बाराबंकीः जिले में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती को किसान सम्मान दिवस के तौर पर मनाया गया. इस मौके पर किसान मेले का आयोजन किया गया. कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को अपनी आय दोगुनी करने के गुर बताए साथ ही साथ उन्हें उन्नत खेती की तकनीकें भी बताई गई. परम्परागत रूप से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में विभिन्न फसलों में सर्वाधिक उत्पादन करने वाले प्रगतिशील किसानों को पुरस्कृत भी किया गया. बतौर मुख्य अतिथि भाजपा सांसद ने कहा उनकी सरकार किसान हितों के लिए लगातार काम कर रही है. पीएम मोदी की मंशा के तहत किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में ये आयोजन एक महत्वपूर्ण चरण है.
किसानों ने अपने उत्पादों की लगाई प्रदर्शनी
किसान मेले में किसानों द्वारा जैविक खेती से तैयार किए गए अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई थी. किसान मेले में विभिन्न विभागों द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का भी प्रदर्शन किया गया. इस मौके पर विभिन्न फसलों में सर्वाधिक उत्पादन करने वाले 107 किसानों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
किसानों का सम्मान
किसी भी क्रॉप में जिले में अधिकतम उत्पादन करने वाले दो किसानों को सम्मानित किया जाता है. जिसमें प्रथम पुरस्कार 7 हजार और द्वितीय पुरस्कार 05 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. इन किसानों का चयन जिला स्तर पर बनी कमेटी करती है.
धान उत्पादन
धान उत्पादन में सिरौलीगौसपुर तहसील के घुटुरु निवासी छोटेलाल को प्रथम पुरस्कार मिला जिसने एक हेक्टेयर में 99.20 क्विंटल शंकर धान पैदा कर रिकार्ड बनाया. दूसरे स्थान पर सूरतगंज के नौबस्ता की रहने वाली पूनम सिंह को दूसरा स्थान मिला जिन्होंने 94 क्विंटल धान पैदा किया.
गेहूं उत्पादन
गेहूं उत्पादन में प्रथम स्थान बंकी ब्लॉक के जरहर निवासी शिव कुमार ने हासिल किया. जिन्होंने एक हेक्टेयर में 74.20 क्विंटल गेहूं पैदा किया. दूसरा स्थान सिरौलीगौसपुर के थानाडीह निवासी सरोज ने हासिल किया जिन्होंने एक हेक्टेयर में 74 क्विंटल गेहूं पैदा किया.
सरसों उत्पादन
सरसों उत्पादन में प्रथम स्थान सिद्धौर के असंदरा निवासी परवीन फातिमा ने हासिल किया. जिन्होंने एक हेक्टेयर में 16.40 क्विंटल सरसों का उत्पादन किया. दूसरा स्थान यहीं के शम्सी हुसैन ने हासिल किया जिन्होंने 15.80 क्विंटल सरसों का उत्पादन किया. ब्लॉक स्तर पर बेहतर उत्पादन करने वाले किसानों को भी पुरुस्कृत किया गया. वर्तमान समय में जब नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश का किसान आंदोलित हैं. ऐसे में ये आयोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं. ताकि किसानों के दुखों को कम किया जा सके.