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यहां स्ट्रॉबेरी की खेती से किसान हो रहे खुशहाल, एक एकड़ में कमा रहे 9 से 10 लाख मुनाफा

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Published : Dec 31, 2019, 11:03 AM IST

Updated : Dec 31, 2019, 11:29 AM IST

बाराबंकी के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. 2012 में जिले के बसबरौली गांव निवासी सत्येंद्र वर्मा ने इसकी खेती शुरू की थी. इस समय कुल 20 से 25 किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं.

स्ट्रॉबेरी की खेती
स्ट्रॉबेरी की खेती

बाराबंकीः जिले में इन दिनों 20 से 25 एकड़ क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही है, क्योंकि किसानों को इस खेती से काफी मुनाफा हो रहा है. स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत करने वाले किसान सत्येंद्र वर्मा ने बताया कि 2012 से उन्होंने इंटरनेट पर देखकर इसकी खेती की शुरुआत की. शुरुआत में कुल 400 पौधे हिमाचल प्रदेश से लेकर आए. पहले 6 बिस्वा में लगाया और उसके बाद आधा एकड़. आगे चलकर उन्होंने 3 एकड़ तक इसकी खेती की.

स्ट्रॉबेरी की खेती से मुनाफा कमा रहे किसान.

सत्येंद्र वर्मा कहते हैं कि इस साल एक एकड़ में इसकी खेती कर रहे हैं. एक एकड़ में खेती में इसको उगाने से लेकर बेचने तक में 4 लाख रुपये लागत आती है. इससे करीब 9 लाख से 10 लाख रुपए का फायदा होता है. आसपास के जिलों में भी बाराबंकी से सीख लेकर लोग खेती कर रहे हैं. बरेली, लखीमपुर, प्रयाग, सुलतानपुर में अब इसकी खेती का माध्यम बाराबंकी जिला बन चुका है. उन्होंने कहा कि इसकी खेती कर वे सभी मोहिबुल्लापुर, सीतापुर रोड लखनऊ नवीन गल्ला मंडी में ले जाकर बेचते हैं.

पढ़ें- जैविक खेती के लिए किसान गोष्ठी, दी गई अहम जानकारियां

सतेन्द्र वर्मा करते हैं कि इस खेती का प्रभाव आसपास के जिलों में भी है. एक एकड़ में कुल मिलाकर 4 लाख की लागत आती है और उपज 80 से 120 कुंतल तक होती है. दिसंबर और जनवरी के महीने में यह 350 रुपए प्रति किलो बिकती है. बरेली, लखीमपुर, प्रयाग, सुल्तानपुर और बाराबंकी के किसान भी इसकी खेती करना सीख रहे हैं. एक एकड़ में कम से कम 9 से 10 लाख रुपए का फायदा होता है. इसके पौधे में दो प्रकार की वैरायटी प्रसिद्ध है, जिसमें नावेला इटालियन और विंटर डाउन कैलिफोर्निया की वैरायटी है.

बाराबंकीः जिले में इन दिनों 20 से 25 एकड़ क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही है, क्योंकि किसानों को इस खेती से काफी मुनाफा हो रहा है. स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत करने वाले किसान सत्येंद्र वर्मा ने बताया कि 2012 से उन्होंने इंटरनेट पर देखकर इसकी खेती की शुरुआत की. शुरुआत में कुल 400 पौधे हिमाचल प्रदेश से लेकर आए. पहले 6 बिस्वा में लगाया और उसके बाद आधा एकड़. आगे चलकर उन्होंने 3 एकड़ तक इसकी खेती की.

स्ट्रॉबेरी की खेती से मुनाफा कमा रहे किसान.

सत्येंद्र वर्मा कहते हैं कि इस साल एक एकड़ में इसकी खेती कर रहे हैं. एक एकड़ में खेती में इसको उगाने से लेकर बेचने तक में 4 लाख रुपये लागत आती है. इससे करीब 9 लाख से 10 लाख रुपए का फायदा होता है. आसपास के जिलों में भी बाराबंकी से सीख लेकर लोग खेती कर रहे हैं. बरेली, लखीमपुर, प्रयाग, सुलतानपुर में अब इसकी खेती का माध्यम बाराबंकी जिला बन चुका है. उन्होंने कहा कि इसकी खेती कर वे सभी मोहिबुल्लापुर, सीतापुर रोड लखनऊ नवीन गल्ला मंडी में ले जाकर बेचते हैं.

