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बाराबंकी: 15 साल बाद भी एकेटीयू को नहीं मिली उसकी जमीन, भूमाफिया ने कर रखा है कब्जा

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एकेटीयू के तीसरे कैंपस के लिए 15 साल पहले आरक्षित की गई जमीन अभी तक उसे नहीं मिल सकी है. एकेटीयू के अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया तो पता चला कि जमीन पर कई लोगों ने कब्जा कर रखा है. वहीं अब एसडीएम सदर ने जांच करने की बात कही है.

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Published : Dec 8, 2019, 9:42 AM IST

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15 साल बाद भी एकेटीयू को नहीं मिली उसकी जमीन.

बाराबंकी: जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते 15 साल बाद भी एकेटीयू के लिए आरक्षित की गई जमीन उसे नहीं मिल सकी है. जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है. इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी एक शैक्षणिक संस्थान अधर में लटका हुआ है. अगर समय रहते जमीन अधिग्रहित की गई होती तो, इस वीरान जगह पर रोजगार के नए अवसर भी बनते. वहीं अब एसडीएम नवाबगंज ने अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की बात कही है.

15 साल बाद भी एकेटीयू को नहीं मिली उसकी जमीन.

एकेटीयू को नहीं मिली उसकी जमीन

  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के तीसरे कैंपस के लिए 15 साल पहले आरक्षित की गई जमीन अभी तक उसे नहीं मिल सकी है.
  • निजी जमीन पर हाईकोर्ट के स्टे के चलते अधिग्रहण की कार्रवाई अभी पूरी नहीं हो पाई है.
  • एकेटीयू के तीसरे कैम्पस के लिए जिस जमीन को रखा गया था, उसमें बिल्डरों और भूमाफिया ने कब्जा कर रखा है.
  • जब एकेटीयू के अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया तो पता चला कि जमीन पर कई लोगों ने कब्जा कर रखा है.
  • अब एक बार फिर से इस मामले में एसडीएम नवाबगंज ने अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की बात कही है.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: डेढ़ हजार किसानों का गन्ना नहीं खरीदेगा विभाग, ये है वजह

साल 2003 में एकेटीयू यूनीवर्सिटी के लिए गांव माती में जमीन उपलब्ध कराई जानी थी. लगभग 155 हेक्टेअर जमीन थी, उसमें जो प्राइवेट लैंड थी उसका अधिग्रहण होना था. इसके साथ ही जो सरकारी जमीन थी ,उसका पुनर्ग्रहण करके विद्यालय के नाम दिया जाना था, लेकिन प्राइवेट जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई के दौरान कुछ काश्तकार हाईकोर्ट चले गए, और वहां अधिग्रहण के खिलाफ स्टे हासिल कर लिया. जिस वजह से अधिग्रहण की कार्रवाई रुकी हुई है. हालांकि सरकारी जमीन यूनिवर्सिटी के नाम रजिस्टर की जा चुकी है. वह वहां के अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की कोशिश करेंगे.
- अभय कुमार पाण्डेय, एसडीएम सदर, नवाबगंज (बाराबंकी)

बाराबंकी: जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते 15 साल बाद भी एकेटीयू के लिए आरक्षित की गई जमीन उसे नहीं मिल सकी है. जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है. इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी एक शैक्षणिक संस्थान अधर में लटका हुआ है. अगर समय रहते जमीन अधिग्रहित की गई होती तो, इस वीरान जगह पर रोजगार के नए अवसर भी बनते. वहीं अब एसडीएम नवाबगंज ने अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की बात कही है.

15 साल बाद भी एकेटीयू को नहीं मिली उसकी जमीन.

