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भाई ने ही भाई को उतारा मौत के घाट, जानिए पूरा मामला..

यूपी के बाराबंकी में 12 फरवरी को विरोधियों को जेल पहुंचाने के लिए एक युवक ने अपने ही भाई की जान ले ली. भाई की हत्या करने के बाद आरोप विरोधियों पर लगा दिया. पुलिस ने 10 मार्च को मामले का खुलासा करते हुए आरोपी भाई समेत 8 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है.

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उतारा मौत के घाट
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Published : Mar 12, 2022, 8:09 PM IST

बाराबंकी. जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले एक मामले का खुलासा हुआ. एक सगे भाई ने अपने विरोधियों को जेल पहुंचाने के लिए अपने ही भाई की निर्मम हत्या कर डाली. उसने हत्या का झूठा केस अपने विरोधियों के खिलाफ दर्ज करा दिया. पुलिस ने बारीकी से छानबीन शुरू की तो मामले का खुलासा हो गया.

पुलिस ने इस मामले में आरोपी भाई और उसके दो बेटों समेत 8 को गिरफ्तार कर लिया है. इनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त ईंट, तेजाब की बोतल, कपड़े, मृतक का आधार कार्ड बरामद किए गए हैं.

दरियाबाद थाना क्षेत्र के मालिनपुर गांव निवासी रघुराज ने बीती 12 फरवरी को दरियाबाद थाने में अपने छोटे भाई जमुना प्रसाद के गायब होने की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. एक हफ्ते बाद रघुराज ने गांव के ही दुर्गेश समेत 6 लोगों के खिलाफ अपने भाई जमुना प्रसाद के अपहरण का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया.

दो दिन बाद यानी 20 फरवरी को जमुना प्रसाद का शव पास के ही रहिमापुर गांव स्थित एक खेत में पाया गया. शव के चेहरे को तेजाब से जला दिया गया था. पुलिस ने इस मामले में छानबीन शुरू की तो कुछ पेंच नजर आए. वहीं, जब कड़ी से कड़ी जोड़ी गई तो इस हत्या का राजफाश हो गया.

हत्या की वजह

दरअसल, आपराधिक प्रवृत्ति के रघुराज ने गांव के ही अपने विरोधियों को फंसाने की योजना बनाई. इसमें उसने गांव के प्रधान और एक बीडीसी को भी शामिल कर लिया. योजना के मुताबिक उसने अपने भाई जमुना को मदारपुर में रहने वाली अपनी भतीजी कोयला उर्फ संजू के घर पर छुपा दिया. थाने में दुर्गेश समेत 6 के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई. रघुराज इस दौरान पुलिस पर भाई को खोजने का दबाव भी बनाता रहा. एक हफ्ते तक कोई प्रोग्रेस होते न देखकर रघुराज ने योजना में बदलाव किया. वहीं जमुना प्रसाद घर जाने की जिद करने लगा. साथ ही पुलिस को सब कुछ बता देने की भी बात कही.

यह भी पढ़ेंः रेलवे ट्रैक पर मिला युवक का शव, पत्नी ने लगाया रिश्तेदारों पर हत्या का आरोप

राज खुलने के डर से रघुराज ने अपने भतीजे और अपने साथियों के साथ मिलकर जमुना की हत्या कर दी. शव पहचान में न आये, इसके लिए उसने जमुना के चेहरे को तेजाब से जला दिया. शव को बालपुरवा नहर के पास जंगल में छिपा दिया. इन्हें उम्मीद थी कि कोई न कोई शव को देखेगा और तब उसके विरोधियों को पकड़कर पुलिस जेल भेज देगी. लेकिन जब ऐसा न हुआ तो इन लोगों ने अगले दिन शव को वहां से हटाकर रहिमापुर गांव स्थित एक खेत में डाल दिया. यहां किसी ने शव देखा और पुलिस को सूचना दी.

