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बाराबंकी: बीमारियों को दावत दे रहा खुली नालियों में बिखरा पड़ा कचरा

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. नवाबगंज नगर पालिका के वार्डों में कूड़े और गंदगी की भरमार है.

नालियों में बिखरा पड़ा कचरा.
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Published : Aug 7, 2019, 10:08 AM IST

बाराबंकी: जिले में खुली नालियों में बिखरा कचरा लोगों की समस्या का कारण बन गया है. अधिकारी और नगर पालिका के लोग इससे मुंह फेरे हुए हैं. खुली नालियों में बच्चों के गिरने और दुर्घटना होने का खतरा लगातार बना हुआ है. वहीं बारिश के सीजन में कचरा जमा होने से बदबू और बीमारियों का भी खतरा मंडरा रहा है. नालियों की सफाई तो छह महीने बाद होती है. कचरे की सफाई पांच-छह दिन और कभी-कभी तो 10 दिन बाद होती है.

जानकारी देते स्थानीय निवासी.

नगर पालिका की अनदेखी का शिकार शहर-

  • नगर पालिका नवाबगंज में स्वच्छता और सफाई व्यवस्था की स्थिति बदतर है.
  • खुली नालियों के कारण बदबू और बीमारियां लगातार फैल रही हैं.
  • लोग दुर्गंध भरे माहौल में जीने को मजबूर हैं.
  • बारिश होने के बाद नालियों में भरे कचरे के कारण चारों तरफ पानी भर गया है.
  • कचरा न उठाए जाने से दुर्गंध और बीमारी दोनों की स्थिति बनी हुई है.

पढ़ें- मुंबई में भारी बारिश बनी यात्रियों के लिए आफत, लखनऊ से जाने वाली तमाम ट्रेनें रद्द

अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों से बात करने पर हर बार यह आश्वासन दिया जाता है कि वह इसे ठीक करा देंगे, लेकिन परिस्थितियां जस की तस बनी रहती हैं.

साफ-सफाई लगातार की जा रही है. जहां भी कूड़े को लेकर दिक्कतें आ रही हैं, वहां कर्मचारियों को हिदायत दी जा रही है. कभी-कभी लेट लतीफी हो जाती है, जिसे जल्द ही दुरुस्त कर लिया जायेगा.
-वीरेंद्र कुमार, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका नवाबगंज

बाराबंकी: जिले में खुली नालियों में बिखरा कचरा लोगों की समस्या का कारण बन गया है. अधिकारी और नगर पालिका के लोग इससे मुंह फेरे हुए हैं. खुली नालियों में बच्चों के गिरने और दुर्घटना होने का खतरा लगातार बना हुआ है. वहीं बारिश के सीजन में कचरा जमा होने से बदबू और बीमारियों का भी खतरा मंडरा रहा है. नालियों की सफाई तो छह महीने बाद होती है. कचरे की सफाई पांच-छह दिन और कभी-कभी तो 10 दिन बाद होती है.

जानकारी देते स्थानीय निवासी.

नगर पालिका की अनदेखी का शिकार शहर-

  • नगर पालिका नवाबगंज में स्वच्छता और सफाई व्यवस्था की स्थिति बदतर है.
  • खुली नालियों के कारण बदबू और बीमारियां लगातार फैल रही हैं.
  • लोग दुर्गंध भरे माहौल में जीने को मजबूर हैं.
  • बारिश होने के बाद नालियों में भरे कचरे के कारण चारों तरफ पानी भर गया है.
  • कचरा न उठाए जाने से दुर्गंध और बीमारी दोनों की स्थिति बनी हुई है.

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अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों से बात करने पर हर बार यह आश्वासन दिया जाता है कि वह इसे ठीक करा देंगे, लेकिन परिस्थितियां जस की तस बनी रहती हैं.

साफ-सफाई लगातार की जा रही है. जहां भी कूड़े को लेकर दिक्कतें आ रही हैं, वहां कर्मचारियों को हिदायत दी जा रही है. कभी-कभी लेट लतीफी हो जाती है, जिसे जल्द ही दुरुस्त कर लिया जायेगा.
-वीरेंद्र कुमार, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका नवाबगंज

Intro: बाराबंकी, 06 अगस्त । बाराबंकी में खुली नालियां और बिखरा कचरा लोगों की समस्या का कारण बन गया है. अधिकारी और नगरपालिका के लोग इससे मुंह फेरे हुए हैं. खुली नालियों मे बच्चों के गिरने और दुर्घटना होने का खतरा लगातार बना हुआ है. वही बरसात के सीजन में कचरा होने से बदबू और बीमारियों का भी खतरा मंडरा रहा है. नालियों की सफाई तो 6 महीने बाद होती है. कचरे की सफाई पांच-छह दिन और कभी-कभी तो 10 दिन बाद होती है..


Body: बाराबंकी शहर की नगर पालिका नवाबगंज की यह स्थिति है कि, यहां पर स्वच्छता और सफाई व्यवस्था के साथ-साथ नालियों की स्थिति बदतर होती जा रही है. इसका ख्याल समय रहते किसी को नहीं है ,यही कारण है कि लोग दुर्गंध भरे माहौल में जीने को मजबूर हैं. बरसात का मौसम चल रहा है, ऐसे में बरसात होने के बाद नालियों में भरे कचरे के कारण चारों तरफ पानी-पानी हो जाता है. जिसके कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है.
कचरे की यह स्थिति है कि समय पर ना उठाए जाने से दुर्गंध और बीमारी दोनों की स्थिति बनी हुई है. अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों से बात करने पर हर बार यह आश्वासन दिया जाता है कि, वह इसे ठीक करा लेंगे. लेकिन परिस्थितियां जस की तस बनी रहती हैं. कभी-कभी यह बताया जाता है कि गाड़ी खराब है बरसात हो रही है और आगे व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा.
यह सभी ऐसे वादे हैं जो समय पर कभी पूरे नहीं होते हैं.बहरहाल जनता इस उम्मीद के साथ रोज जीती है कि ,उनके एरिया में साफ-सफाई और नालियों की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहेगी.लेकिन वास्तविकता में कुछ और ही है. खुले नाले किसी के गिर जाने के लिए मुंह बाए खड़े हैं . अब इसे कौन कब ठीक करेगा ,यह समय के लिफाफे में बंद है. अभी फिलहाल तो कई जगह पर इस तरह से टूटे हुए ढक्कन दुर्घटना होने तक का इंतजार कर रहे हैं.


Conclusion:bite -

1- गुफरान अल्वी ,बाराबंकी

2- समसुद्दीन आरफी , बाराबंकी

3- विरेंद्र कुमार , अधिशासी अधिकारी , नगर पालिका नवाबगंज बाराबंकी.



रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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