बाराबंकी: टपकती छत, खौफ के साये में पढ़ते बच्चे, ब्लैकबोर्ड पर निगाहें और हाथों में छाता. शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार कर देने वाली ये तस्वीरें कहीं और की नहीं बल्कि बाराबंकी जिले के शंकरगढ़ प्राथमिक विद्यालय की है. सरकार के तमाम दावों की ये तस्वीरें कलई खोल रही हैं. बारिश की ये बूंदें सरकार के तमाम दावों पर पानी फेरने के लिए काफी हैं. हुक्मरान शिक्षा की बेहतरी को लेकर खूब कसीदे पढ़ते हैं, लेकिन उन कसीदों का क्या..जो जमीन पर आते ही पानी का बुलबुला बनकर गायब हो जाते हैं.
बाराबंकी के शंकरगढ़ के प्राइमरी स्कूल की हालत अलग ही कहानी बयां कर रही है. स्कूल की दीवारों और छतों में दरारें पड़ गई हैं. बारिश ने स्कूल का बुरा हाल कर दिया है. छत से पानी टपक रहा है, क्लासरूम में बच्चे सिर पर छाता तानकर पढ़ रहे हैं और शिक्षक सरकारी व्यवस्था की दुहाई दे रहे हैं.
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प्रदेश की योगी सरकार ने बजट में स्कूली बच्चों के लिए जूते, मोजे, स्वेटर, किताब और यूनिफॉर्म के लिए करोड़ों रुपये का प्रावधान कर दिया, लेकिन जब इंद्रदेव मेहरबान हुए तो सारे इंतजामात धरे के धरे रह गये. टपकती छत और हाथों में छाता लिए बच्चों की ये तस्वीरें...सरकारी तंत्र और सत्ता के हुक्मरानों के तमाम दावों की पोल खोल रहे हैं.
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साहेब ने जांच की बात कर सरकारी खानापूर्ति तो कर दी, लेकिन मन में शिक्षा की अलख जगाए ये बच्चे खौफ के साये में पढ़ने को मजबूर हैं और बेपरवाह प्रशासन जांच की दुहाई दे रहा है. इन नौनिहालों की आंखों में कई सपने तो सजते हैं, लेकिन छतों से टपकती बूंदों में वो धुल जाती हैं. छत से टपकता पानी तो नहीं सूखा लेकिन लगता है कि जिम्मेदार साहबों की आंखों का पानी जरुर सूख चुका है. तभी बच्चे टपकती छत के नीचे पढ़ने के लिये मजबूर हैं.