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माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के सदस्य मुहम्मद सुहैब मुजाहिद की डेढ़ करोड़ की अचल संपत्ति कुर्क - barabanki ambulance case

बाराबंकी जिला प्रशासन और पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के एक सक्रिय सदस्य की मऊ जिले में स्थित करीब एक करोड़ 50 लाख रुपये की अचल संपत्ति को धारा 14(1) गैंगेस्टर ऐक्ट के तहत कुर्क किया है.

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Published : May 17, 2023, 8:14 PM IST

बाराबंकी: जिला प्रशासन और पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के एक सक्रिय सदस्य की मऊ जिले में स्थित अचल संपत्ति कुर्क की है. कुर्क की गई संपत्ति की कीमत करीब एक करोड़ 50 लाख रुपए बताई गई है. बुधवार को भारी पुलिस की मौजूदगी में जिला प्रशासन ने इस सम्पत्ति को कुर्क कर बाकायदा इसकी मुनादी भी कराई.

मुहम्मद सुहैब मुजाहिद की डेढ़ करोड़ संपत्ति कुर्क
मुहम्मद सुहैब मुजाहिद की डेढ़ करोड़ संपत्ति कुर्क
पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया माफिया मुख्तार अंसारी गिरोह का एक सक्रिय सदस्य मुहम्मद सुहैब मुजाहिद पुत्र मो. इजहारुल हसन निवासी जमालपुर मिर्जापुर पिछले 10-12 वर्षों से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था. उसने अपराध से धनोपार्जन कर खुद या परिजनों के नाम पर अवैध सम्पत्ति अर्जित की थी. मुहम्मद सुहैब के खिलाफ नगर कोतवाली में कई मुकदमे दर्ज हैं. बाराबंकी एम्बुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी के साथ इसका नाम भी आया था.
मुहम्मद सुहैब मुजाहिद की डेढ़ करोड़ संपत्ति कुर्क
मुहम्मद सुहैब मुजाहिद की डेढ़ करोड़ संपत्ति कुर्क
क्या था एम्बुलेंस मामलाः 31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई थी जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग (Barabanki Divisional Transport Department) ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की, तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था.
कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी (fake voter id) पर पंजीकृत थी. इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को क्रिमिनल लाॅ एमेंडमेंट ऐक्ट के तहत एआरटीओ प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए उसका नाम भी बढ़ाया गया था. विवेचना के दौरान मामले में 12 आरोपी सामने आए. जिनमें मुख्तार अंसारी, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद, आनंद यादव, मुहम्मद सुहैब मुजाहिद, अफरोज खां, जफर उर्फ चंदा, सुरेंद्र शर्मा,सलीम,मोहम्मद शाहिद और फिरोज कुरैशी के नाम सामने आए. इन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था. इस समय मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है. मामले में विवेचक द्वारा चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जा चुकी है.

यह भी पढ़ें: मुख्तार अंसारी के खास शूटर अंगद राय की 7 करोड़ 17 लाख की संपत्ति कुर्क

बाराबंकी: जिला प्रशासन और पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के एक सक्रिय सदस्य की मऊ जिले में स्थित अचल संपत्ति कुर्क की है. कुर्क की गई संपत्ति की कीमत करीब एक करोड़ 50 लाख रुपए बताई गई है. बुधवार को भारी पुलिस की मौजूदगी में जिला प्रशासन ने इस सम्पत्ति को कुर्क कर बाकायदा इसकी मुनादी भी कराई.

मुहम्मद सुहैब मुजाहिद की डेढ़ करोड़ संपत्ति कुर्क
मुहम्मद सुहैब मुजाहिद की डेढ़ करोड़ संपत्ति कुर्क
पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया माफिया मुख्तार अंसारी गिरोह का एक सक्रिय सदस्य मुहम्मद सुहैब मुजाहिद पुत्र मो. इजहारुल हसन निवासी जमालपुर मिर्जापुर पिछले 10-12 वर्षों से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था. उसने अपराध से धनोपार्जन कर खुद या परिजनों के नाम पर अवैध सम्पत्ति अर्जित की थी. मुहम्मद सुहैब के खिलाफ नगर कोतवाली में कई मुकदमे दर्ज हैं. बाराबंकी एम्बुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी के साथ इसका नाम भी आया था.
मुहम्मद सुहैब मुजाहिद की डेढ़ करोड़ संपत्ति कुर्क
मुहम्मद सुहैब मुजाहिद की डेढ़ करोड़ संपत्ति कुर्क
क्या था एम्बुलेंस मामलाः 31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई थी जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग (Barabanki Divisional Transport Department) ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की, तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था.
कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी (fake voter id) पर पंजीकृत थी. इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को क्रिमिनल लाॅ एमेंडमेंट ऐक्ट के तहत एआरटीओ प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए उसका नाम भी बढ़ाया गया था. विवेचना के दौरान मामले में 12 आरोपी सामने आए. जिनमें मुख्तार अंसारी, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद, आनंद यादव, मुहम्मद सुहैब मुजाहिद, अफरोज खां, जफर उर्फ चंदा, सुरेंद्र शर्मा,सलीम,मोहम्मद शाहिद और फिरोज कुरैशी के नाम सामने आए. इन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था. इस समय मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है. मामले में विवेचक द्वारा चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जा चुकी है.

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