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बाराबंकी: मॉब लिंचिंग के शिकार युवक ने अस्पताल में तोड़ा दम

यूपी के बाराबंकी में पिछले गुरुवार को मॉब लिंचिंग का शिकार हुए युवक की सिविल अस्पताल में मौत हो गई. वह पिछले चार दिनों से अस्पताल में भर्ती था. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

डॉ. डी एस नेगी, निदेशक, सिविल हॉस्पिटल
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Published : Jul 22, 2019, 4:56 PM IST

बाराबंकी: जिले में बीते गुरुवार को मॉब लिंचिंग का शिकार हुए दलित युवक सुजीत कुमार की सिविल अस्पताल में मौत हो गई. सुजीत पिछले चार दिनों से सिविल अस्पताल में भर्ती था और उनका तीस प्रतिशत शरीर का हिस्सा जल चुका था. वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

अस्पताल के निदेशक डॉ. डी एस नेगी ने ईटीवी भारत को दी जानकारी.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ सुजीत कुमार नाम का युवक.
  • सुजीत कुमार को चोर समझकर पहले उसके कपड़े उतार दिए और उसे बांधकर पीटा, फिर आग के हवाले कर दिया था.
  • पुलिस ने पीड़ित सुजीत कुमार को गंभीर हालात में लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया.
  • मृतक सुजीत कुमार के शरीर का हिस्सा तीस प्रतिशत तक जल चुका था.
  • पुलिस ने तीन नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि चौथे को पकड़ने के लिए तलाश जारी है.
  • सोमवार को सुजीत कुमार ने सिविल अस्पताल में दम तोड़ दिया.

पुलिस ने अनुसार सुजीत कुमार गुरुवार रात को अपने ससुराल जा रहे थे, इसी दौरान रघुपुरवा गांव में कुत्तों के झुंड ने उसे दौड़ा दिया. कुत्तों से बचने के लिए सुजीत कुमार ने एक घर के बाहर छप्पर में शरण ले ली. स्थानीय निवासी श्रवण कुमार, उमेश, राम लखन और दो और लोगों ने जब उसे घर के पास छिपे देखा तो उसे पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया था.


आग की वजह से सुजीत जांघों से लेकर पैर तक जल गए थे. कल रात हालात बिगड़ने पर उन्हें ट्रामा सेन्टर रेफर कर दिया था. ट्रामा में बेड न मिलने के कारण उन्हें फिर सिविल अस्पताल भेज दिया, जहां आज सुबह सुजीत ने आखिरी सांस ली, बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेज दी गई है.
डॉ. डी एस नेगी, निदेशक, सिविल हॉस्पिटल

बाराबंकी: जिले में बीते गुरुवार को मॉब लिंचिंग का शिकार हुए दलित युवक सुजीत कुमार की सिविल अस्पताल में मौत हो गई. सुजीत पिछले चार दिनों से सिविल अस्पताल में भर्ती था और उनका तीस प्रतिशत शरीर का हिस्सा जल चुका था. वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

अस्पताल के निदेशक डॉ. डी एस नेगी ने ईटीवी भारत को दी जानकारी.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ सुजीत कुमार नाम का युवक.
  • सुजीत कुमार को चोर समझकर पहले उसके कपड़े उतार दिए और उसे बांधकर पीटा, फिर आग के हवाले कर दिया था.
  • पुलिस ने पीड़ित सुजीत कुमार को गंभीर हालात में लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया.
  • मृतक सुजीत कुमार के शरीर का हिस्सा तीस प्रतिशत तक जल चुका था.
  • पुलिस ने तीन नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि चौथे को पकड़ने के लिए तलाश जारी है.
  • सोमवार को सुजीत कुमार ने सिविल अस्पताल में दम तोड़ दिया.

पुलिस ने अनुसार सुजीत कुमार गुरुवार रात को अपने ससुराल जा रहे थे, इसी दौरान रघुपुरवा गांव में कुत्तों के झुंड ने उसे दौड़ा दिया. कुत्तों से बचने के लिए सुजीत कुमार ने एक घर के बाहर छप्पर में शरण ले ली. स्थानीय निवासी श्रवण कुमार, उमेश, राम लखन और दो और लोगों ने जब उसे घर के पास छिपे देखा तो उसे पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया था.


आग की वजह से सुजीत जांघों से लेकर पैर तक जल गए थे. कल रात हालात बिगड़ने पर उन्हें ट्रामा सेन्टर रेफर कर दिया था. ट्रामा में बेड न मिलने के कारण उन्हें फिर सिविल अस्पताल भेज दिया, जहां आज सुबह सुजीत ने आखिरी सांस ली, बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेज दी गई है.
डॉ. डी एस नेगी, निदेशक, सिविल हॉस्पिटल

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बाराबंकी के मॉम लिंचिंग के शिकार ने तोड़ा दम सिविल अस्पताल में आज सुबह ली आखिरी सांस पिछले करीब चार दिनों से सिविल अस्पताल में था भर्ती।30प्रतिशत जल चुका था शरीर और भी आई थो चोट और आज सुबह मरीज ने दम तोड़ दियाBody:उत्तर प्रदेश में कथित तौर पर भीड़ ने एक दलित व्यक्ति को चोर समझकर पहले उसके कपड़े उतार दिए और उसे बांधकर पीटा, फिर आग के हवाले कर दिया। बाद में पुलिस ने पीड़ित सुजीत कुमार को गंभीर हालात में लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। वह 30 प्रतिशत तक जल चुका था।पुलिस ने कहा कि तीन नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है और चौथे अज्ञात युवक को पकड़ने के लिए तलाश जारी है। पुलिस के अनुसार, सुजीत कुमार गुरुवार रात को अपने ससुराल जा रहा था, इसी दौरान रघुपुरवा गांव में कुत्तों के झुंड ने उसे दौड़ा दिया। कुत्तों से बचने के लिए सुजीत कुमार ने एक घर के बाहर छप्पर में शरण ले ली। स्थानीय निवासी श्रवण कुमार, उमेश, राम लखन और दो और लोगों ने जब उसे घर के पास छिपे देखा तो उसे पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया। वहीं आज सुबह इलाज के दौरान सुजीत ने दम तोड़ दिया। निदेशक डॉ डी एस नेगी ने कहा कि आग की वजह से सुजीत के जांघों से लेकर पैर जल गए थे। कल रात हालात बिगड़ने पर उन्हें ट्रामा सेन्टर रेफर कर दिया था। ट्रामा में बेड न मिलने के कारण उन्हें फिर सिविल अस्पताल भेज दिया जहां आज सुबह सुजीत ने आखिरी सांस ली। बॉडी पोस्मार्टम के लिए भेज दी गई है।

बाइट- डॉ डी एस नेगी, निदेशक, सिविल हॉस्पिटलConclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605975
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