बांदाः जिले के बबेरू गांव में एक युवक ने जीभ काटकर मंदिर में चढ़ा दी. जानकारी के अनुसार युवक पहले अपनी गर्दन काटकर देवी के चरणों में चढ़ाने जा रहा था, लेकिन उसकी मां ने उसे यह करते देख उसे यह करने से मना कर दिया. उसी दौरान उसने अपनी जीभ निकाली और छुरा चला दिया. जिसके बाद वहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई और उसका उपचार कराने के बजाए देवी का प्रताप मानते हुए जयकारे लगाने लगे. मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची, जिन्होंने युवक से इलाज कराने का आग्रह किया, लेकिन युवक ने अस्पताल जाने से मना कर दिया. फिलहाल युवक की हालत सामान्य है.
अंधविश्वास या भक्ति
पूरा मामला बबेरू कोतवाली क्षेत्र के भाटी गांव का है. जहां का रहने वाला आत्माराम यादव अचानक अपने घर से निकला और गांव में बने एक खेरापति देवी मां के मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना करने के बाद अपनी जीभ काट कर चढ़ा दी. लोगों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वहां पर उसे देखने के लिए भीड़ जमा हो गई और लोगों ने देवी मां के जयकारे लगाए. जैसी इस घटना की जानकारी पुलिस को हुई तो बबेरू कोतवाली की पुलिस भी मौके पर पहुंची और युवक को इलाज कराने के लिए चलने को कहा. इस पर युवक ने मना कर दिया. पुलिस ने युवक से इलाज कराने के लिए खूब मिन्नतें की, लेकिन युवक नहीं माना और इसके बाद पुलिस भी युवक की हालत ठीक देख वहां से चली गई.
लोगों में भी अंधविश्वास बोले देवी मां ने खुद था बुलाया
युवक के चाचा चंद्रभान सिंह यादव ने बताया कि सुबह आत्माराम अपने घर से चला और इसको देवी मां ने बुलाया था. जिसके बाद यह देवी के मंदिर में आया और इसने अपनी जीभ काटकर मंदिर में चढ़ा दी. इसकी जानकारी हमें आत्माराम की मां ने दी थी. उन्होंने बताया था कि आत्माराम पहले अपनी गर्दन काट कर मंदिर में चढ़ाने जा रहा था, लेकिन जब उसे यह करने से मना किया गया और मिन्नतें की गई. तब जाकर वह माना, लेकिन इसी दौरान उसने अपनी जीभ काटकर मंदिर में चढ़ा दी. लोगोंं ने यह भी बताया कि आत्माराम देवी मां का बहुत बड़ा भक्त है.