सड़कों पर, किसानों के खेतों में, शहरों में निराश्रित गोवंश दिखाई नही देंगे. इसके लिए पहले चारे का प्रबंध किया जा रहा है. इसके बाद ब्लॉकवार गोशालाएं बनाई जा रही है.मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि हमारे पास एक खास मॉडल है जिसे लागू करने जा रहे हैं. इस मॉडल के लागू हो जाने से पशुपालक गाय छोड़ेगा ही नही. सरकार गोबर खरीदेगी और उससे सीएनजी गैस तैयार की जाएगी. धर्मपाल सिंह ने स्वीकार किया कि केवल सरकारी सहायता से या सरकारी धन से गोशालाओं की व्यवस्था नही हो सकती. इसमें समाज का सहयोग भी जरूरी है. गोशालाओं से ही आर्थिक संसाधन उपलब्ध कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने जा रहे हैं. गाय से निकलने वाले पचंगव्यों दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र के प्रयोग से समाज को भी आगे बढाने का काम किया जाएगा.

बाराबंकीः निराश्रित पशुओं को लेकर सूबे में जल्द ही "गुजरात मॉडल" लागू होने जा रहा है.सरकार हर जिले में अभियान चलाकर भूसा बैंक स्थापित कर रही है, जिससे चारे की समस्या दूर की जा सके. प्रदेश सरकार ने ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया है कि अब किसान गोवंशों को छोड़ेगा ही नही. सरकार पशु पालकों से गोबर खरीदकर सीएनजी गैस बनाएगी. रविवार को बाराबंकी पहुंचे पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में यह जानकारी दी.


निराश्रित पशुओं के लिए प्रदेश सरकार ने हर जिले में भूसा बैंक की स्थापना की है. इसके लिए 15 अप्रैल से 05 मई तक भूसा कलेक्शन का अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान को गति देने के लिए प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह बाराबंकी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि गुजरात मे गोवंशों से निकले पंचगव्यों का प्रयोग कर उनसे लाभ लिया जा रहा है, यही वजह है कि वहां लोग गोवंशों की खूब देखरेख करते हैं.

यह बोले मंत्री धर्मपाल सिंह.
निराश्रित पशु प्रदेश के लिए बहुत बड़ी समस्या हैं. उन्होंने कहा कि किसान रखवाली के लिए खेतों के किनारे कटीले तार लगा देते हैं जिससे ये पशु घायल हो जा रहे हैं. उन्होंने कहा बीते विधानसभा चुनाव में ये एक बड़ी समस्या बनकर निकली है. मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मोदी-योगी सरकार ने योजना बनाई है कि सड़कों पर, किसानों के खेतों में, शहरों में निराश्रित गोवंश दिखाई नही देंगे. इसके लिए पहले चारे का प्रबंध किया जा रहा है. इसके बाद ब्लॉकवार गोशालाएं बनाई जा रही है.मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि हमारे पास एक खास मॉडल है जिसे लागू करने जा रहे हैं. इस मॉडल के लागू हो जाने से पशुपालक गाय छोड़ेगा ही नही. सरकार गोबर खरीदेगी और उससे सीएनजी गैस तैयार की जाएगी. धर्मपाल सिंह ने स्वीकार किया कि केवल सरकारी सहायता से या सरकारी धन से गोशालाओं की व्यवस्था नही हो सकती. इसमें समाज का सहयोग भी जरूरी है. गोशालाओं से ही आर्थिक संसाधन उपलब्ध कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने जा रहे हैं. गाय से निकलने वाले पचंगव्यों दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र के प्रयोग से समाज को भी आगे बढाने का काम किया जाएगा.
Last Updated : Apr 24, 2022, 5:17 PM IST
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