बाराबंकी: अभी तक परंपरागत रूप से मटके और कुल्हड़ बनाने तक सीमित प्रदेश के कुम्हार अब मिट्टी के बने एक से एक नायाब उत्पाद बनाएंगे.इसके लिए उत्तरप्रदेश माटीकला बोर्ड ने शिल्पकारों को मिलने वाली सब्सिडी को 10 फीसदी बढ़ा दिया है साथ ही प्रशिक्षण के दौरान मिलने वाली प्रोत्साहन राशि भी ढाई गुना बढ़ा दी गई है ताकि शिल्पकार माटीकला से जुड़कर अपने उद्यम को बढ़ा सकें. ये खुलासा मंगलवार को बाराबंकी पहुंचे उत्तरप्रदेश माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष ओमप्रकाश गोला प्रजापति ने किया.
बाराबंकी पहुंचे ओमप्रकाश गोला प्रजापति ने कहा कि सूबे में माटीकला को बढ़ाना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसके लिए बोर्ड ने शिल्पकारों को मिलने वाली 25 फीसदी सब्सिडी को बढ़ाकर 35 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा प्रशिक्षण के दौरान मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को 100 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये कर कर दिया है.
ओमप्रकाश गोला ने बताया कि बोर्ड शिल्पकारों को अपने उत्पाद बेचने के लिए बाजार भी उपलब्ध कराएगा. इसके लिए बोर्ड ने इन कारीगरों को नगरपालिका और वित्त निगम की दुकानों का आवंटन करने का आदेश अधिकारियों को दिया है. ग्रामीण अंचलों में इनको ग्राम पंचायत की भूमि भी उपलब्ध कराई जाएगी.
यहां ये कारीगर अपने उत्पादों को डिसप्ले करेंगे ताकि खरीददार आकर्षित हों.इस दौरान अध्यक्ष माटीकला बोर्ड ने जिले के शिल्पकारों से भेंटकर उनके उत्पाद देखे और उनकी समस्याएं जानी.उन्होंने इस समाज को अपने उत्पादों को बनाने की तकनीक में बदलाव करने को कहा.उन्होंने कहा कि वक्त के साथ अपने को बदलिए और खूबसूरत और आधुनिक उत्पाद तैयार करिए.इस दौरान कुछ शिल्पकारों द्वारा मिट्टी न मिलने की शिकायत भी की गई जिस पर उन्होंने तत्काल सीडीओ और एडीएम को अधिकारियों को मिट्टी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
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