एकेटीयू को नहीं मिली उसकी जमीन

  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के तीसरे कैंपस के लिए 15 साल पहले आरक्षित की गई जमीन अभी तक उसे नहीं मिल सकी है.
  • निजी जमीन पर हाईकोर्ट के स्टे के चलते अधिग्रहण की कार्रवाई अभी पूरी नहीं हो पाई है.
  • एकेटीयू के तीसरे कैम्पस के लिए जिस जमीन को रखा गया था, उसमें बिल्डरों और भूमाफिया ने कब्जा कर रखा है.
  • जब एकेटीयू के अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया तो पता चला कि जमीन पर कई लोगों ने कब्जा कर रखा है.
  • अब एक बार फिर से इस मामले में एसडीएम नवाबगंज ने अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की बात कही है.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: डेढ़ हजार किसानों का गन्ना नहीं खरीदेगा विभाग, ये है वजह

साल 2003 में एकेटीयू यूनीवर्सिटी के लिए गांव माती में जमीन उपलब्ध कराई जानी थी. लगभग 155 हेक्टेअर जमीन थी, उसमें जो प्राइवेट लैंड थी उसका अधिग्रहण होना था. इसके साथ ही जो सरकारी जमीन थी ,उसका पुनर्ग्रहण करके विद्यालय के नाम दिया जाना था, लेकिन प्राइवेट जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई के दौरान कुछ काश्तकार हाईकोर्ट चले गए, और वहां अधिग्रहण के खिलाफ स्टे हासिल कर लिया. जिस वजह से अधिग्रहण की कार्रवाई रुकी हुई है. हालांकि सरकारी जमीन यूनिवर्सिटी के नाम रजिस्टर की जा चुकी है. वह वहां के अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की कोशिश करेंगे.
- अभय कुमार पाण्डेय, एसडीएम सदर, नवाबगंज (बाराबंकी)

Intro:बाराबंकी, 07 दिसंबर। 15 साल बाद भी बाराबंकी जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते एकेटीयू को नहीं मिल सकी जमीन, भूमाफियाओं ने कर रखा है कब्जा. इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी अधर में लटका है एक शैक्षणिक संस्थान. जब संस्थान ही नहीं होगा तो बच्चे पढ़ेंगे कहां? कैसे संवरेगा उनका भविष्य और रोजगार के सपने होंगे कैसे पूरे? इस मामले में लापरवाही की इंतहा है . अगर समय रहते जमीन अधिग्रहित की गई होती तो, इस वीरान जगह पर रोजगार के नए अवसर भी बनते. आखिर प्रशासन और उसके मुलाजिम शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण पर इतने सुस्त क्यों हो जाते हैं?
Body:डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के तीसरे कैंपस के लिए ,15 साल पहले आरक्षित की गई जमीन अभी तक उसे नहीं मिल सकी है. निजी जमीन पर हाईकोर्ट के स्टे के चलते अधिग्रहण की कार्रवाई अभी पूरी नहीं हो पाई है. दरअसल एकेटीयू के तीसरे कैम्पस के लिए जिस जमीन को रखा गया था, उसमें बिल्डरों और भूमाफिया ने खेल कर दिया. जब एकेटीयू के अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया तो पता चला कि जमीन पर कई लोगों ने कब्जा कर रखा है.अब एक बार फिर से इस मामले में एसडीएम नवाबगंज अभय कुमार पाण्डेय ने कहा कि, वह वहां के अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की कोशिश करेंगे.

एसडीएम सदर अभय कुमार पाण्डेय ने बताया कि, साल 2003 में एकेटीयू यूनीवर्सिटी के लिये ग्राम माती में जमीन उपलब्ध कराई जानी थी. लगभग 155 हेक्टेअर जमीन थी, उसमें जो प्राइवेट लैंड थी उसका अधिग्रहण होना था. इसके साथ ही जो सरकारी जमीन थी ,उसका पुनर्ग्रहण करके विद्यालय के नाम दिया जाना था. लेकिन प्राइवेट जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई के दौरान कुछ काश्तकार हाईकोर्ट चले गए, और वहां अधिग्रहण के खिलाफ स्टे हासिल कर लिया. जिस वजह से अधिग्रहण की कार्रवाई रुकी हुई है. हालांकि सरकारी जमीन यूनिवर्सिटी के नाम रजिस्टर की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि वह वहां के अधिकारियों से बातचीत करके जल्द ही मामले को सुलझाने की कोशिश करेंगे.Conclusion:Byte- अभय कुमार पाण्डेय, एसडीएम ,नवाबगंज (बाराबंकी)



रिपोर्ट आलोक कुमार शुक्ला रिपोर्टर बाराबंकी 96284 76907
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