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...जब बेनी प्रसाद वर्मा ने ठुकरा दिया था मुख्यमंत्री पद का ऑफर

सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक बेनी प्रसाद वर्मा का 27 मार्च को 79 साल की उम्र में निधन हो गया. वे काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे थे. वहीं बाराबंकी जिले में भी उनके निधन से शोक की लहर दौड़ गई है. वरिष्ठ सपा नेता शहाब खालिद ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वर्मा जी कभी पद के पीछे नहीं दौड़े. यहां तक कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद का ऑफर भी ठुकरा दिया था.

sp leader shahab khalid shared his memories about beni prasad verma
बेनी प्रसाद वर्मा का 27 मार्च को 79 साल की उम्र में निधन.
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Published : Mar 27, 2020, 11:49 PM IST

बाराबंकी: समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे बेनी प्रसाद वर्मा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह मुलायम सिंह के बेहद करीबी थे. उनकी मौत से बाराबंकी ही नहीं, सपा को भी खासा झटका लगा है. बेनी बाबू के करीबी रहे वरिष्ठ सपाई शहाब खालिद ने ईटीवी भारत से उनके साथ बिताई गई अपनी यादें साझा कीं.

ईटीवी भारत के साथ यादें साझा करते वरिष्ठ सपा नेता.
'बेनी बाबू जैसा ईमानदार राजनेता कोई नहीं'
साल 1974 से बेनी प्रसाद वर्मा के साथ रहे वरिष्ठ सपाई शहाब खालिद उनके देहांत से काफी दुखी हैं. उन्होंने बताया कि बेनी बाबू जैसा ईमानदार राजनेता नहीं देखा. वे जो कहते थे, करते थे. मुलायम सिंह के बुरे दौर में जब लोग उनको छोड़कर चले गए थे, वहीं बेनी वर्मा ने मुलायम का साथ कभी नहीं छोड़ा.

'अमर सिंह की वजह से हुई मुलायम और वर्मा जी में अनबन'
शहाब खालिद बताते हैं कि अमर सिंह के चलते बाबू जी की मुलायम से अनबन हुई और उन्होंने सपा छोड़ दी थी, लेकिन फिर वे सपा में लौट आये. मुझे खुशी है कि वर्मा जी अंतिम समय सपा के साथ रहे. वे कहा करते थे कि समाजवादी में ही पैदा हुआ हूं और मेरी मौत भी समाजवादी में ही होगी.

'पद के लालची नहीं थे वर्मा जी'
वरिष्ठ सपा नेता शहाब खालिद ने खुलासा करते हुए बताया कि बेनी बाबू पद के लालची नहीं थे. यहां तक कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का ऑफर भी हुआ, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था. यहां तक कि जब नेता विरोधी दल की बात हो रही थी तो अजीत सिंह ने उनसे कहा था कि मुलायम की जगह तुम हो जाओ, लेकिन वर्मा जी ने उसे कबूल नहीं किया.

ये भी पढ़ें: बाराबंकी: पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा का निधन, सपा में शोक की लहर

शहाब खालिद बताते हैं कि जब सन 1989 में सरकार बनने वाली हुई और नेता पद का चुनाव होना था तो आरिफ मोहम्मद खान, जो आज कल केरल के गवर्नर हैं, के माध्यम से विश्वनाथ प्रताप सिंह ने पैगाम भेजा तो वर्मा जी ने उसे भी नकार दिया था.

बहराइच से चार बार सांसद बने बेनी बाबू
बेनी प्रसाद वर्मा वर्तमान में सपा से राज्यसभा सांसद थे. उन्हें पार्टी ने 2016 में राज्यसभा भेजा था. वह बहराइच के कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसद रह चुके थे. उनका जन्म 11 फरवरी 1941 को हुआ था.

बाराबंकी: समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे बेनी प्रसाद वर्मा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह मुलायम सिंह के बेहद करीबी थे. उनकी मौत से बाराबंकी ही नहीं, सपा को भी खासा झटका लगा है. बेनी बाबू के करीबी रहे वरिष्ठ सपाई शहाब खालिद ने ईटीवी भारत से उनके साथ बिताई गई अपनी यादें साझा कीं.

ईटीवी भारत के साथ यादें साझा करते वरिष्ठ सपा नेता.
'बेनी बाबू जैसा ईमानदार राजनेता कोई नहीं'
साल 1974 से बेनी प्रसाद वर्मा के साथ रहे वरिष्ठ सपाई शहाब खालिद उनके देहांत से काफी दुखी हैं. उन्होंने बताया कि बेनी बाबू जैसा ईमानदार राजनेता नहीं देखा. वे जो कहते थे, करते थे. मुलायम सिंह के बुरे दौर में जब लोग उनको छोड़कर चले गए थे, वहीं बेनी वर्मा ने मुलायम का साथ कभी नहीं छोड़ा.

'अमर सिंह की वजह से हुई मुलायम और वर्मा जी में अनबन'
शहाब खालिद बताते हैं कि अमर सिंह के चलते बाबू जी की मुलायम से अनबन हुई और उन्होंने सपा छोड़ दी थी, लेकिन फिर वे सपा में लौट आये. मुझे खुशी है कि वर्मा जी अंतिम समय सपा के साथ रहे. वे कहा करते थे कि समाजवादी में ही पैदा हुआ हूं और मेरी मौत भी समाजवादी में ही होगी.

'पद के लालची नहीं थे वर्मा जी'
वरिष्ठ सपा नेता शहाब खालिद ने खुलासा करते हुए बताया कि बेनी बाबू पद के लालची नहीं थे. यहां तक कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का ऑफर भी हुआ, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था. यहां तक कि जब नेता विरोधी दल की बात हो रही थी तो अजीत सिंह ने उनसे कहा था कि मुलायम की जगह तुम हो जाओ, लेकिन वर्मा जी ने उसे कबूल नहीं किया.

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शहाब खालिद बताते हैं कि जब सन 1989 में सरकार बनने वाली हुई और नेता पद का चुनाव होना था तो आरिफ मोहम्मद खान, जो आज कल केरल के गवर्नर हैं, के माध्यम से विश्वनाथ प्रताप सिंह ने पैगाम भेजा तो वर्मा जी ने उसे भी नकार दिया था.

बहराइच से चार बार सांसद बने बेनी बाबू
बेनी प्रसाद वर्मा वर्तमान में सपा से राज्यसभा सांसद थे. उन्हें पार्टी ने 2016 में राज्यसभा भेजा था. वह बहराइच के कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसद रह चुके थे. उनका जन्म 11 फरवरी 1941 को हुआ था.

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