बाराबंकी : किसानों और कबीर पंथ से जुड़े संतों के सहारे छत्तीसगढ़ में जीत हासिल कर चुकी कांग्रेस अब यूपी में भी अपनी चुनावी नैया पार करने की जुगत लगा रही है.बाराबंकी में सोमवार को कुछ ऐसा ही दिखाई दिया, जहां कबीर पंथ के सद्गुरु विशाल देव की पुण्यतिथि कार्यक्रम के बहाने कांग्रेस ने अपना चुनावी पैंतरा दिखाया.
सपा-बसपा गठबंधन से अलग-थलग कांग्रेस पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव में हर हाल में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कवायद में जुटी है.किसान कार्ड खेलने के बाद अब पार्टी ने संतों का सहारा लेना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने कबीर पंथ के अनुयायियों और किसानों के सहारे छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की थी, कांग्रेस यही मंत्र अब यूपी में प्रयोग करना चाहती है.सोमवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कबीर पंथ के आश्रम में आगमन इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.
मसौली थाना क्षेत्र के मुंजापुर गांव में स्थित कबीर अध्यात्म केंद्र के संस्थापक सतगुरु विशाल देव की 43वीं पुण्यतिथि के मौके परभूपेश बघेल ने कबीर पन्थियों की जमकर तारीफ की.उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा कबीर पंथी उनके जिले दुर्ग में हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि वे कबीर पंथी नही हैं, लेकिन उनकी संतकबीरदास में आस्था है.मुख्यमंत्री पहुंचे तो पुण्यतिथि में थे, लेकिन पूरा कार्यक्रम राजनीतिक सम्मेलन में बदलगया. इस मौके पर उन्होंने राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया की तारीफ की.
दरअसल ये पूरा कार्यक्रम पीएल पुनिया द्वारा आयोजित था,जिसका उद्देश्य था कि संतसमाज को अपने पक्ष में किया जा सके.राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रभारी थे.अब बाराबंकी से वह अपने बेटे को चुनाव लड़ा रहे हैं. लिहाजा उन्होंने भूपेश बघेल का सहारा लेकर जिले के कबीर पंथ के लोगों को रिझाने की रणनीति बनाई.भूपेश बघेल ने अपनी जीत के पीछे इन संतोंका आशीर्वाद बताया. पीएल पुनिया ने इन्हीं संतोंके दम पर न केवल बाराबंकी बल्कि पूरे सूबे के राजनीतिक परिदृश्य के बदल जाने की बात कही.