बाराबंकी: राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले का यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में पिछले काफी अर्से से खासा नाम रहा है. हर वर्ष यहां के छात्र-छात्राएं मेरिट लिस्ट में आते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना ने इन्हें निराश किया है. ज्यादातर स्टूडेंट्स का मानना है कि कोविड न होता तो उनका नाम इस बार भी यूपी मेरिट लिस्ट मे होता. हाईस्कूल में यूपी में दूसरी रैंक हासिल करने वाले छात्र ने कहा कि कोविड न होता तो इस बार भी उसकी रैंक होती.
कोविड के चलते नहीं पूरा हो सका सपना, जिंदगी भर रहेगा मलाल
मेरिट लिस्ट में आने वाले छात्र-छात्राओं को इस बार कोरोना ने निराश किया है. ज्यादातर स्टूडेंट्स का मानना है कि कोविड न होता तो उनका नाम इस बार भी यूपी मेरिट लिस्ट मे होता.
कोविड ने तोड़ा सपना, जिंदगी भर रहेगा मलाल
बाराबंकी: राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले का यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में पिछले काफी अर्से से खासा नाम रहा है. हर वर्ष यहां के छात्र-छात्राएं मेरिट लिस्ट में आते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना ने इन्हें निराश किया है. ज्यादातर स्टूडेंट्स का मानना है कि कोविड न होता तो उनका नाम इस बार भी यूपी मेरिट लिस्ट मे होता. हाईस्कूल में यूपी में दूसरी रैंक हासिल करने वाले छात्र ने कहा कि कोविड न होता तो इस बार भी उसकी रैंक होती.