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दुष्कर्म व हत्या मामले में दोषी को मिली आजीवन कारावास की सजा - दोषी को आजीवन कारावास

बाराबंकी की अदालत ने छह साल पहले हुई बालिका की हत्या और दुष्कर्म के मामले में दोषी को आजीवन कारावास और 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.

दोषी को आजीवन कारावास और जुर्माना
दोषी को आजीवन कारावास और जुर्माना
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Published : Jul 26, 2022, 9:12 PM IST

बाराबंकी: छह साल पहले 8 वर्ष की बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या कर देने के एक मामले में बाराबंकी की एक अदालत ने अभियुक्त को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. ये फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया है. साथ ही अभियुक्त से वसूले गए जुर्माने की रकम में से 30 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दिए जाने का आदेश पारित किया है.

विशेष लोक अभियोजक अजय सिंह सिसौदिया ने अभियोजन कथानक बताया कि जैदपुर थाना क्षेत्र निवासी वादी ने 23 जून 2016 को जैदपुर थाने में विपक्षी द्वारा अपनी पुत्री के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर देने के सम्बंध में प्रार्थना पत्र दिया था.अभियोजन कथानक के मुताबिक 22 जून 2016 को शाम करीब आठ बजे बालिका दुपट्टा लपेट कर घर से खेलने के लिए निकली थी. लेकिन, जब काफी देर रात वो वापस नहीं लौटी, तो परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की. लेकिन, काफी देर तक बालिका का कोई पता नहीं चला. अगले दिन यानी 23 जून 2016 को शाम करीब 4:00 बजे उसका शव एक पेड़ पर दुपट्टे से लटकता हुआ मिला. इसके आधार पर थाना जैदपुर पर में विभिन्न धाराओं में विक्रम रावत पुत्र राम अधार रावत निवासी कस्बा व थाना जैदपुर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था.

यह भी पढ़ें:परिषदीय स्कूलों के औचक निरीक्षण में 61 कर्मचारी फिर गैरहाजिर, BSA ने रोका एक दिन का वेतन

तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए विवेचना के बाद अभियुक्त विक्रम रावत के खिलाफ आरोप पत्र माननीय न्यायालय में दाखिल किया था. अभियोजन पक्ष द्वारा मामले में गवाह पेश किए गए. बचाव पक्ष और अभियोजन पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने अभियुक्त विक्रम रावत को मामले में दोषी पाया.अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त विक्रम रावत को आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई.

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बाराबंकी: छह साल पहले 8 वर्ष की बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या कर देने के एक मामले में बाराबंकी की एक अदालत ने अभियुक्त को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. ये फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया है. साथ ही अभियुक्त से वसूले गए जुर्माने की रकम में से 30 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दिए जाने का आदेश पारित किया है.

विशेष लोक अभियोजक अजय सिंह सिसौदिया ने अभियोजन कथानक बताया कि जैदपुर थाना क्षेत्र निवासी वादी ने 23 जून 2016 को जैदपुर थाने में विपक्षी द्वारा अपनी पुत्री के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर देने के सम्बंध में प्रार्थना पत्र दिया था.अभियोजन कथानक के मुताबिक 22 जून 2016 को शाम करीब आठ बजे बालिका दुपट्टा लपेट कर घर से खेलने के लिए निकली थी. लेकिन, जब काफी देर रात वो वापस नहीं लौटी, तो परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की. लेकिन, काफी देर तक बालिका का कोई पता नहीं चला. अगले दिन यानी 23 जून 2016 को शाम करीब 4:00 बजे उसका शव एक पेड़ पर दुपट्टे से लटकता हुआ मिला. इसके आधार पर थाना जैदपुर पर में विभिन्न धाराओं में विक्रम रावत पुत्र राम अधार रावत निवासी कस्बा व थाना जैदपुर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था.

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तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए विवेचना के बाद अभियुक्त विक्रम रावत के खिलाफ आरोप पत्र माननीय न्यायालय में दाखिल किया था. अभियोजन पक्ष द्वारा मामले में गवाह पेश किए गए. बचाव पक्ष और अभियोजन पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने अभियुक्त विक्रम रावत को मामले में दोषी पाया.अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त विक्रम रावत को आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई.

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