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बाराबंकी के इस उपवन में आपको दिखेंगे गांधीजी के पसंदीदा पेड़ - barabanki fresh news

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जिला प्रशासन ने एक अनोखा ईको सिस्टम डेवलप किया है. यहां गांधी उपवन का निर्माण किया गया है. इसमें गांधीजी के पसंदीदा पौधों को लगाया गया है.

इस उपवन में आपको दिखेंगे गांधीजी के पसंदीदा पेड़.
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Published : Aug 10, 2019, 10:41 AM IST

बाराबंकी: जिला प्रशासन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अनोखे ढंग से याद किया है. प्रशासन ने वन विभाग के सहयोग से गांधीजी के पसंदीदा पेड़-पौधों को लगाकर गांधी उपवन का निर्माण किया है. भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ पर शुक्रवार को बाकायदा इस उपवन में शासन से आई अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के नेतृत्व में 1100 पौधे लगाए. प्रशासन ने इस क्षेत्र को इकोलॉजिकली माइक्रो सिस्टम डेवलप करने की योजना बनाई है.

इस उपवन में आपको दिखेंगे गांधीजी के पसंदीदा पेड़.

गांधी उपवन का हुआ निर्माण

  • भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ पर बाराबंकी जिला प्रशासन ने एक अनोखा ईको सिस्टम डेवलप किया है.
  • मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर लखनऊ-अयोध्या हाईवे के किनारे रसौली के पास गांधी उपवन की स्थापना की गई.
  • इस उपवन की खास बात यह रही कि इसमें वही पौधे लगाए गए हैं जो गांधीजी को पसंद थे.
  • वन विभाग ने गांधीजी के साहित्य का गहनता से अध्ययन करने के बाद ऐसे पौधे का चयन किया.
  • अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के नेतृत्व में जिलाधिकारी, सीडीओ, पीएसी कमांडेंट, एडीएम,भाजपा संसद,विधायक शरद अवस्थी,विधायक सतीश शर्मा समेत तमाम लोगों ने एक साथ पौधरोपण किया.

बाराबंकी: जिला प्रशासन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अनोखे ढंग से याद किया है. प्रशासन ने वन विभाग के सहयोग से गांधीजी के पसंदीदा पेड़-पौधों को लगाकर गांधी उपवन का निर्माण किया है. भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ पर शुक्रवार को बाकायदा इस उपवन में शासन से आई अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के नेतृत्व में 1100 पौधे लगाए. प्रशासन ने इस क्षेत्र को इकोलॉजिकली माइक्रो सिस्टम डेवलप करने की योजना बनाई है.

इस उपवन में आपको दिखेंगे गांधीजी के पसंदीदा पेड़.

गांधी उपवन का हुआ निर्माण

  • भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ पर बाराबंकी जिला प्रशासन ने एक अनोखा ईको सिस्टम डेवलप किया है.
  • मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर लखनऊ-अयोध्या हाईवे के किनारे रसौली के पास गांधी उपवन की स्थापना की गई.
  • इस उपवन की खास बात यह रही कि इसमें वही पौधे लगाए गए हैं जो गांधीजी को पसंद थे.
  • वन विभाग ने गांधीजी के साहित्य का गहनता से अध्ययन करने के बाद ऐसे पौधे का चयन किया.
  • अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के नेतृत्व में जिलाधिकारी, सीडीओ, पीएसी कमांडेंट, एडीएम,भाजपा संसद,विधायक शरद अवस्थी,विधायक सतीश शर्मा समेत तमाम लोगों ने एक साथ पौधरोपण किया.
Intro:बाराबंकी ,10 अगस्त । बाराबंकी जिला प्रशासन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अनोखे ढंग से याद किया है । प्रशासन ने वन विभाग के सहयोग से गाँधीजी के पसंदीदा पेड़-पौधों को लगाकर एक गांधी उपवन का निर्माण किया है । भारत छोड़ो आंदोलन की 77 वी वर्षगांठ के मौके पर शुक्रवार को बाकायदा इस उपवन में शासन से आई अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के नेतृत्व में 11 सौ पेड़ लगाए गए । खास बात ये कि इस उपवन में उन पेड़ों को लगाया गया है जो गांधीजी को पसंद थे । इसके लिए विभाग ने बाकायदा पहले से ही अध्ययन कर ऐसे पेड़ों का चुनाव कर लिया था । प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र को एकोलॉजिकली माइक्रो सिस्टम डेवेलप करने की योजना बनाई है ।


Body:वीओ - भारत छोड़ो आंदोलन की 77 वी वर्षगांठ के मौके पर बाराबंकी जिला प्रशासन ने एक अनोखा ईको सिस्टम डेवलप किया है । मुख्यालय से 12 किमी दूर लखनऊ-अयोध्या हाइवे के किनारे रसौली के पास एक गांधी उपवन की स्थापना की गई है । खास बात ये की इस उपवन में वही पेड़ लगाए गए हैं जो गाँधीजी को पसंद थे । शुक्रवार को इस उपवन में एक साथ 11 सौ पेड़ लगाए गए । वन विभाग ने गाँधीजी के साहित्य का गहनता से अध्ययन करने के बाद ऐसे पेड़ों का चयन किया । अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के नेतृत्व में जिलाधिकारी, सीडीओ, पीएसी कमांडेंट राजेश कृष्ण, एडीएम,भाजपा संसद उपेंद्र रावत,विधायक शरद अवस्थी,विधायक सतीश शर्मा समेत तमाम लोगों ने एक साथ पौधरोपण किया । रेणुका कुमार ने इस अनोखी पहल की बाबत बताया कि आने वाले दिनों में ये एक बड़ा उपवन बनकर सामने आएगा ।
बाईट - रेणुका कुमार , अपर मुख्य सचिव उत्तरप्रदेश शासन

वीओ - प्रशासन इस क्षेत्र को एकोलॉजिकली डेवेलप करेगा । इसके लिए यही एक निराश्रित गौवंश आश्रय स्थल भी बनाया जाएगा साथ ही वर्मीकम्पोस्ट प्लांट भी लगाकर इस क्षेत्र को दर्शनीय बनाया जाएगा ।
बाईट - डॉ आदर्श सिंह , जिलाधिकारी बाराबंकी

वीओ - समाजसेवियों में इस गांधी उपवन को लेकर खासा उत्साह है । इनका कहना है कि गाँधीजी के स्वच्छता प्रेम और पर्यावरण प्रेम को देखते हुए वन विभाग द्वारा गाँधीजी को याद करने की इस पहल से जिले का विकास होगा ।
बाईट - प्रदीप सारंग , समाजसेवी




Conclusion:
भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ के मौके पर जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इस तरीके से याद बाकी रखना वाकई काबिले तारीफ है । निश्चय ही इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि गाँधीजी लोगों के दिलों में भी रहेंगे ।
रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
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