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फीस घोटाला मामले में बाराबंकी के इस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य समेत 7 के खिलाफ मुकदमा दर्ज - college fee scam in barabanki

बाराबंकी के जवाहरलाल नहेरू पीजी कॉलेज में फीस घोटाले के मामले में तत्कालीन प्राचार्य सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इन सभी पर छह लाख 875 रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है.

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जवाहरलाल नहेरू पीजी कॉलेज
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Published : Jul 21, 2022, 5:27 PM IST

बाराबंकी: जवाहरलाल नेहरू स्मारक पीजी कॉलेज में स्टूडेंट्स की फीस में गबन (Fee scam in Jawaharlal Nehru Memorial PG College) किये जाने का बड़ा खुलासा हुआ है. इसमें कॉलेज के पूर्व प्राचार्य की संलिप्तता सामने आई है. जांच कमेटी द्वारा मामले के खुलासे के बाद वर्तमान प्राचार्य प्रोफेसर सीताराम सिंह ने पूर्व प्राचार्य समेत 7 के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. वर्तमान प्राचार्य ने इस मामले में अभी और भी कई लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है. एसडीएम सदर इस कॉलेज की प्रबन्ध समिति के सचिव हैं.

नगर कोतवाली के बस स्टेशन के समीप स्थित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज (Jawaharlal Nehru Memorial Post Graduate College) बहुत ही प्रतिष्ठित कॉलेज है. पिछले कई वर्षों से यहां फीस में गोलमाल किए जाने को लेकर लोग शिकायतें कर रहे थे. कॉलेज में पंजीकृत स्टूडेंट ने शपथपत्र देते हुए फीस में गोलमाल की शिकायत कर मामले की जांच कराने की गुहार लगाई थी. स्टूडेंट्स का आरोप था कि उन्होंने प्रवेश कुमार मिश्र क्लर्क को नकद फीस दी है, लेकिन उन्हें कोई रसीद नहीं दी गई.

मामले की गम्भीरता को देखते हुए प्रशासन ने मामले की जांच के लिए विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इसमे नायब तहसीलदार केपी सिंह और सहायक कोषाधिकारी अजय प्रकाश सदस्य थे. जांच कमेटी ने पाया कि पूर्व प्राचार्य डॉ. रामशंकर यादव ने नियम विरुद्ध तरीके से क्लर्क प्रवेश कुमार मिश्र के जरिये साल 2017 से 2021 तक नकद शुल्क जमा करवाया था. जबकि फीस ऑनलाइन जमा किये जाने का प्रावधान था.

तत्कालीन प्राचार्य राम शंकर यादव ने स्ववित्तपोषित कर्मचारी प्रवेश कुमार को फीस जमा करने के लिए नियम विरुद्ध अधिकृत किया. जबकि कॉलेज में फीस ऑनलाइन एसबीआई कलेक्ट के जरिये ही जमा किये जाने का प्रावधान है. कर्मचारी प्रवेश कुमार ने स्टूडेंट्स से फीस तो ले ली, लेकिन उनको रसीदें नहीं दी गई. इस तरह करीब 6 लाख 875 रुपये की धोखाधड़ी करके गबन कर लिए गए.

वर्तमान प्राचार्य ने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि फीस घोटाले में कई लोग शामिल हैं. कॉलेज का सार्वजनिक धन गबन करने के लिए प्रवेश कुमार मिश्रा, मो.आरिफ, शिवेंद्र प्रताप सिंह, प्रशांत श्रीवास्तव और रामजनम यादव को नियम विरुद्ध तरीके से चतुर्थ श्रेणी ठेकाकर्मी के तौर पर नियुक्त किया गया. इन नियुक्तियों के लिए न तो प्रबन्ध समिति द्वारा कोई अनुमोदन लिया गया और न ही भुगतान संबंधित कोई अनुमति ली गई.

