बाराबंकी : भाजपा सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने जिले में कोविड-19 से बचाव के इंतजाम नाकाफी होने पर सवाल उठाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने ऑक्सीजन की कालाबाजारी की आशंका जताते हुए, इसकी जांच कराने की भी मांग की है. सीएम को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि जिले में पर्याप्त कोविड अस्पताल न होने से मरीजों को भटकना पड़ रहा है. बीजेपी सांसद ने कहा कि पिछले वर्ष बनाये गए 200 बेड के सिरौलीगौसपुर और सतरिख सीएचसी को फिर से कोविड अस्पताल बनाया जाय. साथ ही ऑक्सीजन आपूर्ति और खर्च की जांच कराई जाए.
जिले के कोविड मरीजों को भटकना पड़ रहा
भाजपा सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने अपने पत्र में लिखा कि जिले में हिन्द और मेयो अस्पतालों को कोविड मरीजों के लिए चुना गया है. हिन्द अस्पताल में 330 बेड और मेयो हॉस्पिटल में 630 बेड हैं. इसके अलावा 50 बेड के शेरवुड हॉस्पिटल और 10 बेड के आस्था अस्पताल को भी कोविड के लिए चुना गया. लेकिन, हिन्द और मेयो अस्पतालों में ज्यादातर मरीज बाहर के जिलों के हैं. जबकि, जिले के महज 30 फीसदी ही मरीज भर्ती हैं. ऐसे में जिले के मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.
सांसद ने सीएम योगी से लगाई गुहार
भाजपा सांसद ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले वर्ष संयुक्त चिकित्सालय सिरौलीगौसपुर और सीएचसी सतरिख को भी कोविड अस्पताल बनाया गया था. लेकिन, इस बार उन्हें नहीं लिया गया है. जबकि, इन अस्पतालों में पर्याप्त बेड और उपकरण भी हैं. उन्होंने लिखा है कि, यदि इन अस्पतालों को भी कोविड अस्पताल बना दिया जाए तो सैकड़ों मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा.
ऑक्सीजन की कालाबाजारी की जताई आशंका
कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति और खर्च का कोई ब्यौरा नहीं रखा जाता. जिलाधिकारी की जांच में ये खुलासा हुआ था, जिसे देखते हुए सांसद उपेंद्र रावत ने ऑक्सीजन की कालाबाजारी की आशंका जताते हुए, सीएम से मांग की है कि इसकी आपूर्ति और खर्च की जांच कराई जाए.
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