ETV Bharat / state

महासम्मेलन के जरिये कायस्थ समाज ने भरी हुंकार, राजनीतिक भागेदारी नहीं तो वोट नहीं - यूपी विधानसभा चुनाव

विधानसभा चुनाव नजदीक देख कायस्थ समाज ने राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने के मकसद से कायस्थ महासम्मेलन कर रणनीति बनाई है. कायस्थों का कहना है कि सदन में उनका भी प्रतिनिधित्व हो. उनकी पीड़ा है कि उत्तर प्रदेश में तकरीबन डेढ़ करोड़ की कायस्थ आबादी है, उसके बावजूद सत्तारूढ़ दल ने उनको हिस्सेदारी नहीं दी.

महा सम्मेलन
महा सम्मेलन
author img

By

Published : Dec 19, 2021, 5:32 PM IST

बाराबंकी: विधानसभा चुनाव का लोहा गर्म देख कायस्थों ने राजनीति में अपनी भागीदारी को लेकर तमाम राजनीतिक दलों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इसी के मद्देनजर बाराबंकी में कायस्थ समाज ने महासम्मेलन कर बड़ी रणनीति तय की. कायस्थ समाज की सबसे ज्यादा नाराजगी भाजपा से है. महासम्मेलन के जरिये कायस्थ समाज के नेताओं ने अपने समाज के लोगों से अपील की कि ऐसे लोगों से सावधान रहें जिन्होंने उनको छला है. नेताओं ने कहा कि वो समाज के लोगों के घर-घर जाएंगे और भाजपा द्वारा छले जाने की बात कहकर उन्हें जागरूक करेंगे.

विधानसभा चुनाव नजदीक देख कायस्थ समाज ने राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने के मकसद से कायस्थ महासम्मेलन कर रणनीति बनाई है. कायस्थों का कहना है कि सदन में उनका भी प्रतिनिधित्व हो. उनकी पीड़ा है कि उत्तर प्रदेश में तकरीबन डेढ़ करोड़ की कायस्थ आबादी है, उसके बावजूद सत्तारूढ़ दल ने उनको हिस्सेदारी नहीं दी. राजनीतिक दलों ने हमेशा उनकी उपेक्षा की. राजनीतिक दलों ने उनका वोट लेकर छलने का काम किया है. कायस्थ समाज भाजपा से सबसे ज्यादा नाराज नजर आ रहा है. इनका कहना है कि सूबे में लोकसभा की 80 सीटें हैं, लेकिन भाजपा ने एक भी कायस्थ को प्रत्याशी नहीं बनाया.

कायस्थ समाज ने भरी हुंकार.
इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव नवीन कुमार ने उपस्थित कायस्थ समाज के लोगो से अनुरोध किया कि जिस पार्टी ने उनका ध्यान रखा उसे वोट करें और सत्ताधारी पार्टी ने कायस्थों का विरोध किया और अपमान किया है. लिहाजा उससे सावधान रहें. उन्होंने कहा कि भारत की अब तक कोई भी मिनिस्ट्री नहीं रही जिसमें कायस्थ न रहे हों, लेकिन पहली बार ऐसी मिनिस्ट्री है जिसमे एक भी कायस्थ नहीं है.

इस मौके पर तमाम नेताओं ने कहा कि केंद्र और प्रदेश में सरकार चलाने वाली पार्टी ने एक भी कायस्थ को प्रत्याशी नहीं बनाया. विधान परिषद हो या मेयर के पद या फिर जिला पंचायतों में किसी भी कायस्थ को जगह नहीं दी गई. तकरीबन 55 सीटों पर कायस्थ समाज हार जीत तय करता है, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने वोट लेकर छलने का काम किया है. स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर इस देश की संस्कृति को समृद्ध करने में कायस्थों का बड़ा योगदान है, लेकिन राजनीति में वो हाशिये पर हैं. कायस्थ समाज ने कभी वोटर के तौर पर अपने संगठन का प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन लगातार हो रही उपेक्षा से वो अब चुप बैठने वाले नहीं हैं.



