बाराबंकी : जिले के घुघटेर थाना क्षेत्र की ससुरालवालों ने भ्रूण की जांच कराकर महिला का गर्भपात करा दिया. भ्रूण की जांच में पता चला कि गर्भ में बेटा नहीं बेटी है. इसके बाद ससुराल वालों ने बेटी को दुनिया में आने ही नहीं दिया. इस घृणित अपराध में लखनऊ का एक नामी जांच केंद्र और स्थानीय अस्पताल भी शामिल रहा. महिला ने अपने ससुराल वालों के साथ ही इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
ससुरालवालों को नहीं चाहिए थी बिटिया : कीर्ति देवा की शादी इसी साल जून में घुघटेर थाना क्षेत्र के डिकोलिया मजरे सिंगतरा निवासी अमित कुमार से हुई थी. शादी के कुछ महीनों बाद ससुराल में फिर से खुशी का माहौल छा गया. दरअसल कीर्ति मां बनने वाली थी. लेकिन यह खुशी क्षणभर के लिए ही थी. आरोप है कि सास और ननद आरती ने बड़डूपुर थाने के अडम्बन निवासी रिश्तेदार वेदराम को बुलाया. उससे कहा कि बहू की जांच करवाओ और देखो कि पेट में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की.
लखनऊ में कराई भ्रूण की जांच : कीर्ति ने पुलिस को बताया कि उसकी सास और वेदराम 24 जुलाई को उसे लेकर लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस पहुंचे. यहां उसकी भ्रूण जांच कराई. जांच में पता चला कि पेट में लड़की है. जांच रिपोर्ट लेने के बाद ससुराल वाले 31 जुलाई को उसे लेकर बाबागंज में आशीर्वाद हॉस्पिटल पहुंचे. यहां उसका जबरन गर्भपात करा दिया.
कीर्ति की चीख-पुकार का नहीं पड़ा असर : कीर्ति के मुताबिक वह चीखती-चिल्लाती रही. इस पर ससुराल वालों ने कहा कि जब लड़का होगा तब सबको खुशी होगी. आरोपियों ने उसे घर में बंद कर काफी पीटा भी. 11 अगस्त को वह मौका पाकर घर से भाग निकली और मायके पहुंच गई. यहां उसने पूरी घटना माता-पिता को बताई.
पुलिस ने नहीं सुनी तो एसपी के पास पहुंची: पीड़िता के पिता ने घटना की सूचना थाने पर दी, लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई. इस पर पीड़िता ने 15 सितंबर को पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह से इंसाफ की गुहार लगाई. मामले की गम्भीरता को देखते हुए एसपी के आदेश पर घुघटेर थाने में आरोपी पति, सास, ननद आरती, रिश्तेदार वेदराम, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस लखनऊ और आशीर्वाद हॉस्पिटल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया. थानाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार आजाद ने बताया कि मामले में तफ्तीश शुरू कर दी गई है.
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