बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी में जमीन के लालच में एक युवक ने बड़ी ही निर्ममता से अपने दादा की हत्या कर दी. छह माह पूर्व की गई इस वारदात को छुपाने के लिए हत्यारे ने शव को एक बक्से में रखकर तालाब में फेंक दिया था, लेकिन तालाब का पानी कम हुआ तो बॉक्स दिखाई देने लगा. ये देखकर हत्यारा पोता डर गया.
आरोपी को राजफाश होने का डर सताने लगा. घबराहट में उसने ये बात अपनी पत्नी को बता दी. इसी दौरान यह बात उसकी दादी ने भी सुन ली और हत्या का राज उजागर हो गया. दादी ने तुरंत इस मामले की शिकायत पुलिस में की. पुलिस ने आरोपी पोते को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया.
मामला जैदपुर थाना क्षेत्र के गंजरिया मजरे गढ़ी राखमऊ गांव का है. जहां सुनीता नाम की एक वृद्धा ने छह महीने पहले 08 जुलाई को अपने पति राधेश्याम की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने इस मामले में कुछ दिनों तक दिलचस्पी दिखाते हुए राधेश्याम की तलाश की, लेकिन धीरे-धीरे मामला ठंडा हो गया.
जमीन के लिए की दादा की हत्या
रविवार 03 जनवरी को वृद्धा ने जैदपुर पुलिस को सूचित किया कि मेरे पति राधेश्याम की हत्या मेरे पोते सहदेव उर्फ लल्लू ने की है और लाश को कहीं गायब कर दिया है. पुलिस ने इस आधार पर मुकदमा दर्ज कर सहदेव को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने सहदेव से पूछताछ की तो उसने हत्या करना स्वीकर कर लिया. सहदेव ने यह भी बताया कि उसने अपने दादा की हत्या जमीन के लालच में की थी. आरोपी को शक था कि उसका दादा जमीन को बेच न दे लिहाजा उसने हत्या की योजना बनाई.
हत्या कर तालाब में फेंका शव
पूछताछ के आधार पर सहदेव की निशानदेही पर जैदपुर पुलिस ने गांव के पास से ही एक सूखे तालाब के किनारे बॉक्स बरामद किया. बॉक्स के अंदर कंकाल था. पटरेदार अंडरवियर के आधार पर सुनीता ने कंकाल की शिनाख्त राधेश्याम के रूप में की.
सिर को धड़ से किया अलग
6 जुलाई को रात में सोते समय सहदेव ने राधेश्याम की गला दबाकर हत्या कर दी थी. फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए वो घर से थोड़ी दूर पर स्थित एक पेड़ के पास लाया. फिर घर से लोहे का बक्सा लाया. सहदेव ने शव को बक्से में रखना चाहा लेकिन शव उसमें नहीं आया. ऐसे में आरोपी ने दादा के सिर को धड़ से अलग कर बक्से में डाल दिया. इसके बाद आरोपी ने बक्से को गांव के किनारे स्थित एक तालाब में फेंक दिया.
ऐसे खुला हत्या का राज
छह महीने पहले जब आरोपी सहदेव ने दादा की लाश को बक्से में बंद कर तालाब में फेंका था तब उसमें काफी पानी भरा हुआ था. लेकिन हाल के दिनों में जब तालाब में पानी कम होने लगा तो सहदेव घबरा गया. आरोपी सहदेव को ये डर सताने लगा कि अब हत्या का राज खुल जाएगा. इसी घबराहट में उसने ये पूरी बात अपनी पत्नी को बता दी. उसे नहीं मालूम था कि उसकी दादी भी यह बात सुन रही है. दादी ने तुरंत इस बारे में पुलिस को सूचित किया और फिर हत्या का राज खुल गया.