बाराबंकी: जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते 15 साल बाद भी एकेटीयू के लिए आरक्षित की गई जमीन उसे नहीं मिल सकी है. जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है. इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी एक शैक्षणिक संस्थान अधर में लटका हुआ है. अगर समय रहते जमीन अधिग्रहित की गई होती तो, इस वीरान जगह पर रोजगार के नए अवसर भी बनते. वहीं अब एसडीएम नवाबगंज ने अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की बात कही है.
एकेटीयू को नहीं मिली उसकी जमीन
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के तीसरे कैंपस के लिए 15 साल पहले आरक्षित की गई जमीन अभी तक उसे नहीं मिल सकी है.
- निजी जमीन पर हाईकोर्ट के स्टे के चलते अधिग्रहण की कार्रवाई अभी पूरी नहीं हो पाई है.
- एकेटीयू के तीसरे कैम्पस के लिए जिस जमीन को रखा गया था, उसमें बिल्डरों और भूमाफिया ने कब्जा कर रखा है.
- जब एकेटीयू के अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया तो पता चला कि जमीन पर कई लोगों ने कब्जा कर रखा है.
- अब एक बार फिर से इस मामले में एसडीएम नवाबगंज ने अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की बात कही है.
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साल 2003 में एकेटीयू यूनीवर्सिटी के लिए गांव माती में जमीन उपलब्ध कराई जानी थी. लगभग 155 हेक्टेअर जमीन थी, उसमें जो प्राइवेट लैंड थी उसका अधिग्रहण होना था. इसके साथ ही जो सरकारी जमीन थी ,उसका पुनर्ग्रहण करके विद्यालय के नाम दिया जाना था, लेकिन प्राइवेट जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई के दौरान कुछ काश्तकार हाईकोर्ट चले गए, और वहां अधिग्रहण के खिलाफ स्टे हासिल कर लिया. जिस वजह से अधिग्रहण की कार्रवाई रुकी हुई है. हालांकि सरकारी जमीन यूनिवर्सिटी के नाम रजिस्टर की जा चुकी है. वह वहां के अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की कोशिश करेंगे.
- अभय कुमार पाण्डेय, एसडीएम सदर, नवाबगंज (बाराबंकी)