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आंदोलन करने को मजबूर बिजली विभाग के संविदाकर्मी

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Published : Mar 12, 2021, 9:42 AM IST

बाराबंकी में ईपीएफ घोटाले का खौफ और वेतन न दिये जाने से नाराज बाराबंकी के बिजली विभाग में तैनात संविदाकर्मियों ने अपनी आउटसोर्सिंग कार्यदायी संस्था ओरियन कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी सिर्फ अपना खजाना भरने में लगी है.

आंदोलन करने को मजबूर बिजली विभाग के संविदाकर्मी
आंदोलन करने को मजबूर बिजली विभाग के संविदाकर्मी

बाराबंकीः ईपीएफ घोटाले का खौफ और वेतन न दिये जाने से नाराज जिले के बिजली विभाग में कार्यरत संविदाकर्मियों ने आउटसोर्सिंग कार्यदाई संस्था ओरियन कम्पनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी सिर्फ अपना खजाना भरने में लगी है. विभाग से ईपीएफ और कर्मचारियों का पारिश्रमिक खुद तो लगातार ले रही है. लेकिन कर्मचारियों को नहीं दे रही है. कई ऐसे कर्मचारी हैं, जिनको आजतक वेतन नहीं दिया गया है.

आउटसोर्सिंग कंपनी के खिलाफ खोला मोर्चा

जिले में करीब 12 सौ संविदाकर्मी बिजली विभाग में तैनात हैं. जुलाई 2019 में आउटसोर्सिंग के जरिये मेसर्स ओरियन कम्पनी ने इन कर्मचारिओं की भर्ती की है. कर्मचारियों का आरोप है कि कम्पनी का उनके प्रति रवैया बहुत ही खराब है. इन्हें कभी भी समय पर वेतन नही दिया जाता. 20 से ज्यादा ऐसे कर्मचारी हैं, जो पिछले काफी समय से काम कर रहे हैं. लेकिन कम्पनी ने आज तक उनको वेतन ही नहीं दिया. वेतन की मांग करने पर इन्हें नौकरी से निकाल दिए जाने की धमकी दी जाती है. कुशल श्रमिकों के वेतन काटकर अकुशल श्रमिकों को दे दिया जाता है. ये ही नहीं कर्मचारियों को बिना कारण बताये कम्पनी ने निकाल दिया है. बार-बार आंदोलन के बावजूद भी कम्पनी के मालिको ने कोई सुनवाई नही की जा रही. विभाग के बड़े अधिकारियों ने भी लिखापढ़ी की. उनके सामने कम्पनी के जीएम की कर्मचारियों से वार्ता हुई. लेकिन हुआ कुछ नहीं मजबूरन मंगलवार को सभी कर्मचारियों ने अधिशासी अभियंता कार्यालय के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया.

नहीं दिया जा रहा वेतन

कर्मचारियों ने कम्पनी पर आरोप लगाया कि न तो उन्हें वर्दी दी जा रही है, और न ही परिचयपत्र. यही नहीं इनके खातों में ईपीएफ भी नहीं भेजा जा रहा है. जबकि कम्पनी विभाग से कर्मचारियों का पारिश्रमिक और ईपीएफ का भुगतान लगातार पा रही है. कम्पनी महज अपना खजाना भरने में लगी है. कर्मचारियों को डर है कि कहीं उनके भी ईपीएफ में घोटाला न हो जाये.

कर्मचारियों में ईपीएफ घोटाले का खौफ

कर्मचारियों का कहना है कि कम्पनी को महज दो साल का ही ठेका मिला है. जून में ठेका खत्म हो जाएगा. कर्मचारियों के खातों में ईपीएफ की रकम नही पहुंच रही. ऐसे में कहीं उनके ईपीएफ में भी न घोटाला हो जाये.

बाराबंकीः ईपीएफ घोटाले का खौफ और वेतन न दिये जाने से नाराज जिले के बिजली विभाग में कार्यरत संविदाकर्मियों ने आउटसोर्सिंग कार्यदाई संस्था ओरियन कम्पनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी सिर्फ अपना खजाना भरने में लगी है. विभाग से ईपीएफ और कर्मचारियों का पारिश्रमिक खुद तो लगातार ले रही है. लेकिन कर्मचारियों को नहीं दे रही है. कई ऐसे कर्मचारी हैं, जिनको आजतक वेतन नहीं दिया गया है.

आउटसोर्सिंग कंपनी के खिलाफ खोला मोर्चा

जिले में करीब 12 सौ संविदाकर्मी बिजली विभाग में तैनात हैं. जुलाई 2019 में आउटसोर्सिंग के जरिये मेसर्स ओरियन कम्पनी ने इन कर्मचारिओं की भर्ती की है. कर्मचारियों का आरोप है कि कम्पनी का उनके प्रति रवैया बहुत ही खराब है. इन्हें कभी भी समय पर वेतन नही दिया जाता. 20 से ज्यादा ऐसे कर्मचारी हैं, जो पिछले काफी समय से काम कर रहे हैं. लेकिन कम्पनी ने आज तक उनको वेतन ही नहीं दिया. वेतन की मांग करने पर इन्हें नौकरी से निकाल दिए जाने की धमकी दी जाती है. कुशल श्रमिकों के वेतन काटकर अकुशल श्रमिकों को दे दिया जाता है. ये ही नहीं कर्मचारियों को बिना कारण बताये कम्पनी ने निकाल दिया है. बार-बार आंदोलन के बावजूद भी कम्पनी के मालिको ने कोई सुनवाई नही की जा रही. विभाग के बड़े अधिकारियों ने भी लिखापढ़ी की. उनके सामने कम्पनी के जीएम की कर्मचारियों से वार्ता हुई. लेकिन हुआ कुछ नहीं मजबूरन मंगलवार को सभी कर्मचारियों ने अधिशासी अभियंता कार्यालय के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया.

नहीं दिया जा रहा वेतन

कर्मचारियों ने कम्पनी पर आरोप लगाया कि न तो उन्हें वर्दी दी जा रही है, और न ही परिचयपत्र. यही नहीं इनके खातों में ईपीएफ भी नहीं भेजा जा रहा है. जबकि कम्पनी विभाग से कर्मचारियों का पारिश्रमिक और ईपीएफ का भुगतान लगातार पा रही है. कम्पनी महज अपना खजाना भरने में लगी है. कर्मचारियों को डर है कि कहीं उनके भी ईपीएफ में घोटाला न हो जाये.

कर्मचारियों में ईपीएफ घोटाले का खौफ

कर्मचारियों का कहना है कि कम्पनी को महज दो साल का ही ठेका मिला है. जून में ठेका खत्म हो जाएगा. कर्मचारियों के खातों में ईपीएफ की रकम नही पहुंच रही. ऐसे में कहीं उनके ईपीएफ में भी न घोटाला हो जाये.

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