इस मौके पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उनका समाज भी चाहता है कि उनकी भागीदारी भी देश के सदनों में हो. इन्होंने कहा कि उनके समाज के लोग जिस भी दल से जुड़े होंगे वे उस दल में अपनी बात जोरदार ढंग से रखेंगे और अपनी भागीदारी की मांग करेंगे.

इसे भी पढ़ें- मलाल बस इतना, बहू आ गई आड़े वरना मुलायम को मिल जाती मंजिल...

बाराबंकी: विधानसभा चुनाव का लोहा गर्म देख कायस्थों ने राजनीति में अपनी भागीदारी को लेकर तमाम राजनीतिक दलों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इसी के मद्देनजर बाराबंकी में कायस्थ समाज ने महासम्मेलन कर बड़ी रणनीति तय की. कायस्थ समाज की सबसे ज्यादा नाराजगी भाजपा से है. महासम्मेलन के जरिये कायस्थ समाज के नेताओं ने अपने समाज के लोगों से अपील की कि ऐसे लोगों से सावधान रहें जिन्होंने उनको छला है. नेताओं ने कहा कि वो समाज के लोगों के घर-घर जाएंगे और भाजपा द्वारा छले जाने की बात कहकर उन्हें जागरूक करेंगे.

विधानसभा चुनाव नजदीक देख कायस्थ समाज ने राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने के मकसद से कायस्थ महासम्मेलन कर रणनीति बनाई है. कायस्थों का कहना है कि सदन में उनका भी प्रतिनिधित्व हो. उनकी पीड़ा है कि उत्तर प्रदेश में तकरीबन डेढ़ करोड़ की कायस्थ आबादी है, उसके बावजूद सत्तारूढ़ दल ने उनको हिस्सेदारी नहीं दी. राजनीतिक दलों ने हमेशा उनकी उपेक्षा की. राजनीतिक दलों ने उनका वोट लेकर छलने का काम किया है. कायस्थ समाज भाजपा से सबसे ज्यादा नाराज नजर आ रहा है. इनका कहना है कि सूबे में लोकसभा की 80 सीटें हैं, लेकिन भाजपा ने एक भी कायस्थ को प्रत्याशी नहीं बनाया.

कायस्थ समाज ने भरी हुंकार.
इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव नवीन कुमार ने उपस्थित कायस्थ समाज के लोगो से अनुरोध किया कि जिस पार्टी ने उनका ध्यान रखा उसे वोट करें और सत्ताधारी पार्टी ने कायस्थों का विरोध किया और अपमान किया है. लिहाजा उससे सावधान रहें. उन्होंने कहा कि भारत की अब तक कोई भी मिनिस्ट्री नहीं रही जिसमें कायस्थ न रहे हों, लेकिन पहली बार ऐसी मिनिस्ट्री है जिसमे एक भी कायस्थ नहीं है.

इस मौके पर तमाम नेताओं ने कहा कि केंद्र और प्रदेश में सरकार चलाने वाली पार्टी ने एक भी कायस्थ को प्रत्याशी नहीं बनाया. विधान परिषद हो या मेयर के पद या फिर जिला पंचायतों में किसी भी कायस्थ को जगह नहीं दी गई. तकरीबन 55 सीटों पर कायस्थ समाज हार जीत तय करता है, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने वोट लेकर छलने का काम किया है. स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर इस देश की संस्कृति को समृद्ध करने में कायस्थों का बड़ा योगदान है, लेकिन राजनीति में वो हाशिये पर हैं. कायस्थ समाज ने कभी वोटर के तौर पर अपने संगठन का प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन लगातार हो रही उपेक्षा से वो अब चुप बैठने वाले नहीं हैं.



इस मौके पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उनका समाज भी चाहता है कि उनकी भागीदारी भी देश के सदनों में हो. इन्होंने कहा कि उनके समाज के लोग जिस भी दल से जुड़े होंगे वे उस दल में अपनी बात जोरदार ढंग से रखेंगे और अपनी भागीदारी की मांग करेंगे.

इसे भी पढ़ें- मलाल बस इतना, बहू आ गई आड़े वरना मुलायम को मिल जाती मंजिल...

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.