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बाराबंकी की इस लैब में जन्म लेगी 'टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी' - बाराबंकी में पहला टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी सेंटर

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में ऐसी पहली लैब खुली है, जहां टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी जन्म लेगी. इस फार्म में खास ढंग से गायों का भ्रूण प्रत्यारोपण हो रहा है, जिसके जरिए अच्छी नस्ल की बछिया और बछड़ों को पैदा किया जा रहा है.

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इस अनोखे लैब में लेंगे टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी जन्म.
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Published : Dec 3, 2019, 7:41 PM IST

बाराबंकी: भ्रूण प्रत्यारोपण कर अच्छी नस्लों की बछिया और बछड़े पैदा करने वाली सूबे की पहली लैब में जल्द ही टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी का जन्म होगा. इसके लिए चक गंजरिया फार्म में स्थित लैब को और हाईटेक बनाया जा रहा है.

इस अनोखे लैब में लेंगे टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी जन्म.

जल्द टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी का होगा जन्म

  • बाराबंकी स्थित चक गंजरिया फार्म है.
  • इस फार्म की स्थापना वर्ष 1949-50 में लखनऊ में की गई थी.
  • वर्ष 2015 में इसे बाराबंकी के जहांगीराबाद में स्थानांतरित कर दिया गया था.
  • 25 एकड़ भूमि पर बने इस राजकीय पशुधन प्रक्षेत्र की सूबे में खासी पहचान है.
  • यह प्रदेश की पहली अकेली एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी लैब है.
  • इस फार्म में खास ढंग से गायों का भ्रूण प्रत्यारोपण होता है.
  • इसके जरिए अच्छी नस्ल की बछिया और बछड़ों को पैदा किया जा रहा है.
  • इसके लिए इस लैब को और भी मॉडिफाई किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- तेजस के पैसेंजर्स चाह रहे फेयर 'लेस' फैसिलिटी 'मोर'

गाय के हार्मोन के जरिए सुपर आबूलेशन

  • अच्छी नस्ल की गाय को हार्मोन के जरिए सुपर आबूलेशन करते हैं.
  • इस प्रक्रिया से गाय से सामान्यतया एक अंडे की बजाय 10 से 20 अंडे निकलते हैं.
  • उन अंडों का कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है, जिससे अंडे फर्टिलाइज होकर भ्रूण में बदल जाते हैं.
  • फार्म में नई तकनीक के जरिए बछिया पैदा की जा रही हैं.
  • तकरीबन 90 फीसदी बछिया पैदा हो रही हैं, जबकि 10 फीसदी उच्च कोटि के बछड़े पैदा हो रहे हैं.
  • इन बछड़ों को वीर्य उत्पादन केंद्रों पर भेजा जाता है, जहां पशुपालक इसका लाभ उठाते हैं.

बाराबंकी: भ्रूण प्रत्यारोपण कर अच्छी नस्लों की बछिया और बछड़े पैदा करने वाली सूबे की पहली लैब में जल्द ही टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी का जन्म होगा. इसके लिए चक गंजरिया फार्म में स्थित लैब को और हाईटेक बनाया जा रहा है.

इस अनोखे लैब में लेंगे टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी जन्म.

जल्द टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी का होगा जन्म

  • बाराबंकी स्थित चक गंजरिया फार्म है.
  • इस फार्म की स्थापना वर्ष 1949-50 में लखनऊ में की गई थी.
  • वर्ष 2015 में इसे बाराबंकी के जहांगीराबाद में स्थानांतरित कर दिया गया था.
  • 25 एकड़ भूमि पर बने इस राजकीय पशुधन प्रक्षेत्र की सूबे में खासी पहचान है.
  • यह प्रदेश की पहली अकेली एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी लैब है.
  • इस फार्म में खास ढंग से गायों का भ्रूण प्रत्यारोपण होता है.
  • इसके जरिए अच्छी नस्ल की बछिया और बछड़ों को पैदा किया जा रहा है.
  • इसके लिए इस लैब को और भी मॉडिफाई किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- तेजस के पैसेंजर्स चाह रहे फेयर 'लेस' फैसिलिटी 'मोर'

गाय के हार्मोन के जरिए सुपर आबूलेशन

  • अच्छी नस्ल की गाय को हार्मोन के जरिए सुपर आबूलेशन करते हैं.
  • इस प्रक्रिया से गाय से सामान्यतया एक अंडे की बजाय 10 से 20 अंडे निकलते हैं.
  • उन अंडों का कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है, जिससे अंडे फर्टिलाइज होकर भ्रूण में बदल जाते हैं.
  • फार्म में नई तकनीक के जरिए बछिया पैदा की जा रही हैं.
  • तकरीबन 90 फीसदी बछिया पैदा हो रही हैं, जबकि 10 फीसदी उच्च कोटि के बछड़े पैदा हो रहे हैं.
  • इन बछड़ों को वीर्य उत्पादन केंद्रों पर भेजा जाता है, जहां पशुपालक इसका लाभ उठाते हैं.
Intro:बाराबंकी ,03 दिसम्बर । भ्रूण प्रत्यारोपण कर अच्छी नस्लों की बछिया और बछड़े पैदा करने वाली सूबे की पहली लैब में जल्द ही टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी का जन्म होगा । इसके लिए चक गंजरिया फार्म में स्थित लैब को और हाईटेक बनाया जा रहा है ।


Body:वीओ- यह है बाराबंकी स्थित चक गंजरिया फार्म । वर्ष 1949- 50 में लखनऊ में इसकी स्थापना की गई थी लेकिन वर्ष 2015 में इसे बाराबंकी के जहांगीराबाद में स्थानांतरित कर दिया गया । पच्चीस एकड़ भूमि पर बने इस राजकीय पशुधन प्रक्षेत्र की सूबे में खासी पहचान है । यहां प्रदेश की पहली अकेली एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी लैब है । जहां खास ढंग से गायों का भ्रूण प्रत्यारोपण होता है । इसके जरिए अच्छी नस्ल की बछिया और बछड़ों को पैदा किया जा रहा है । जल्द ही यहां टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी का जन्म होगा। इसके लिए इस लैब को और भी मॉडिफाई किया जा रहा है ।
बाईट- डॉ एमपी सिंह, फार्म मैनेजर

वीओ- अच्छी नस्ल की गाय को हार्मोन के जरिए सुपर आबूलेशन करते हैं जिससे कि उस गाय से सामान्यतया एक अंडे की बजाय 10 से 20 अंडे निकलते हैं । फिर उन अंडों का कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है जिससे अंडे फर्टिलाइज होकर भ्रूण में बदल जाते हैं । यहां नई तकनीक के जरिए बछिया पैदा की जा रही हैं । तकरीबन 90 फीसदी बछिया पैदा हो रही हैं जबकि 10 फ़ीसदी उच्च कोटि के बछड़े पैदा हो रहे हैं । इन बछड़ों को वीर्य उत्पादन केंद्रों पर भेजा जाता है जहां पशुपालक इसका लाभ उठाते हैं ।
बाईट-डॉक्टर संतोष कुमार यादव, लैब इंचार्ज प्रभारी डॉक्टर


Conclusion:रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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