बाराबंकी: जिले में एक व्यक्ति साधू का वेश बनाकर पुलिस के लोगो और कलर वाली जीप से मार्फीन की तस्करी कर रहा था. खास बात ये थी कि नीलामी में लेने के बाद भी इस व्यक्ति ने इस जीप का न तो कलर बदला और न ही उस पर लगे पुलिस के लोगो (police logo) को हटाया. सुनियोजित ढंग से ये अपने गैंग के साथ इस जीप को तस्करी के लिए प्रयोग कर रहा था. पुलिस ने इस शातिर अभियुक्त को इसके साथी समेत गिरफ्तार किया है, जबकि जीप का चालक भागने में कामयाब हो गया. फिलहाल पुलिस गैंग के दूसरे सदस्यों की तलाश में जुट गई है.
बताते चलें कि मैनुएल इंटेलिजेंस के आधार पर मसौली पुलिस बुधवार को सुरसंडा रेलवे क्रासिंग के करीब से गुजर रही एक पुलिस की जीप नम्बर UP32 BG 2237 को देख चौंक पड़ी. संदेह होने पर पुलिस ने जीप रुकवा ली. उसमें बैठे दो लोगो में से एक व्यक्ति साधू वेश में था. इस दौरान जीप चालक पुलिस को देखकर फरार हो गया. पुलिस ने इनके कब्जे से 300 ग्राम अवैध मार्फीन बरामद की. पुलिस ने जब जीप की बाबत पूछताछ शुरू की तो वो चौंक गई कि यह तो पुलिस जीप थी, लेकिन पुलिस विभाग इसे नीलाम कर चुका था. नीलामी के बाद से ही इस जीप का प्रयोग अपराध कारित करने में किया जा रहा था.
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अभियुक्त देशराज बहुत ही शातिर अपराधी है. इसके खिलाफ जैदपुर थाने में पहले से ही मुकदमा दर्ज है. ये पहले भी जेल जा चुका है. करीब डेढ़ माह पहले ही ये जेल से छूटकर आया था और फिर से तस्करी में लिप्त हो गया. एडिशनल एसपी ने बताया कि अभियुक्त देशराज सुरसंडा के शिव मंदिर पर रहता है. अपराध करने के समय ये गेरुआ वस्त्र, गले मे माला और कई चीजें धारण कर जीप में बैठता है. एक तो पुलिस जीप दूसरे साधू रूप देख कोई भी इन्हें रोकता नहीं था.
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