बाराबंकीः जिला पुलिस को गुरुवार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी. दलित किशोरी से दुष्कर्म की कोशिश करने और उसे आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी को पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया. मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गोली लगने से आरोपी घायल हो गया. जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया है.
दरअसल, हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली एक महिला ने बताया कि 8 जून की रात उसकी बेटी उसके बगल में चारपाई पर सोई हुई थी. देर रात वह शौच के लिए उठी. इसी दौरान आरोपी सोनू उसका मुंह दबाकर उसे उठा ले गया. वह गांव में ही थोड़ी दूर पर बने एक टिन शेड में उसे ले गया और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश करने लगा. बेटी की चीख सुनकर, पड़ोस के घर की महिला निकल आई. उससे देखकर सोनू वहां से भाग निकला. उसने बेटी को धमकी दी कि अगर शिकायत की तो जान से मार देगा.
पीड़िता की मां के अनुसार, उसकी बेटी ने रो-रोकर उसे आपबीती बताई. इसके बाद उसने घटना की शिकायत हैदरगढ़ थाने पर की. लेकिन, पुलिस ने मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. कई दिनों तक उन्हें दौड़ाया. इसके बाद आरोपी के दबाव में सिर्फ 151 सीआरपीसी की कार्रवाई करके मामले को रफा-दफा कर दिया. मामले में कोई कार्रवाई न होने से सोनू गांव में घूम-घूम कर उसे और उसकी बेटी को धमकाने लगा.
पीड़िता ने दे दी जानः पीड़िता की मां ने बताया कि उसने 16 जून को पुलिस कप्तान से मामले में न्याय की गुहार लगाई थी. पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह के आदेश पर थानाध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज की. इतने दिनों तक आरोपी के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई न होने और आरोपी के दी जा रही धमकी से आहत होकर बेटी ने बुधवार रात अपने कमरे में आत्महत्या कर ली.
लापरवाही होने पर विवेचक निलंबितः पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि 17 जून को मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. पीड़िता का मेडिकल भी कराया गया था. गुरुवार को उसका 164 सीआरपीसी के तहत बयान होना था. इसी बीच पीड़िता ने अपने घर में खुदकुशी कर ली. मामले में प्रथम दृष्टया विवेचक दारोगा योगेंद्र प्रताप सिंह की लापरवाही पाते हुए निलंबित कर दिया गया. वहीं, आरोपी सोनू के खिलाफ पुलिस ने पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में भी मुकदमा दर्ज कर, उसे गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस पर की फायरिंगः पुलिस अधीक्षक मुठभेड़ के बारे में बताते हुए कहा कि, गुरुवार को पुलिस आरोपी सोनू से पूछताछ कर रही थी. इस दौरान उसके मोबाइल में तमंचे की फोटो दिखी. पुलिस ने उससे तमंचे के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि उसने तंमचे को गांव के किनारे छिपा कर रखा है. पुलिस उसको लेकर तमंचे की बरामदगी के लिए पहुंची. इसके बाद वह तमंचा लेकर भागने लेगा. पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की. लेकिन, वह लापता हो गया. मौके पर तुरंत ही कई थानों की पुलिस को बुलाया गया. तलाश के दौरान वह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के नीचे दिखा. पुलिस ने उसे घेरने का प्रयास किया, तो इसने फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद आत्मरक्षा में पुलिस ने क्रॉस फायरिंग की, जिससे उसके पैर में गोली लगी और वह घायल हो गया. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. मामले में विधिक कार्रवाई जारी है.
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