बाराबंकी: जिले में धान खरीदने का 1 लाख 10 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य है. 1 नवंबर से धान की खरीददारी शुरू हुई लेकिन नवीन मंडी की विपणन शाखा पर अभी तक 219 क्विंटल धान ही खरीदा जा सका है. जिले में कुल 41 धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन सभी का यही हाल है. ज्यादातर किसानों के नाम में गड़बड़ी होने के वजह से वह कागजी कार्रवाई में उलझ गए हैं.
वहीं प्रशासन इसको लेकर गंभीर है और जल्द ही इसका निराकरण करने की बात कह रहा है. अगर यही हाल रहा तो धान खरीदने का निर्धारित लक्ष्य पूरा करना कठिन होगा. किसानों का कहना है उनकी उपज के मुताबिक मानक तय नहीं किया गया है, जिसकी वजह से बचे हुए धान को बिचौलियों के पास भेजना पड़ता है.
खेती के लिए काफी प्रसिद्ध है ये जिला
बाराबंकी जिला खेती किसानी के लिए जाना जाता है और यहां पर उन्नत खेती के लिए तमाम प्रकार के प्रयोग किसान करते रहते हैं. यहीं वजह है कि यहां उपज काफी बेहतर है. इस समय धान खरीदा जा रहा है और सरकारी मूल्य, जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य कहते हैं 1815 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है. सरकार के इस मूल्य से किसान काफी खुश हैं. समस्या इस बात की है कि 1 नवंबर से जिले में धान सरकारी केंद्रों पर क्रय करने की योजना बनाई गई है. इसके लिए 41 केंद्र भी बनाए गए किंतु लगभग सभी जगहों पर किसानों के नाम में गड़बड़ी के चलते जिस रफ्तार से खरीद शुरू होनी चाहिए थी, वह धराशायी होती दिखाई पड़ रही है.
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लक्ष्य तक पहुंचना हुआ मुश्किल
इस वर्ष 1 लाख 10 हजार मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. परंतु जिस प्रकार से रफ्तार है उससे यह साफ पता चलता है कि, अगर यही स्थिति रही तो लक्ष्य तक पहुंचना काफी मुश्किल होगा. किसानों ने बताया कि छोटी-छोटी कमियों के कारण उन्हें कागजी कार्रवाई में उलझना पड़ रहा है और उनका पूरा दिन कागजों की पूर्ति करने में लग जा रहा है. यदि उनके नाम या किसी चीज में कहीं गड़बड़ी है तो उसको अपडेट करने की व्यवस्था भी सरकार को करनी चाहिए, जिससे वह बिना परेशानी के अपने अनाज को बेच सकें.
किसान बेच सकते हैं किसी भी केन्द्र पर धान
किसानों का यह भी कहना है कि उपज का मानक 1 बीघे में 4 क्विंटल और 40 किलो ग्राम है, जबकि धान का बीज बनाने वाली कंपनियां कहती है कि, 1 बीघे में 7 से 8 क्विंटल धान होगा और ऐसा होता भी है लेकिन सरकार का मानक 4 क्विंटल और 40 किलो है. इसकी वजह से करीब 3 क्विंटल धान बिचौलियों को बेचना पड़ता है और इस तरफ सरकार का विशेष ध्यान होना चाहिए.
वहीं बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह का कहना है कि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए अब वह किसी भी केंद्र पर जाकर अपना धान बेच सकते हैं और इस बार जो लक्ष्य रखा गया है 1 लाख 10 हजार मीट्रिक टन का उसको प्राप्त करने की दिशा में हम काम भी कर रहे हैं. 1 नवंबर से हमारा यह अभियान जिले भर में 41 केंद्रों के माध्यम से हो रहा है.