बांदा: महिला सशक्तिकरण की अगर बात की जाए तो लोग कई पहलुओं पर चर्चा तो करते हैं, मगर इसकी जमीनी हकीकत बहुत कम नजर आती है. जिले की रहने वाली रूबी लंबे समय से महिलाओं और बेटियों को स्वावलंबन की राह दिखाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने का काम कर रही हैं. वहीं रूबी के इस जज्बे को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2016 में उन्हें रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित भी किया था.
सेनेटरी पैड बनाना सिखा रही हैं रूबी
जिले की रहने वाली रूबी महिलाओं और बेटियों को सेनेटरी पैड बनाना सिखा रही हैं. बता दें कि रूबी शहर कोतवाली क्षेत्र के अलीगंज इलाके की रहने वाली हैं, जो कि महिलाओं और बेटियों को सिलाई-कढ़ाई का लंबे समय से प्रशिक्षण दे रही हैं. वहीं महिलाएं भी प्रशिक्षण पाकर स्वावलंबी बन रही हैं और उन्हें किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ रहा है. दरअसल रूबी साल 2015 से यह काम कर रही है, जो कि अब तक सैकड़ों लोगों को रोजगार दे चुकी हैं.
रूबी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रही हैं. रूबी ने बताया कि अभी फिलहाल उनके यहां वर्तमान में 5 महिलाएं काम कर रही हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की कई महिलाएं रूबी से जुड़ी हुई हैं, जिन्हें कि अपने स्वास्थ्य से संबंधित ज्यादा जानकारी नहीं है. इसको लेकर रूबी ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह काम शुरू किया है, जिससे कि महिलाएं जागरूक हों और बीमारी से बची रहें. दरअसल कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं कि सेनेटरी नैपकीन की जानकारी के अभाव में महिलाएं कैंसर से भी पीड़ित हो जाती हैं, इसको लेकर भी रूबी गांव-गांव जाकर महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रही हैं.
महिलाओं को मिल रहा रोजगार
रूबी के यहां काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि यह काम उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है, क्योंकि इस काम के साथ उन्हें रोजगार भी मिल रहा है. महिलाओं का कहना है कि इस कार्य से वे अपनी 2 जून की रोटी की व्यवस्था कर ले रही हैं. और साथ ही स्वास्थ्य संबंधी होने वाली बीमारियों से बचाने का काम भी कर रही हैं. रूबी का कहना है कि उनके यहां बनाए जाने वाले नैपकीन पैड बाजारों में बिकने वाले पैड से काफी सस्ते हैं, जिससे इनकी खपत भी अच्छी खासी है.