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बाराबंकी: आशा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित, किया गया सम्मानित

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में स्वास्थ्य सेवाओं और आम जनमानस के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी आशा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया गया. सम्मेलन में अधिकारियों और भाजपा सांसद ने आशा कार्यकर्ताओं के कार्यों की सराहना की.

आशा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित.
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Published : Aug 28, 2019, 9:42 AM IST

बाराबंकी: मंगलवार को राजकीय इंटर कॉलेज के ऑडिटोरियम में आशा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया गया. इस दौरान अधिकारियों और सांसद द्वारा सराहना किए जाने से आशा कार्यकर्ता थोड़ी उत्साहित दिखीं, लेकिन उनके चेहरे पर दर्द भी नजर आया. उन्होंने मांग की है कि अगर उनका मानदेय एक मुश्त और समय पर मिल जाय तो वे और अच्छा कार्य कर सकती हैं.

आशा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित.

आशा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित
हर वर्ष स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित होने वाला ये सम्मेलन बीते 23 अगस्त को होना था, लेकिन जन्माष्टमी त्योहार के चलते ये सम्मेलन मंगलवार को आयोजित किया गया. इस सम्मेलन के जरिये आशाओं की समस्याओं पर चर्चा कर वर्ष भर में उनके द्वारा किए गए कार्यों को देखकर उनको पुरस्कृत भी किया जाता है. इस मौके पर सभी ब्लॉकों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आशाओं और संगिनी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.

मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन में पहुंचे भाजपा सांसद उपेंद्र रावत ने आशाओं से अपील की कि वे मेहनत और लगन से अपने गांव को एक स्वस्थ और खुशहाल बनाने का प्रयास करें. सांसद ने कहा कि निश्चय ही कुछ एक मामलों को छोड़ दिया जाय तो स्वास्थ्य विभाग की तमाम योजनाओं को बड़ी ही जिम्मेदारी के साथ ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाने का काम आशाओं और संगिनी ने किया है. लिहाजा मानदेय एक मुश्त में दिए जाने की इनकी मांग को गलत नहीं ठहराया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें:- रेल टिकट पर PM मोदी की तस्वीर, दो कर्मचारी निलंबित

आशा सम्मेलन में हिंदी का जमकर उड़ा मखौल
अब इसे लापरवाही कहें या चूक कि सम्मेलन में हिंदी का जमकर मखौल उड़ा. जिनके लिए ये सम्मेलन था, उनका नाम ही गलत लिखा था. दरअसल, सम्मेलन के लिए मंच पर जो फ्लैश बोर्ड लगा था उसमें 'आशा' शब्द ही गलत लिखा था. घण्टों चले इस सम्मेलन में जिलाधिकारी, सांसद, विधायक समेत स्वास्थ्य विभाग के भी तमाम अधिकारी मौजूद रहे. यही नहीं सामने सैकड़ों आशा कार्यकर्ता और संगिनी भी बैठी रहीं, लेकिन किसी ने भी इस गलती की ओर इंगित करना मुनासिब नहीं समझा.

हम लोग तमाम काम लिए जाते हैं, जिसका मानदेय टुकड़े -टुकड़े में दिया जाता है. हमारी मांग है कि एक मुश्त मानदेय दिया जाय तो और बेहतर काम करे सकते हैं.
-सुनीता वर्मा, जिलाध्यक्ष आशा संघ

बाराबंकी: मंगलवार को राजकीय इंटर कॉलेज के ऑडिटोरियम में आशा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया गया. इस दौरान अधिकारियों और सांसद द्वारा सराहना किए जाने से आशा कार्यकर्ता थोड़ी उत्साहित दिखीं, लेकिन उनके चेहरे पर दर्द भी नजर आया. उन्होंने मांग की है कि अगर उनका मानदेय एक मुश्त और समय पर मिल जाय तो वे और अच्छा कार्य कर सकती हैं.

आशा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित.

