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कोविड के चलते नहीं पूरा हो सका सपना, जिंदगी भर रहेगा मलाल

मेरिट लिस्ट में आने वाले छात्र-छात्राओं को इस बार कोरोना ने निराश किया है. ज्यादातर स्टूडेंट्स का मानना है कि कोविड न होता तो उनका नाम इस बार भी यूपी मेरिट लिस्ट मे होता.

कोविड ने तोड़ा सपना, जिंदगी भर रहेगा मलाल
कोविड ने तोड़ा सपना, जिंदगी भर रहेगा मलाल
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Published : Aug 1, 2021, 8:49 AM IST

बाराबंकी: राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले का यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में पिछले काफी अर्से से खासा नाम रहा है. हर वर्ष यहां के छात्र-छात्राएं मेरिट लिस्ट में आते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना ने इन्हें निराश किया है. ज्यादातर स्टूडेंट्स का मानना है कि कोविड न होता तो उनका नाम इस बार भी यूपी मेरिट लिस्ट मे होता. हाईस्कूल में यूपी में दूसरी रैंक हासिल करने वाले छात्र ने कहा कि कोविड न होता तो इस बार भी उसकी रैंक होती.

कोविड ने तोड़ा सपना, जिंदगी भर रहेगा मलाल
हाईस्कूल में 97 फीसदी अंक हासिल कर यूपी में दूसरा स्थान हासिल करने वाले नगर स्थित साईं इंटर कॉलेज के शिवम ने बताया कि अगर कोविड न होता तो इस बार भी उसकी रैंक होती. इस बार इंटर में 93.4 फीसदी नम्बर हासिल करने वाले शिवम का मानना है कि उसके दो फीसदी नम्बर कम आये हैं. शिवम का मानना है कि इस कोविड ने मेहनती स्टूडेंट्स का नुकसान किया है. वहीं इंटर में 91.6 फीसदी नम्बर हासिल करने वाली अग्रिमा पटेल ने भी माना कि कोविड न होता तो उसकी रैंक जरूर आती. अग्रिमा कहती है कि ईश्वर जल्द से जल्द कोविड को खत्म करे ताकि पढ़ाई फिर पुराने ढर्रे पर आ सके.हाईस्कूल में एक समान अंक 96.83 फीसदी नम्बर हासिल करने वाले विवेक कुमार और स्वीकार वर्मा इस नतीजे से तो खुश नजर आए, लेकिन इनका कहना है कि परीक्षा होती तो अच्छा था. निराश मन से इन्होंने बताया कि इन लोगों ने जमकर तैयारी की थी, लेकिन जब खेलने का समय आया तो मैदान पर पानी बरस गया.वहीं रानीलक्ष्मी बाई इंटर कालेज की स्टूडेंट शुभांगी को हाईस्कूल में 96.17 अंक मिले थे और उसे यूपी में चौथी रैंक हासिल हुई थी लेकिन इस बार इंटर में उसे 94 फीसदी ही अंक मिले. इसे मलाल है कि हाईस्कूल में इसे जो सम्मान मिला था उसे इस बार नही मिल पायेगा क्योंकि कोविड के चलते उसको सही अंक नही मिल सके.

बाराबंकी: राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले का यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में पिछले काफी अर्से से खासा नाम रहा है. हर वर्ष यहां के छात्र-छात्राएं मेरिट लिस्ट में आते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना ने इन्हें निराश किया है. ज्यादातर स्टूडेंट्स का मानना है कि कोविड न होता तो उनका नाम इस बार भी यूपी मेरिट लिस्ट मे होता. हाईस्कूल में यूपी में दूसरी रैंक हासिल करने वाले छात्र ने कहा कि कोविड न होता तो इस बार भी उसकी रैंक होती.

कोविड ने तोड़ा सपना, जिंदगी भर रहेगा मलाल
हाईस्कूल में 97 फीसदी अंक हासिल कर यूपी में दूसरा स्थान हासिल करने वाले नगर स्थित साईं इंटर कॉलेज के शिवम ने बताया कि अगर कोविड न होता तो इस बार भी उसकी रैंक होती. इस बार इंटर में 93.4 फीसदी नम्बर हासिल करने वाले शिवम का मानना है कि उसके दो फीसदी नम्बर कम आये हैं. शिवम का मानना है कि इस कोविड ने मेहनती स्टूडेंट्स का नुकसान किया है. वहीं इंटर में 91.6 फीसदी नम्बर हासिल करने वाली अग्रिमा पटेल ने भी माना कि कोविड न होता तो उसकी रैंक जरूर आती. अग्रिमा कहती है कि ईश्वर जल्द से जल्द कोविड को खत्म करे ताकि पढ़ाई फिर पुराने ढर्रे पर आ सके.हाईस्कूल में एक समान अंक 96.83 फीसदी नम्बर हासिल करने वाले विवेक कुमार और स्वीकार वर्मा इस नतीजे से तो खुश नजर आए, लेकिन इनका कहना है कि परीक्षा होती तो अच्छा था. निराश मन से इन्होंने बताया कि इन लोगों ने जमकर तैयारी की थी, लेकिन जब खेलने का समय आया तो मैदान पर पानी बरस गया.वहीं रानीलक्ष्मी बाई इंटर कालेज की स्टूडेंट शुभांगी को हाईस्कूल में 96.17 अंक मिले थे और उसे यूपी में चौथी रैंक हासिल हुई थी लेकिन इस बार इंटर में उसे 94 फीसदी ही अंक मिले. इसे मलाल है कि हाईस्कूल में इसे जो सम्मान मिला था उसे इस बार नही मिल पायेगा क्योंकि कोविड के चलते उसको सही अंक नही मिल सके.
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