बांदा: यूपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना गुरुवार को बांदा पहुंचे. यहां बीजेपी के पदाधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. जिले में सुरेश खन्ना ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया. मेडिकल कॉलेज में उन्होंने कोविड-19 हेल्प डेस्क और कोरोना वार्ड का निरीक्षण किया. इस महामारी में अच्छा काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को उन्होंने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया.
मंत्री सुरेश खन्ना ने निरीक्षण में मिली कुछ खामियों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए. इस दौरान मंडल के डीआईजी और कमिश्नर समेत जिले के आला अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि 15 दिनों के अंदर मेडिकल कॉलेज में छोटी सी कोरोना टेस्टिंग लैब शुरू कर दी जाएगी.
सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना गुरुवार की दोपहर को हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन में बने हेलीपैड पर उतरे. इसके बाद सर्किट हाउस में उन्होंने जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर कोरोना को लेकर जिले की स्थिति के बारे में चर्चा की. इसके बाद सुरेश खन्ना राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचे. मेडिकल में उन्होंने कोविड-19 हेल्प डेस्क और कोरोना वार्ड का निरीक्षण किया. साथ ही भर्ती मरीजों से बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों में बेहतर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को सुरेश खन्ना ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. उन्होंने निरीक्षण के दौरान मिली कुछ कमियों को सुधारने के आवश्यक दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए. इस दौरान मंडल के कमिश्नर गौरव दयाल और डीआईजी दीपक कुमार भी मौजूद रहे.
सुरेश खन्ना ने बताया कि कोविड-19 को लेकर सरकारी सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं. वे सुविधाएं लोगों तक पहुंच रही हैं या नहीं. इसी की जमीनी हकीकत देखने मैं आया हूं. मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को बधाई देना चाहता हूं कि जिन्होंने उत्तर प्रदेश में टेस्टिंग की सुविधा 100 से बढ़ाकर 15 हजार तक कर दी है. आने वाले समय में हम 25 हजार टेस्ट रोज कर सकेंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि यूपी में रिकवरी रेट 64% है, जो अपने आप में बड़ी बात है.
उन्होंने कहा कि यूपी में हर तरह की मेडिकल सुविधा को बढ़ाने का हमारा प्रयास जारी है. हमारा प्रयास है कि जो मृत्युदर है, उसे हम बिल्कुल कम कर ले. उसी उद्देश्य से हम काम कर रहे हैं. लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई भी की जा रही है. बांदा में आज की तारीख में 46 मरीज हैं, जिनमें 4 मरीजों से बात की है. उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली है. उन्होंने संतोषजनक उत्तर दिया है. बांदा में बहुत जल्द एक छोटी सी टेस्टिंग लैब भी चालू की जाएगी. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के व्यवहार को लेकर कुछ शिकायतें मिली हैं. व्यवहार में सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं.