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आवास आवंटन में धोखाधड़ी मामला, IAS अधिकारी समेत तीन लोगों पर केस दर्ज

बांदा में आईएएस अधिकारी समेत तीन लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. तीनों कांशीराम कॉलोनी में आवास आवंटन में धोखाधड़ी (fraud in housing allotment in kanshiram colony) करने के मामले में आरोपी हैं. मामले की जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है.

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आईएएस अधिकारी
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Published : Aug 17, 2022, 10:28 PM IST

बांदा: जिले में एक आईएएस अधिकारी समेत तीन लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. कमिश्नर के आदेश पर यह शहर कोतवाली में दर्ज हुआ है. दरअसल, पूरा मामला कांशीराम कॉलोनी के आवास आवंटन (Housing allotment of Kanshi Ram Colony) से जुड़ा हुआ है. यहां एक महिला की मौत के बाद उसके बेटे को वरासत के तौर पर कॉलोनी का आवंटन किया जाना था. लेकिन तीनों ने मिलकर जांच रिपोर्ट में पात्र को अपात्र कर दिया था.

पात्र को कर दिया था जांच में अपात्र: कांशीराम कॉलोनी की रहने वाली एक शकुंतला नाम की महिला को आवास आवंटित हुआ था. महिला की मौत के बाद उसके बेटे राजकुमार ने आवास में अपना दावा किया और जिला नगरीय विकास प्राधिकरण कार्यालय में प्रार्थना पत्र भी दिया. इसके बाद राजस्व विभाग की तरफ से जांच की गई तो राजकुमार को पात्र पाया गया. लेकिन जिला नगरीय विकास अभिकरण कार्यालय के कर्मचारियों ने राजस्व विभाग की जो रिपोर्ट मिली, उसमें राजकुमार को दस्तावेजों में पात्र की बजाय अपात्र लिख दिया. इसके बाद राजकुमार की पत्नी रीना ने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी. यहां तक कि राज्यपाल, मुख्य सचिव और सतर्कता अधिष्ठान से भी उसने शिकायत की थी.

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सतर्कता अधिष्ठान ने दिए थे मामले में जांच के आदेश: इसके बाद सतर्कता अधिष्ठान पूरे मामले की जांच को लेकर जिलाधिकारी को निर्देशित किया था. जिलाधिकारी ने तत्कालीन आईएएस व एसडीएम सदर सुधीर गहलोत को जांच सौंपी. एसडीएम ने जनवरी 2022 में राजकुमार को पात्र बताया और रिपोर्ट को जिला नगरी विकास अभिकरण कार्यालय में न भेजकर मार्च में कूटनीति ढंग से बदलकर राजकुमार को अपात्र कर दिया. जिससे राजकुमार का वरासत नहीं हो सका और उसे आवास नहीं मिला. इस पर तत्कालीन कमिश्नर दिनेश कुमार सिंह ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे. मामले में शहर कोतवाली में आईएएस सुधीर गहलोत सहित तीन लोगों के विरुद्ध अगस्त में धारा 420, 467,468,471,120बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है.

यह भी पढ़ें:फर्जी दस्तावेज के आधार पर 90 लाख की धोखाधड़ी, 'नटवरलाल' गिरफ्तार

बांदा: जिले में एक आईएएस अधिकारी समेत तीन लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. कमिश्नर के आदेश पर यह शहर कोतवाली में दर्ज हुआ है. दरअसल, पूरा मामला कांशीराम कॉलोनी के आवास आवंटन (Housing allotment of Kanshi Ram Colony) से जुड़ा हुआ है. यहां एक महिला की मौत के बाद उसके बेटे को वरासत के तौर पर कॉलोनी का आवंटन किया जाना था. लेकिन तीनों ने मिलकर जांच रिपोर्ट में पात्र को अपात्र कर दिया था.

पात्र को कर दिया था जांच में अपात्र: कांशीराम कॉलोनी की रहने वाली एक शकुंतला नाम की महिला को आवास आवंटित हुआ था. महिला की मौत के बाद उसके बेटे राजकुमार ने आवास में अपना दावा किया और जिला नगरीय विकास प्राधिकरण कार्यालय में प्रार्थना पत्र भी दिया. इसके बाद राजस्व विभाग की तरफ से जांच की गई तो राजकुमार को पात्र पाया गया. लेकिन जिला नगरीय विकास अभिकरण कार्यालय के कर्मचारियों ने राजस्व विभाग की जो रिपोर्ट मिली, उसमें राजकुमार को दस्तावेजों में पात्र की बजाय अपात्र लिख दिया. इसके बाद राजकुमार की पत्नी रीना ने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी. यहां तक कि राज्यपाल, मुख्य सचिव और सतर्कता अधिष्ठान से भी उसने शिकायत की थी.

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सतर्कता अधिष्ठान ने दिए थे मामले में जांच के आदेश: इसके बाद सतर्कता अधिष्ठान पूरे मामले की जांच को लेकर जिलाधिकारी को निर्देशित किया था. जिलाधिकारी ने तत्कालीन आईएएस व एसडीएम सदर सुधीर गहलोत को जांच सौंपी. एसडीएम ने जनवरी 2022 में राजकुमार को पात्र बताया और रिपोर्ट को जिला नगरी विकास अभिकरण कार्यालय में न भेजकर मार्च में कूटनीति ढंग से बदलकर राजकुमार को अपात्र कर दिया. जिससे राजकुमार का वरासत नहीं हो सका और उसे आवास नहीं मिला. इस पर तत्कालीन कमिश्नर दिनेश कुमार सिंह ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे. मामले में शहर कोतवाली में आईएएस सुधीर गहलोत सहित तीन लोगों के विरुद्ध अगस्त में धारा 420, 467,468,471,120बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है.

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