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जलशक्ति मंत्री बोले, बाढ़ ने तोड़े सारे रिकार्ड, 90 वर्षों में सरयू नदी में नहीं आया इतना पानी...

जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बाढ़ से प्रभावित बाराबंकी, बहराइच और सीतापुर जिले का हवाई दौरा किया. इसके बाद उन्होंने कहा कि 90 वर्षों में सरयू नदी में इतनी बाढ़ कभी नहीं आई. उन्होंने यह भी कहा कि जनता को परेशान होने की कतई जरूरत नहीं है, जो भी नुकसान हुआ है सरकार उसकी क्षतिपूर्ति दे देगी.

बाढ़ ने तोड़ दिया 90 वर्षों का रिकार्ड.
बाढ़ ने तोड़ दिया 90 वर्षों का रिकार्ड.
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Published : Oct 22, 2021, 10:00 PM IST

बाराबंकीः यूपी के करीब आधा दर्जन जिलों में आई बाढ़ को जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने प्राकृतिक आपदा बताते हुए कहा कि 90 वर्षों में सरयू नदी में इतना पानी कभी नही आया. सीएम योगी ने कहा है कि किसी को इससे घबराने और चिंता करने की जरूरत नही है. बाढ़ पीड़ितों के साथ सरकार खड़ी है. अगर कोई भी क्षति हुई तो सरकार उसकी क्षतिपूर्ति कर देगी. उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठककर बाढ़ग्रस्त इलाकों की समस्या को दूर करने के निर्देश दिए. इससे पहले उन्होंने बाढ़ग्रस्त गांवों का हवाई सर्वेक्षण भी किया.

जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा कि नेपाल द्वारा छोड़े गया 5.47 लाख क्यूसेक पानी बनबसा बांध और 4.91 लाख क्यूसेक पानी घाघरा बैराज में आ जाने से ये प्राकृतिक आपदा आ गई. इससे पीलीभीत, लखीमपुर, सीतापुर, बहराइच और बाराबंकी प्रभावित हो गए. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर उन्होंने पाया कि अब पानी घट रहा है.

जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए अफसरों को दिए निर्देश.
बाराबंकी जिले की रामनगर,सिरौलीगौसपुर और फतेहपुर तहसीलों के तकरीबन 69 गांव के 27 हजार लोग इससे प्रभावित हुए हैं. करीब 6335 पशु भी प्रभावित हुए हैं. जलशक्ति मंत्री ने कहा कि रिकार्ड पानी आ जाने से ये आपदा आई है हालांकि बांध अभी सुरक्षित हैं. उन्होंने दावा किया कि यहां कोई जनहानि नहीं हुई है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. करीब चार हजार लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में रखा गया है. इस आपदा से निपटने के लिए उन्होंने अफसरों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए.

ये भी पढ़ेंः लखीमपुर हिंसाः मृतक किसान के परिजन बोले-अजय मिश्रा के मंत्री रहते हुए हमें नहीं मिलेगा न्याय

बइराइच के बाढ़ग्रस्त इलाकों का जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि यहां करीब 125 तटवर्ती गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं. करीब 25 हजार की आबादी प्रभावित हुई है. बचाव और राहत कार्यों में 500 नावों को लगाया गया है. दो लोगों की जनहानि का पता चला है. उनके परिवार को मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं. फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. मेडिकल किट बांटने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं.

सीतापुर के बाढ़ग्रस्त इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के बाद जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कलेक्ट्रेट में अफसरों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि सीतापुर में बाढ़ से तीन तहसीलें प्रभावित हुईं हैं. 67 ग्राम पंचायतें बाढ़ की चपेट में आईं हैं. पांच हजार हेक्टयर कृषि भूमि भी बाढ़ की चपेट में आ गई है. करीब 25 हजार लोग इससे प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बाढ़ पीड़ित परिवारों को भोजन और दवा वितरण के निर्देश दिए. साथ ही राशन किट देन के लिए भी कहा. उन्होंने यह भी कहा कि सीएम के निर्देश हैं कि जिनके भी घर या फिर फसल को नुकसान पहुंचा है उनको मुआवजा दिया जाए. कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में नोडल अधिकारी खाने के पैकेट व दवाइयां उपलब्ध कराएं. पशुओं के लिए भी चारा उपलब्ध कराया जाए.

बाराबंकीः यूपी के करीब आधा दर्जन जिलों में आई बाढ़ को जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने प्राकृतिक आपदा बताते हुए कहा कि 90 वर्षों में सरयू नदी में इतना पानी कभी नही आया. सीएम योगी ने कहा है कि किसी को इससे घबराने और चिंता करने की जरूरत नही है. बाढ़ पीड़ितों के साथ सरकार खड़ी है. अगर कोई भी क्षति हुई तो सरकार उसकी क्षतिपूर्ति कर देगी. उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठककर बाढ़ग्रस्त इलाकों की समस्या को दूर करने के निर्देश दिए. इससे पहले उन्होंने बाढ़ग्रस्त गांवों का हवाई सर्वेक्षण भी किया.

जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा कि नेपाल द्वारा छोड़े गया 5.47 लाख क्यूसेक पानी बनबसा बांध और 4.91 लाख क्यूसेक पानी घाघरा बैराज में आ जाने से ये प्राकृतिक आपदा आ गई. इससे पीलीभीत, लखीमपुर, सीतापुर, बहराइच और बाराबंकी प्रभावित हो गए. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर उन्होंने पाया कि अब पानी घट रहा है.

जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए अफसरों को दिए निर्देश.
बाराबंकी जिले की रामनगर,सिरौलीगौसपुर और फतेहपुर तहसीलों के तकरीबन 69 गांव के 27 हजार लोग इससे प्रभावित हुए हैं. करीब 6335 पशु भी प्रभावित हुए हैं. जलशक्ति मंत्री ने कहा कि रिकार्ड पानी आ जाने से ये आपदा आई है हालांकि बांध अभी सुरक्षित हैं. उन्होंने दावा किया कि यहां कोई जनहानि नहीं हुई है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. करीब चार हजार लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में रखा गया है. इस आपदा से निपटने के लिए उन्होंने अफसरों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए.

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बइराइच के बाढ़ग्रस्त इलाकों का जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि यहां करीब 125 तटवर्ती गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं. करीब 25 हजार की आबादी प्रभावित हुई है. बचाव और राहत कार्यों में 500 नावों को लगाया गया है. दो लोगों की जनहानि का पता चला है. उनके परिवार को मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं. फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. मेडिकल किट बांटने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं.

सीतापुर के बाढ़ग्रस्त इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के बाद जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कलेक्ट्रेट में अफसरों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि सीतापुर में बाढ़ से तीन तहसीलें प्रभावित हुईं हैं. 67 ग्राम पंचायतें बाढ़ की चपेट में आईं हैं. पांच हजार हेक्टयर कृषि भूमि भी बाढ़ की चपेट में आ गई है. करीब 25 हजार लोग इससे प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बाढ़ पीड़ित परिवारों को भोजन और दवा वितरण के निर्देश दिए. साथ ही राशन किट देन के लिए भी कहा. उन्होंने यह भी कहा कि सीएम के निर्देश हैं कि जिनके भी घर या फिर फसल को नुकसान पहुंचा है उनको मुआवजा दिया जाए. कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में नोडल अधिकारी खाने के पैकेट व दवाइयां उपलब्ध कराएं. पशुओं के लिए भी चारा उपलब्ध कराया जाए.

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