बाराबंकी: जनपद में पिछले कई वर्षों से अपनी पहचान को खोती गोमती की सहायक नदी कल्याणी का लॉकडाउन के बाद अपने जनपद लौटे प्रवासी मजदूरों ने अपनी मेहनत और लगन से कायाकल्प कर दिया. अब कल्याणी की धारा अविरल बहती हुई नजर आ रही है. पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में भी इस नदी का जिक्र किया था और प्रवासी मजदूरों की सराहना की थी.
राज्यपाल ने की तारीफ
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को होलीपुरवा मजरे मवैया में कल्याणी नदी के तट पर पीपल का पौधा रोपा. राज्यपाल ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद सीधे नदी के तट पर पौधरोपण किया और कल्याणी नदी के प्राकृतिक स्वरूप को निहार कर खुशी जताते हुए नदी का कायाकल्प करने वाले श्रमिकों, मवैया व हैदरगंज के ग्राम प्रधानों और प्रशासन की सराहना की.
उन्होंने नदी के किनारे मवैया गांव के समूह की महिलाओं द्वारा औषधीय वाटिका लगाए जाने की सराहना भी की. उन्होंने हर बच्चे को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करते हुए बालिका शिक्षा पर बल दिया. इस कार्यक्रम में बीजेपी के विधायक सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे.
'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम ने किया उल्लेख
उल्लेखनीय है कि विलुप्त हो रही कल्याणी नदी को मवैया गांव में मनरेगा से दोबारा खोदवाकर प्राकृतिक स्वरूप देने का काम किया गया है. मवैया में 2600 मीटर नदी की सिल्ट सफाई के बाद पड़ोस की ग्राम पंचायत हैदरगंज में भी काम चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मन की बात' कार्यक्रम में कल्याणी नदी की सिल्ट सफाई में प्रवासी श्रमिकों के योगदान को सराहा था. इसके बाद उत्साहित अधिकारियों वन महोत्सव का आयोजन कर वृहद पौधरोपण कराया.