यह भी पढ़ें:DMLT Student की संदिग्ध हालात में मौत, पिता ने ड्रग्स देकर हत्या का लगाया आरोप

पूर्व प्राचार्य डॉ. रामशंकर यादव द्वारा चतुर्थ श्रेणी स्ववित्तपोषित कर्मचारी प्रवेश कुमार मिश्रा को धन प्राप्त करने के इरादे से नियम विरुद्ध संविदा लिपिक के पद पर प्रोन्नति दे दी गई. वर्तमान प्राचार्य प्रोफेसर सीताराम सिंह की तहरीर पर नगर कोतवाली में तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. रामशंकर यादव, कर्मचारी प्रवेश कुमार मिश्रा, मो. आरिफ, शिवेंद्र प्रताप सिंह, प्रशांत श्रीवास्तव, रामजनम यादव और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

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बाराबंकी: जवाहरलाल नेहरू स्मारक पीजी कॉलेज में स्टूडेंट्स की फीस में गबन (Fee scam in Jawaharlal Nehru Memorial PG College) किये जाने का बड़ा खुलासा हुआ है. इसमें कॉलेज के पूर्व प्राचार्य की संलिप्तता सामने आई है. जांच कमेटी द्वारा मामले के खुलासे के बाद वर्तमान प्राचार्य प्रोफेसर सीताराम सिंह ने पूर्व प्राचार्य समेत 7 के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. वर्तमान प्राचार्य ने इस मामले में अभी और भी कई लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है. एसडीएम सदर इस कॉलेज की प्रबन्ध समिति के सचिव हैं.

नगर कोतवाली के बस स्टेशन के समीप स्थित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज (Jawaharlal Nehru Memorial Post Graduate College) बहुत ही प्रतिष्ठित कॉलेज है. पिछले कई वर्षों से यहां फीस में गोलमाल किए जाने को लेकर लोग शिकायतें कर रहे थे. कॉलेज में पंजीकृत स्टूडेंट ने शपथपत्र देते हुए फीस में गोलमाल की शिकायत कर मामले की जांच कराने की गुहार लगाई थी. स्टूडेंट्स का आरोप था कि उन्होंने प्रवेश कुमार मिश्र क्लर्क को नकद फीस दी है, लेकिन उन्हें कोई रसीद नहीं दी गई.

मामले की गम्भीरता को देखते हुए प्रशासन ने मामले की जांच के लिए विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इसमे नायब तहसीलदार केपी सिंह और सहायक कोषाधिकारी अजय प्रकाश सदस्य थे. जांच कमेटी ने पाया कि पूर्व प्राचार्य डॉ. रामशंकर यादव ने नियम विरुद्ध तरीके से क्लर्क प्रवेश कुमार मिश्र के जरिये साल 2017 से 2021 तक नकद शुल्क जमा करवाया था. जबकि फीस ऑनलाइन जमा किये जाने का प्रावधान था.

तत्कालीन प्राचार्य राम शंकर यादव ने स्ववित्तपोषित कर्मचारी प्रवेश कुमार को फीस जमा करने के लिए नियम विरुद्ध अधिकृत किया. जबकि कॉलेज में फीस ऑनलाइन एसबीआई कलेक्ट के जरिये ही जमा किये जाने का प्रावधान है. कर्मचारी प्रवेश कुमार ने स्टूडेंट्स से फीस तो ले ली, लेकिन उनको रसीदें नहीं दी गई. इस तरह करीब 6 लाख 875 रुपये की धोखाधड़ी करके गबन कर लिए गए.

वर्तमान प्राचार्य ने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि फीस घोटाले में कई लोग शामिल हैं. कॉलेज का सार्वजनिक धन गबन करने के लिए प्रवेश कुमार मिश्रा, मो.आरिफ, शिवेंद्र प्रताप सिंह, प्रशांत श्रीवास्तव और रामजनम यादव को नियम विरुद्ध तरीके से चतुर्थ श्रेणी ठेकाकर्मी के तौर पर नियुक्त किया गया. इन नियुक्तियों के लिए न तो प्रबन्ध समिति द्वारा कोई अनुमोदन लिया गया और न ही भुगतान संबंधित कोई अनुमति ली गई.

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पूर्व प्राचार्य डॉ. रामशंकर यादव द्वारा चतुर्थ श्रेणी स्ववित्तपोषित कर्मचारी प्रवेश कुमार मिश्रा को धन प्राप्त करने के इरादे से नियम विरुद्ध संविदा लिपिक के पद पर प्रोन्नति दे दी गई. वर्तमान प्राचार्य प्रोफेसर सीताराम सिंह की तहरीर पर नगर कोतवाली में तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. रामशंकर यादव, कर्मचारी प्रवेश कुमार मिश्रा, मो. आरिफ, शिवेंद्र प्रताप सिंह, प्रशांत श्रीवास्तव, रामजनम यादव और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

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