चैलेंज बने इस मर्डर केस के खुलासे के लिए पुलिस कप्तान ने कई टीमें लगाईं थीं. आखिरकार पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ी तो राजफाश हो गया. पुलिस ने इस मामले में रघुराज, रघुराज के दो पुत्र हरीबक्स और राजेश, प्रमोद कुमार, पूर्णमासी, मुन्ना उर्फ शुभम, रघुराज का भतीजा मनीष और मनीष की पत्नी कोयला उर्फ संजू इन 8 लोगों को गिरफ्तार किया है.


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बाराबंकी. जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले एक मामले का खुलासा हुआ. एक सगे भाई ने अपने विरोधियों को जेल पहुंचाने के लिए अपने ही भाई की निर्मम हत्या कर डाली. उसने हत्या का झूठा केस अपने विरोधियों के खिलाफ दर्ज करा दिया. पुलिस ने बारीकी से छानबीन शुरू की तो मामले का खुलासा हो गया.

पुलिस ने इस मामले में आरोपी भाई और उसके दो बेटों समेत 8 को गिरफ्तार कर लिया है. इनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त ईंट, तेजाब की बोतल, कपड़े, मृतक का आधार कार्ड बरामद किए गए हैं.

दरियाबाद थाना क्षेत्र के मालिनपुर गांव निवासी रघुराज ने बीती 12 फरवरी को दरियाबाद थाने में अपने छोटे भाई जमुना प्रसाद के गायब होने की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. एक हफ्ते बाद रघुराज ने गांव के ही दुर्गेश समेत 6 लोगों के खिलाफ अपने भाई जमुना प्रसाद के अपहरण का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया.

दो दिन बाद यानी 20 फरवरी को जमुना प्रसाद का शव पास के ही रहिमापुर गांव स्थित एक खेत में पाया गया. शव के चेहरे को तेजाब से जला दिया गया था. पुलिस ने इस मामले में छानबीन शुरू की तो कुछ पेंच नजर आए. वहीं, जब कड़ी से कड़ी जोड़ी गई तो इस हत्या का राजफाश हो गया.

हत्या की वजह

दरअसल, आपराधिक प्रवृत्ति के रघुराज ने गांव के ही अपने विरोधियों को फंसाने की योजना बनाई. इसमें उसने गांव के प्रधान और एक बीडीसी को भी शामिल कर लिया. योजना के मुताबिक उसने अपने भाई जमुना को मदारपुर में रहने वाली अपनी भतीजी कोयला उर्फ संजू के घर पर छुपा दिया. थाने में दुर्गेश समेत 6 के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई. रघुराज इस दौरान पुलिस पर भाई को खोजने का दबाव भी बनाता रहा. एक हफ्ते तक कोई प्रोग्रेस होते न देखकर रघुराज ने योजना में बदलाव किया. वहीं जमुना प्रसाद घर जाने की जिद करने लगा. साथ ही पुलिस को सब कुछ बता देने की भी बात कही.

यह भी पढ़ेंः रेलवे ट्रैक पर मिला युवक का शव, पत्नी ने लगाया रिश्तेदारों पर हत्या का आरोप

राज खुलने के डर से रघुराज ने अपने भतीजे और अपने साथियों के साथ मिलकर जमुना की हत्या कर दी. शव पहचान में न आये, इसके लिए उसने जमुना के चेहरे को तेजाब से जला दिया. शव को बालपुरवा नहर के पास जंगल में छिपा दिया. इन्हें उम्मीद थी कि कोई न कोई शव को देखेगा और तब उसके विरोधियों को पकड़कर पुलिस जेल भेज देगी. लेकिन जब ऐसा न हुआ तो इन लोगों ने अगले दिन शव को वहां से हटाकर रहिमापुर गांव स्थित एक खेत में डाल दिया. यहां किसी ने शव देखा और पुलिस को सूचना दी.

चैलेंज बने इस मर्डर केस के खुलासे के लिए पुलिस कप्तान ने कई टीमें लगाईं थीं. आखिरकार पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ी तो राजफाश हो गया. पुलिस ने इस मामले में रघुराज, रघुराज के दो पुत्र हरीबक्स और राजेश, प्रमोद कुमार, पूर्णमासी, मुन्ना उर्फ शुभम, रघुराज का भतीजा मनीष और मनीष की पत्नी कोयला उर्फ संजू इन 8 लोगों को गिरफ्तार किया है.


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