बाराबंकी : एक महीने पहले फिरौती के लिए अपहृत हुए बाराबंकी में किराए पर रह रहे एक युवक को आखिरकार पुलिस ने बरामद कर लिया. अपहरण का राज खुला तो सभी हैरान रह गए. दरअसल, इस युवक ने खुद के अपहरण का ड्रामा कर पिछले एक महीने से पुलिस को हलकान कर रखा था. अपहृत युवक की बरामदगी के लिए पुलिस बहराइच, गाजीपुर और लखनऊ में लगातार कैम्प कर रही थी. दोस्त से पैसे ऐंठने के लिए खुद के अपहरण का ड्रामा रचने वाले इस शातिर और फ्राड युवक को जेल भेज दिया गया है.
बीती 06 दिसम्बर को गाजीपुर जिले के दुल्लहपुर थाने के विशरिया गांव के रहने वाले पंकज गिरी ने बाराबंकी नगर कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था कि उसके दोस्त अमरजीत चौहान निवासी ढोहरा हरदासपुर कला, जनपद गाजीपुर का अपहरण हो गया है और उसके मोबाइल पर मैसेज कर 02 लाख रुपये फिरौती मांगी गई है. पुलिस ने इसे गम्भीरता से लिया और मुकदमा दर्ज कर अपहृत युवक अमरजीत की तलाश शुरू कर दी.
हलकान रही पुलिस
फोन के लोकेशन के आधार पर पुलिस बहराइच पहुंच गई और तलाश शुरू कर दिया, लेकिन फिर लोकेशन बदली तो पुलिस गाजीपुर पहुंची. यहां भी अमरजीत का कोई सुराग नहीं लगा. लखनऊ की लोकेशन मिली तो पुलिस ने वहां भी खंगाला, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका. इस दौरान पुलिस को अपहरण पर संदेह होने लगा और उसने अपने ढंग से छानबीन शुरू की तो पूरा मामला एक ड्रामा लगा.
असैनी मोड़ से हुई गिरफ्तारी
शनिवार को सुरागरसी के आधार पर नगर कोतवाली के असैनी मोड़ के पास से अमरजीत को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह अपने किसी परिचित से रुपये लेने आया था. तलाशी में उसके पास से एक अदद तमंचा 315 बोर और एक जिंदा कारतूस बरामद किया गया.
पहले भी कर चुका है फ्राड
अमरजीत से पुलिस ने जब पूछताछ शुरू की तो अपहरण के ड्रामे का पर्दाफाश हो गया. दरअसल, गाजीपुर जिले का अमरजीत चौहान अपने को बैंक का पीओ बताता था. इसने अपने जिले गाजीपुर समेत कई जगहों से कई लोगों से प्लाट, गाड़ी और बायोमीट्रिक मशीन बेचने के नाम पर पैसे ले रखे थे. काम न होने पर पैसे देने वाले लोग इससे अपना पैसा वापस मांगने लगे. लगातार किए जा रहे तगादे से आजिज आकर अमरजीत के पिता ने उसे अपनी सम्पत्ति से बेदखल कर दिया. इससे पहले एक व्यक्ति को नौकरी दिलाने के नाम पर इसने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर रुपये ऐंठ लिए थे, जिसमें अमरजीत के भाई और उसके पिता हवलदार चौहान को जेल भी भेजा गया था. गाजीपुर पुलिस को अमरजीत की तलाश थी.
गिरफ्तारी से बचने के लिए गाजीपुर से भागकर बाराबंकी में छिपा
गिरफ्तारी से बचने के लिए अमरजीत करीब 06 महीने पहले बाराबंकी भाग आया. यहां उसने शहर में कटरा मोहल्ले में किराए का कमरा लेकर रहने लगा.कुछ दिनों बाद एक दिन उसका दोस्त पंकज गिरी बाराबंकी आया तो उससे पैसे ऐंठने के लिए एक योजना बना डाली. अमरजीत कई बार पंकज गिरी से पैसे ऐंठ चुका था, लेकिन इस बार उसने हैरान कर देने वाली योजना बनाई.
अपहरण एक ड्रामा
बीती 05 दिसम्बर को अमरजीत ने अपने दोस्त पंकज गिरी से कहा कि वह लखनऊ बाबा से मिलने जा रहा है. अगले दिन उसने अपने मोबाइल से पंकज गिरी के मोबाइल पर मैसेज किया कि उसका अपहरण हो गया है वह 02 लाख रुपये उसके एकाउंट में डाल दे, लेकिन पंकज ने कहा इतने रुपये नही हैं तो अमरजीत ने मैसेज किया कि एक लाख ही डाल दे तो अपहरणकर्ता उसे छोड़ देंगे. बस यहीं से पुलिस को इस मामले मे झोल नजर आया.