आशा कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित
हर वर्ष स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित होने वाला ये सम्मेलन बीते 23 अगस्त को होना था, लेकिन जन्माष्टमी त्योहार के चलते ये सम्मेलन मंगलवार को आयोजित किया गया. इस सम्मेलन के जरिये आशाओं की समस्याओं पर चर्चा कर वर्ष भर में उनके द्वारा किए गए कार्यों को देखकर उनको पुरस्कृत भी किया जाता है. इस मौके पर सभी ब्लॉकों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आशाओं और संगिनी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.

मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन में पहुंचे भाजपा सांसद उपेंद्र रावत ने आशाओं से अपील की कि वे मेहनत और लगन से अपने गांव को एक स्वस्थ और खुशहाल बनाने का प्रयास करें. सांसद ने कहा कि निश्चय ही कुछ एक मामलों को छोड़ दिया जाय तो स्वास्थ्य विभाग की तमाम योजनाओं को बड़ी ही जिम्मेदारी के साथ ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाने का काम आशाओं और संगिनी ने किया है. लिहाजा मानदेय एक मुश्त में दिए जाने की इनकी मांग को गलत नहीं ठहराया जा सकता है.

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आशा सम्मेलन में हिंदी का जमकर उड़ा मखौल
अब इसे लापरवाही कहें या चूक कि सम्मेलन में हिंदी का जमकर मखौल उड़ा. जिनके लिए ये सम्मेलन था, उनका नाम ही गलत लिखा था. दरअसल, सम्मेलन के लिए मंच पर जो फ्लैश बोर्ड लगा था उसमें 'आशा' शब्द ही गलत लिखा था. घण्टों चले इस सम्मेलन में जिलाधिकारी, सांसद, विधायक समेत स्वास्थ्य विभाग के भी तमाम अधिकारी मौजूद रहे. यही नहीं सामने सैकड़ों आशा कार्यकर्ता और संगिनी भी बैठी रहीं, लेकिन किसी ने भी इस गलती की ओर इंगित करना मुनासिब नहीं समझा.

हम लोग तमाम काम लिए जाते हैं, जिसका मानदेय टुकड़े -टुकड़े में दिया जाता है. हमारी मांग है कि एक मुश्त मानदेय दिया जाय तो और बेहतर काम करे सकते हैं.
-सुनीता वर्मा, जिलाध्यक्ष आशा संघ

Intro:बाराबंकी ,28 अगस्त । अब इसे लापरवाही कहें या चूक कि आशा सम्मेलन में हिंदी का जमकर मखौल उड़ा ।जिनके लिए ये सम्मेलन था वो नाम ही गलत था । दरअसल आशा सम्मेलन के लिए मंच पर जो फ़्लैश बोर्ड लगा था उसमें "आशा " शब्द ही गलत लिखा था । घण्टों चले इस सम्मेलन में जिलाधिकारी, सांसद,विधायक समेत स्वास्थ्य विभाग के भी तमाम अधिकारी मौजूद रहे । यही नही सामने सैकड़ों आशाएं और संगिनी भी बैठी रहीं लेकिन किसी ने भी इस गलती की ओर इंगित करना मुनासिब नही समझा ।


Body:वीओ - जीआइसी के ऑडिटोरियम में मंगलवार को आशा सम्मेलन का आयोजन किया गया । हैरानी की बात तो ये कि हिंदी के उत्थान की बातें तो बहुत की जाती हैं लेकिन अमल कुछ नही होता । इसका नजारा सम्मेलन में दिखाई दिया । इस सम्मेलन को प्रदर्शित करने वाले बोर्ड को ही गलत बना दिया गया । अफसोसनाक बात तो ये कि जिनके लिए सम्मेलन का आयोजन था वही नाम गलत कर दिया गया । मंच पर लगाये गए बड़े से फ़्लैश बोर्ड पर आशा सम्मेलन लिखा गया था लेकिन "आशा" शब्द ही गलत था । मंच पर जिले के तमाम अधिकारी , सांसद और दो विधायक भी मौजूद रहे लेकिन किसी ने भी हिंदी की इस उपेक्षा पर ध्यान नही दिया । मंच के सामने ऑडिटोरियम आशाओं और संगिनी से भरा हुआ था । सबकी नजर बोर्ड की तरफ थी लेकिन मजाल कि किसी ने भी इस गलती की ओर इंगित किया हो ।



Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
945461740
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