बाराबंकीः त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कर्मचारियों को ड्यूटी चार्ट मिलते ही ड्यूटी कटवाने वालों ने दौड़ भाग शुरू कर दी है. शायद ही कोई विभाग हो जिसके किसी कर्मचारी ने ड्यूटी कटवाने के लिए आवेदन न किया हो. ड्यूटी कटवाने के पीछे इनके अपने-अपने कारण हैं. गुरुवार को काफी संख्या में महिला शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर ड्यूटी से मुक्त किये जाने की गुहार लगाई. इनकी मांग है कि प्रशासन उनकी समस्याओं का वेरिफिकेशन करा ले. अगर उनकी समस्याएं उचित हों तो सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाय.
ड्यूटी कटवाने की जुगत में लग गए लोग
जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तीसरे चरण में 26 अप्रैल को है. चुनाव को शांतिपूर्ण और शकुशल सम्पन्न कराने के लिए कम से कम 17 हजार कर्मचारियों की आवश्यकता है. विभिन्न विभागों में करीब 21-22 हजार कर्मचारी हैं. ड्यूटी चार्ट पाते ही लोग ड्यूटी कटवाने के लिए दौड़ भाग करने लगे हैं. इसके लिए लोगों के अपने-अपने बहाने हैं तो तमाम कर्मचारियों की समस्याएं जेन्युन हैं.
महिला शिक्षिकाओं ने लगाई गुहार
उत्तरप्रदेश महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष अलका गौतम के नेतृत्व में गुरुवार को तकरीबन 24 महिला शिक्षिकाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर ड्यूटी से मुक्त किये जाने की गुहार लगाई. इन शिक्षिकाओं ने कहा कि प्रशासन को सहानुभूति पूर्वक उनकी परेशानियों पर विचार करना चाहिए. इन्होंने मांग की है कि अगर पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हैं तो एक को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाय. गर्भवती महिलाओं, बीमार, छोटे बच्चों वाली महिलाओं को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाय.
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प्रशासन ने गठित की कमेटी
चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए आ रहे आवेदनों के निस्तारण के लिए प्रशासन ने परियोजना निदेशक डीआरडीए के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी विभिन्न पहलुओं पर जांच के बाद एक-एक आवेदन पर निर्णय लेगी. माना जा रहा है कि कर्मचारियों की कमी को देखते हुए ड्यूटी कटना सम्भव नहीं है. जेन्युन मामलों पर विचार किया जा सकता है.