लखनऊ: राज्य के बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुई 16 शिक्षकों की नियुक्ति में 11 के एक ही जाति विशेष का होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने इस पूरे प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए हैं. नियुक्ति में धांधली के आरोपों की जांच विशेष सचिव कृषि बीएस यादव को सौंपी गई है. जांच में आरक्षण नियमों की अनदेखी मिलने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को लिखा था पत्र
भाजपा के तिंदवारी से विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखकर कृषि विश्वविद्यालय में धांधली का आरोप लगाया था. उन्होंने लिखा था कि आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है. उनका आरोप यह भी था कि एक विशेष जाति के लोगों को भर्ती में अधिक तरजीह दी गई है. प्रजापति का आरोप है कि नियुक्ति विज्ञापन को दो हिस्सों में करके आरक्षण प्रक्रिया से छेड़छाड़ की गई है. इसलिए इस भर्ती को रद्द करके दोबारा भर्ती की जाए.
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आरोपों में सत्यता मिली तो होगी कार्रवाई
आपको बता दें कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी का मामला कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही तक पहुंचा है. शाही ने इस बाबत कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी को जांच के निर्देश दिए हैं. हालांकि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से लेकर अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी तक ने विधायक के किसी भी शिकायती पत्र के मिलने से इनकार किया है. शासन की तरफ से यह जरूर कहा गया है कि अगर इन आरोपों में कोई सत्यता मिली तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.