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सतेन्द्र वर्मा करते हैं कि इस खेती का प्रभाव आसपास के जिलों में भी है. एक एकड़ में कुल मिलाकर 4 लाख की लागत आती है और उपज 80 से 120 कुंतल तक होती है. दिसंबर और जनवरी के महीने में यह 350 रुपए प्रति किलो बिकती है. बरेली, लखीमपुर, प्रयाग, सुल्तानपुर और बाराबंकी के किसान भी इसकी खेती करना सीख रहे हैं. एक एकड़ में कम से कम 9 से 10 लाख रुपए का फायदा होता है. इसके पौधे में दो प्रकार की वैरायटी प्रसिद्ध है, जिसमें नावेला इटालियन और विंटर डाउन कैलिफोर्निया की वैरायटी है.

Intro: बाराबंकी, 30 दिसंबर। बाराबंकी के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर कमा रहे हैं मोटा मुनाफा. 2012 में जिले के बसबरौली गांव निवासी सत्येंद्र वर्मा ने शुरू की थी खेती. इस समय कुल 20 से 25 किसान कर रहे हैं स्ट्रॉबेरी की खेती. आसपास के जिलों में भी है इसका प्रभाव. 1 एकड़ में कुल मिलाकर आती है चार लाख की लागत और उपज 80 से 120 कुंतल तक होती है. दिसंबर और जनवरी के महीने में यह 350 रुपए प्रति किलो बिकती है. बरेली, लखीमपुर , प्रयाग, सुल्तानपुर में भी बाराबंकी सही लोग ले रहे हैं सीख. 1 एकड़ में कम से कम 9 से 10 लाख रुपए का है फायदा. इसके पौधे में दो प्रकार की वैरायटी है प्रसिद्ध जिसमें नावेला इटालियन वैरायटी और विंटर डाउन कैलिफोर्निया की वैरायटी है.


Body:बाराबंकी में इन दिनों जिले के 20 से 25 एकड़ परिक्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही है जिससे किसान मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत करने वाले किसान सत्येंद्र वर्मा से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि, 2012 से उन्होंने इंटरनेट पर देखकर इसकी खेती की शुरुआत की.
प्रारंभ में कुछ 400 पौधे हिमाचल प्रदेश से लेकर आए थे, फिर 6 बिस्वा लगाया, और उसके बाद आधा एकड़. आगे चलकर 3 एकड़ तक इसकी खेती उन्होंने की .
इस साल 1 एकड़ में इसकी खेती कर रहे हैं , 1 एकड़ में खेती की कुल लागत इसको उगाने से लेकर बेचने तक की चार लाख रुपए आती है ,और इससे करीब 9 लाख से 10 लाख रुपए का फायदा होता है. आसपास के जिलों में भी बाराबंकी सही सीख लेकर लोग खेती कर रहे हैं. बरेली ,लखीमपुर, प्रयाग, सुल्तानपुर में अब इसकी खेती का माध्यम बाराबंकी जिला बन चुका है.
सतेन्द्र वर्मा ने बातचीत में बताया कि , उन्होंने अधिकतम 12 लाख रुपए का फायदा स्ट्रॉबेरी की स्वीट चार्ली वैरायटी से कमाया था.
इसकी सबसे ज्यादा उपज फरवरी से मार्च के महीने में होती है, और उस समय यह सौ रुपए किलो में भी बिकती है.
लेकिन अभी इस समय यह ₹350 रुपए प्रति किलो बिक रही है. यदि औसत मान लिया जाए तो 100 से 120 कुंतल प्रति एकड़ इसकी पैदावार है.
यदि आपने सबसे न्यूनतम मूल्य पर भी यह बीके तो भी करीब 12 लाख रुपए में इसकी बिक्री होगी, और चार लाख रुपए की लागत को निकाल लिया जाए तो, भी करीब आठ लाख का फायदा होगा.
सतेंद्र वर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में उनके पास स्ट्रॉबेरी की 2 वैरायटी मौजूद है.
पहला इटालियन वैरायटी नावेला है जिस की उपज 1 किलो प्रति पौधा है.
वहीं दूसरी वैरायटी कैलिफोर्निया की विंटरडाउन है जिसकी उपज 800 ग्राम प्रति पौधा है.

इसमें नावेला वैरायटी उपज और स्वाद दोनों के लिहाज से बेहतर है


Conclusion:byte-

1- सतेंद्र वर्मा, स्ट्राबेरी की खेती की शुरुआत करने वाले किसान, बसबरौली , बाराबंकी.


रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
Last Updated : Dec 31, 2019, 11:29 AM IST
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