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बाराबंकी: दिव्यांग बच्चों ने दुर्गा पूजा महोत्सव पर दी शानदार प्रस्तुति, भावुक हुए दर्शक

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में नव दुर्गा पूजा महोत्सव पर दिव्यांग बच्चों ने मंच पर प्रस्तुति दी. इस प्रस्तुति को देखकर दर्शक काफी भावुक हो उठे.

बाराबंकी में दिव्यांगों ने नव दुर्गा पूजा पर प्रस्तुति दी
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Published : Oct 5, 2019, 4:53 PM IST

बाराबंकी: "उम्मीद किरण" संस्था द्वारा आयोजित नव दुर्गा पूजा महोत्सव के मंच पर मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया. मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने नव दुर्गा पूजा महोत्सव में अपनी प्रस्तुति से लोगों को भावुक कर दिया. "दिल है छोटा सा छोटी सी आशा" गाने पर जब बच्चे थिरके तो लोग भावुक हो उठे. दर्शकों ने भी बच्चों की प्रस्तुति पर खुद-ब-खुद तालियां बजाई.

बाराबंकी में दिव्यांगों ने नव दुर्गा पूजा पर प्रस्तुति दी
"उम्मीद किरण" संस्था मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ म्यूजिक और डांस सिखा रही है. यह संस्था मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अर्चना श्रीवास्तव पिछले कई वर्षों से कोशिशों में लगी हैं.

नगर के छाया चौराहे के पास "उम्मीद किरण" नामक संस्था मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को तलाशती हैं और फिर उन्हें प्रशिक्षित करती हैं. बच्चों का उत्साहवर्धन हो और वो अपने को अलग-थलग न समझें, लिहाजा ऐसे मंचों पर उनके स्किल का प्रदर्शन करती हैं.

बाराबंकी: "उम्मीद किरण" संस्था द्वारा आयोजित नव दुर्गा पूजा महोत्सव के मंच पर मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया. मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने नव दुर्गा पूजा महोत्सव में अपनी प्रस्तुति से लोगों को भावुक कर दिया. "दिल है छोटा सा छोटी सी आशा" गाने पर जब बच्चे थिरके तो लोग भावुक हो उठे. दर्शकों ने भी बच्चों की प्रस्तुति पर खुद-ब-खुद तालियां बजाई.

बाराबंकी में दिव्यांगों ने नव दुर्गा पूजा पर प्रस्तुति दी
"उम्मीद किरण" संस्था मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ म्यूजिक और डांस सिखा रही है. यह संस्था मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अर्चना श्रीवास्तव पिछले कई वर्षों से कोशिशों में लगी हैं.

नगर के छाया चौराहे के पास "उम्मीद किरण" नामक संस्था मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को तलाशती हैं और फिर उन्हें प्रशिक्षित करती हैं. बच्चों का उत्साहवर्धन हो और वो अपने को अलग-थलग न समझें, लिहाजा ऐसे मंचों पर उनके स्किल का प्रदर्शन करती हैं.

Intro:बाराबंकी ,05 अक्टूबर । मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे उपेक्षा के नही बल्कि हमारे प्यार के भूखे हैं ।कुदरत ने भले ही इन बच्चों को आम बच्चो जैसा न बनाया हो लेकिन अगर इनको सही ढंग से तराशा जाय तो ये आम बच्चो से कम नही । कम से कम बाराबंकी में तो यही दिखाई दिया जहां मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने नव दुर्गा पूजा महोत्सव में अपनी प्रस्तुति से लोगों को भावुक कर दिया । "दिल है छोटा सा छोटी सी आशा ..." गाने पर जब ये बच्चे थिरके तो लोग भावुक हो उठे और उनके हाथ खुदबखुद तालियां बजाने के लिए उठ गए ।


Body:वीओ - मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ म्यूजिक और डांस सिखाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अर्चना श्रीवास्तव पिछले कई वर्षों से कोशिशों में लगी हैं । नगर के छाया चौराहे के पास "उम्मीद किरण" नामक संस्था के जरिये वो ऐसे बच्चों को तलाशती हैं और फिर उन्हें प्रशिक्षित करती हैं । बच्चो का उत्साह वर्धन हो और वो अपने को अलग थलग न समझें लिहाजा ऐसे मंचों पर उनके स्किल का प्रदर्शन करती हैं ।
बाईट - अर्चना श्रीवास्तव, संचालक उम्मीद किरण संस्था


Conclusion:रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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