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फैक्ट्री संचालकों ने बयां किया दर्द, मजदूर नहीं हैं कैसे चलाएं फैक्ट्री

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में लॉकडाउन के दौरान भी उद्योग-धंधे शुरू हो गए हैं, लेकिन फैक्ट्रियों में मजदूर नहीं हैं. ऐसे में तमाम फैक्ट्री संचालक परेशान हैं.

मजदूर नहीं होने से परेशान हैं फैक्ट्री संचालक
मजदूर नहीं होने से परेशान हैं फैक्ट्री संचालक
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Published : May 8, 2020, 2:43 PM IST

बाराबंकी: लॉकडाउन 3.0 के दौरान ऑरेंज जोन में आए बाराबंकी में उद्योग धंधों का संचालन तो शुरू हो गया है, लेकिन मजदूर न होने से काम नहीं हो पा रहा है. लिहाजा उत्पादन क्षमता घटकर एक तिहाई से भी नीचे हो गई है. ऐसे में फैक्टरी संचालक परेशान हैं कि मजदूर कहां से लाएं. बाहर से मजदूर बुलाने पर संशय है, ऐसे में जिला उद्योग केंद्र पहुंचकर तमाम फैक्ट्री संचालकों ने शासन द्वारा भेजी गई नई गाइडलाइंस की जानकारी ली.

मजदूर नहीं होने से परेशान हैं फैक्ट्री संचालक
बाराबंकी में मजदूरों को बुलाने की अनुमति मांगने के लिए तमाम फैक्ट्री संचालक उद्योग केंद्र पहुंचे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी. 14 किलो के एलपीजी गैस सिलेंडर का निर्माण करने वाली इकाई में मजदूर नहीं हैं. तीस हजार सिलेंडर डिस्पैच करने हैं ऐसे में फैक्ट्री संचालक परेशान हैं. निखिल खत्री ने बताया कि मजदूरों के चले जाने के बाद अनस्किल्ड लेबर लगाकर किसी तरह काम चलाया जा रहा था. ये मजदूर जैसे-तैसे काम कर रहे हैं, मजदूरों को जानकारी नही हैं, लिहाजा खतरा भी बना है. उधर सिलेंडर डिस्पैच का दबाव भी है लिहाजा अब काम नहीं चल रहा है.

कुर्सी रोड पर स्थित ऑर्गेनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिनेश कुमार भी मजदूरों की कमी से परेशान हैं. इनका कहना है कि मजदूर नहीं होने से उत्पादन घटकर एक तिहाई से भी कम हो गया है. पैकेजिंग इंडस्ट्री चलाने वाले बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि एक तो मजदूर नही हैं, दूसरे कच्चा माल भी नहीं आ पा रहा ऐसे में उनके लिए यह बड़ी समस्या है.

बाराबंकी: लॉकडाउन 3.0 के दौरान ऑरेंज जोन में आए बाराबंकी में उद्योग धंधों का संचालन तो शुरू हो गया है, लेकिन मजदूर न होने से काम नहीं हो पा रहा है. लिहाजा उत्पादन क्षमता घटकर एक तिहाई से भी नीचे हो गई है. ऐसे में फैक्टरी संचालक परेशान हैं कि मजदूर कहां से लाएं. बाहर से मजदूर बुलाने पर संशय है, ऐसे में जिला उद्योग केंद्र पहुंचकर तमाम फैक्ट्री संचालकों ने शासन द्वारा भेजी गई नई गाइडलाइंस की जानकारी ली.

मजदूर नहीं होने से परेशान हैं फैक्ट्री संचालक
बाराबंकी में मजदूरों को बुलाने की अनुमति मांगने के लिए तमाम फैक्ट्री संचालक उद्योग केंद्र पहुंचे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी. 14 किलो के एलपीजी गैस सिलेंडर का निर्माण करने वाली इकाई में मजदूर नहीं हैं. तीस हजार सिलेंडर डिस्पैच करने हैं ऐसे में फैक्ट्री संचालक परेशान हैं. निखिल खत्री ने बताया कि मजदूरों के चले जाने के बाद अनस्किल्ड लेबर लगाकर किसी तरह काम चलाया जा रहा था. ये मजदूर जैसे-तैसे काम कर रहे हैं, मजदूरों को जानकारी नही हैं, लिहाजा खतरा भी बना है. उधर सिलेंडर डिस्पैच का दबाव भी है लिहाजा अब काम नहीं चल रहा है.

कुर्सी रोड पर स्थित ऑर्गेनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिनेश कुमार भी मजदूरों की कमी से परेशान हैं. इनका कहना है कि मजदूर नहीं होने से उत्पादन घटकर एक तिहाई से भी कम हो गया है. पैकेजिंग इंडस्ट्री चलाने वाले बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि एक तो मजदूर नही हैं, दूसरे कच्चा माल भी नहीं आ पा रहा ऐसे में उनके लिए यह बड़ी समस्या है.

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