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Barabanki Court news: नौ साल बाद दुष्कर्म के आरोपी को दस वर्ष का कठोर कारावास

बाराबंकी में सेशन कोर्ट ने 9 साल पहले किशोरी के साथ रेप के दोषी को 10 साल कारावास सहित 30 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.

बाराबंकी में सेशन कोर्ट
बाराबंकी में सेशन कोर्ट
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Published : Feb 14, 2023, 11:00 PM IST

बाराबंकी: जनपद में नौ वर्ष पूर्व एक किशोरी को बहला फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के एक मामले में यहां की सेशन कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर-45 अजय श्रीवास्तव ने सुनाया है.


सहायक अभियोजन अधिकारी फौजदारी अजय सिंह और मनीषा झा ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले वादी ने 9 फरवरी 2014 को थाने पर तहरीर देकर शिकायत थी कि सूरज वर्मा उसकी पुत्री को बहला फुसला कर भगा ले गया है. इस तहरीर पर पुलिस ने सूरज वर्मा के मुकदमा लिखकर तफ्तीश शुरू की. किशोरी की बरामदगी और मेडिकल परीक्षण कराने के बाद उसके बयान कराए गए.

तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए धारा 376 और पॉक्सो ऐक्ट की धाराएं बढ़ाई गई. विवेचक ने इन धाराओं में आरोपी के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की गवाही और बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर 45 अजय श्रीवास्तव ने आरोपी सूरज वर्मा पुत्र अकबाल बहादुर उर्फ लाला को दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है.

यह भी पढे़ं:पत्नी की हत्या कर शव को घर में ही गड्ढे में छिपाने वाले पति को आजीवन कारावास

बाराबंकी: जनपद में नौ वर्ष पूर्व एक किशोरी को बहला फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के एक मामले में यहां की सेशन कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर-45 अजय श्रीवास्तव ने सुनाया है.


सहायक अभियोजन अधिकारी फौजदारी अजय सिंह और मनीषा झा ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले वादी ने 9 फरवरी 2014 को थाने पर तहरीर देकर शिकायत थी कि सूरज वर्मा उसकी पुत्री को बहला फुसला कर भगा ले गया है. इस तहरीर पर पुलिस ने सूरज वर्मा के मुकदमा लिखकर तफ्तीश शुरू की. किशोरी की बरामदगी और मेडिकल परीक्षण कराने के बाद उसके बयान कराए गए.

तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए धारा 376 और पॉक्सो ऐक्ट की धाराएं बढ़ाई गई. विवेचक ने इन धाराओं में आरोपी के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की गवाही और बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर 45 अजय श्रीवास्तव ने आरोपी सूरज वर्मा पुत्र अकबाल बहादुर उर्फ लाला को दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है.

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