बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी में एक युवक का अपहरण कर पुलिसकर्मियों द्वारा उससे रंगदारी मांगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस कप्तान द्वारा कराई गई जांच में मामला सही पाया गया. पुलिस अधीक्षक ने चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया है. इस मामले में अभी कुछ और पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है.
युवक को जबरन कार में बैठा लिया
मसौली थाना क्षेत्र के भूलीगंज का रहने वाला राहुल सिंह 16 अक्टूबर को शाम करीब सात बजे घर का सामान लेने के लिए निकला था. मसौली चौराहे पर सफदरगंज थाना क्षेत्र के तुरकानी का रहने वाला संदीप यादव उससे मिला. संदीप ने राहुल से कहा कि लखनऊ से कुछ लोग जमीन खरीदने आ रहे हैं, उन्हें चलकर दिखा दो. थोड़ी देर बाद चौराहे पर दो कारें आकर रुकी. उसमें बैठे लोगों ने राहुल को कार में बैठा लिया और जबरन लेकर चले गए.
फर्जी मामले में फंसाने की धमकी देकर मांगी रंगदारी
कार सवार लोग उसे कोठी थाने के उस्मानपुर गांव ले गए और एक मकान में बंद कर दिया. इन लोगों ने राहुल को धमकाया और कहा कि तुम मार्फीन का काम करते हो. उसने विरोध किया कि ये सब गलत है. उन लोगों ने कहा कि अगर यहीं छूटना है तो पांच लाख रुपयों का इंतजाम करो. बाद में इन लोगों ने अपने को सिपाही बताया और उसे कोठी थाने ले गए. राहुल के मुताबिक थाने में उसे प्रताड़ित किया गया. डरे-सहमे राहुल ने अपने मोबाइल से परिवार और दोस्तों को फोन किया.
तीन लाख रुपये देने पर छोड़ा गया
परिवार के विवेक सिंह और नियामतपुर के संदीप सिंह से उसने डेढ़-डेढ़ लाख रुपये मंगवाए. ये तीन लाख रुपये उसने कोठी थानाध्यक्ष के सामने उन लोगों को दिए. कुछ देर बाद उसे धमकी देते हुए थाने से भगा दिया गया. राहुल के मुताबिक दोनों गाड़ियों में करीब सात लोग थे. तीन सिपाहियों को वो पहचानता था, जबकि दूसरी कार में तीन चार सिपाही और थे, जिन्हें वो नही पहचानता था.
चार सिपाहियों को किया गया निलंबित
अपने साथ हुई इस घटना की शिकायत राहुल ने शनिवार को एसपी से की. यही नहीं उसने ये शिकायत सांसद और विधायक से करने के अलावा मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की. मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान ने चार सिपाहियों कोठी थाने के नीलेश सिंह, जमाल और पुलिस लाइन में तैनात आशीष तिवारी और अमित सिंह को निलंबित कर दिया. साथ ही पूरे प्रकरण की जांच सीओ रामसनेहीघाट को सौंपी है.