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COTPA कानून के सही अनुपालन से धूम्रपान पर लग सकती है लगाम

धूम्रपान से हर वर्ष होने वाली मौतों को रोकने के मकसद से लोगों को लगातार जागरूक किया जाता है. हर वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाकर शपथ ली जाती है. बावजूद इसके धूम्रपान पर लगाम नहीं लग पा रही है.

COTPA कानून के सही अनुपालन से धूम्रपान पर लग सकता है लगाम
COTPA कानून के सही अनुपालन से धूम्रपान पर लग सकता है लगाम
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Published : May 31, 2021, 4:54 PM IST

Updated : May 31, 2021, 8:41 PM IST

बाराबंकी : यूपी के बाराबंकी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने तंबाकू और उसके उत्पाद का प्रयोग न करने की शपथ ली. यही नहीं, इन चिकित्सकों ने आम जनमानस को इस बुरी लत से बचाने की भी शपथ ली.

इस मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि तंबाकू और उसके उत्पादों से होने वाले नुकसानों से ज्यादातर लोग परिचित हैं. बावजूद इसके लोग इस बुरी लत को नही छोड़ पा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग इसके लिए एक खास अभियान चलाएगा.

नुकसान की जानकारी के बाद भी नहीं छोड़ पा रहे लत

धूम्रपान से हर वर्ष होने वाली मौतों को रोकने के मकसद से लोगों को लगातार जागरूक किया जाता है. हर वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाकर शपथ ली जाती है. बावजूद इसके धूम्रपान पर लगाम नहीं लग पा रही है.

संबंधित विभाग के अधिकारी मानते हैं कि लोग इससे होने वाले नुकसान से वाकिफ होने के बाद भी लत नहीं छोड़ पा रहे हैं.

युवाओं में बढ़ रही लत

जिला स्वास्थ्य समिति के मुताबिक 35 लाख की आबादी वाले बाराबंकी जिले में तकरीबन 23 फीसदी लोग ऐसे हैं जो तंबाकू या उससे बने उत्पादों का सेवन कर रहे हैं. 18 से 25 साल के युवा इनका कुछ ज्यादा ही इस्तेमाल कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : शर्मनाक ! 6 माह की मासूम बच्ची को नहीं मिला इलाज..

2003 में बनाया गया था COTPA कानून

धूम्रपान से नुकसान और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए साल 2003 में कोटपा कानून यानी COTPA- CIGARETTE AND OTHER TOBACCO PRODUCTS ACT बनाया गया था. हैरानी की बात ये है कि इसका सही ढंग से अनुपालन न होने से भी धूम्रपान पर लगाम नहीं लग पा रही है.

क्या है COTPA

- इस एक्ट की धारा-4 के मुताबिक सार्वजनिक स्थान जैसे अस्पताल, सभागृह, रेलवे स्टेशन, रेस्टोरेंट, शासकीय कार्यालयों, न्यायालय परिसर, शिक्षण संस्थानों और अन्य कार्य स्थलों में धूम्रपान करना अपराध है.

- धारा-5 के अंतर्गत तंबाकू या तंबाकू उत्पादकों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है.

- धारा 6 (a) के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति द्वारा तंबाकू या उसके उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है.

- धारा 6 (b) के तहत शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू बेचना अपराध है.

- ऐक्ट की धारा-7 के अंर्तगत तंबाकू और उसके उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होनी चाहिए.

- ऐक्ट की धारा-21 और 24 के तहत धारा 4 से 6 का उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है.

बाराबंकी : यूपी के बाराबंकी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने तंबाकू और उसके उत्पाद का प्रयोग न करने की शपथ ली. यही नहीं, इन चिकित्सकों ने आम जनमानस को इस बुरी लत से बचाने की भी शपथ ली.

इस मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि तंबाकू और उसके उत्पादों से होने वाले नुकसानों से ज्यादातर लोग परिचित हैं. बावजूद इसके लोग इस बुरी लत को नही छोड़ पा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग इसके लिए एक खास अभियान चलाएगा.

नुकसान की जानकारी के बाद भी नहीं छोड़ पा रहे लत

धूम्रपान से हर वर्ष होने वाली मौतों को रोकने के मकसद से लोगों को लगातार जागरूक किया जाता है. हर वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाकर शपथ ली जाती है. बावजूद इसके धूम्रपान पर लगाम नहीं लग पा रही है.

संबंधित विभाग के अधिकारी मानते हैं कि लोग इससे होने वाले नुकसान से वाकिफ होने के बाद भी लत नहीं छोड़ पा रहे हैं.

युवाओं में बढ़ रही लत

जिला स्वास्थ्य समिति के मुताबिक 35 लाख की आबादी वाले बाराबंकी जिले में तकरीबन 23 फीसदी लोग ऐसे हैं जो तंबाकू या उससे बने उत्पादों का सेवन कर रहे हैं. 18 से 25 साल के युवा इनका कुछ ज्यादा ही इस्तेमाल कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : शर्मनाक ! 6 माह की मासूम बच्ची को नहीं मिला इलाज..

2003 में बनाया गया था COTPA कानून

धूम्रपान से नुकसान और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए साल 2003 में कोटपा कानून यानी COTPA- CIGARETTE AND OTHER TOBACCO PRODUCTS ACT बनाया गया था. हैरानी की बात ये है कि इसका सही ढंग से अनुपालन न होने से भी धूम्रपान पर लगाम नहीं लग पा रही है.

क्या है COTPA

- इस एक्ट की धारा-4 के मुताबिक सार्वजनिक स्थान जैसे अस्पताल, सभागृह, रेलवे स्टेशन, रेस्टोरेंट, शासकीय कार्यालयों, न्यायालय परिसर, शिक्षण संस्थानों और अन्य कार्य स्थलों में धूम्रपान करना अपराध है.

- धारा-5 के अंतर्गत तंबाकू या तंबाकू उत्पादकों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है.

- धारा 6 (a) के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति द्वारा तंबाकू या उसके उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है.

- धारा 6 (b) के तहत शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू बेचना अपराध है.

- ऐक्ट की धारा-7 के अंर्तगत तंबाकू और उसके उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होनी चाहिए.

- ऐक्ट की धारा-21 और 24 के तहत धारा 4 से 6 का उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है.

Last Updated : May 31, 2021, 8:41 PM IST
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