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बांदा: पाकिस्तान की कैद से रिहा होकर लौटे 14 मछुआरे, इलाके में खुशी

जिले के तिंदवारी थाना क्षेत्र के जस्सीपुर गांव के 14 युवक पाकिस्तान के जेल से रिहा होकर आए हैं. दरअसल मछली पकड़ने के दौरान समुद्री सीमा का पता न होने के चलते यह लोग पाकिस्तान की सरहद में पहुंच गए थे.

पाकिस्तान की कैद से रिहा होकर लौटे 14 मछुआरे
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Published : Apr 20, 2019, 11:55 PM IST

बांदा: जिले के एक गांव में इन दिनों जश्न का माहौल है. इस खुशी की वजह यह है कि गांव के 14 युवक पाकिस्तान के जेल से रिहा होकर लौट आए हैं. तकरीबन दो साल की पाकिस्तानी कैद में रहे इस गांव के युवकों के वापस आते ही पूरे गांव में खुशी का माहौल है.

पाकिस्तान की कैद से रिहा होकर लौटे 14 मछुआरे


बांदा के तिंदवारी थाना क्षेत्र के जस्सीपुर गांव के लोग मछली पकड़ने का काम करते हैं. यहां के ज्यादातर लोग गुजरात में रहते हैं. पिछले कुछ सालों में इस गांव के कई लोग मछली पकड़ने के दौरान समुद्री सीमा का पता न होने के चलते पाकिस्तान की सरहद में पहुंच गए. इसी दौरान पाकिस्तानी कोस्ट गार्ड ने उन्हें पकड़ लिया.

रोजी-रोटी की तलाश में इस गांव से गए 14 लोग पाकिस्तान में कैद थे, जो रिहा हुए हैं. इसके बाद से इस गांव में खुशी का माहौल है. हालांकि, इस गांव के अब भी कुछ लोग पाकिस्तान की जेल में कैद हैं. वहीं इन लोगों के छूटने के बाद अब लोगों में उम्मीद जगी है कि एक न एक दिन वह लोग भी वापस आएंगे.

पाकिस्तान की जेल से छूटे लोगों ने बताया कि नवंबर 2017 में उन्हें मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था. तबसे यह पाकिस्तान की कराची जेल में बंद थे. उन्होंने बताया कि जेल में उनके साथ अच्छा व्यवहार होता था.

बांदा: जिले के एक गांव में इन दिनों जश्न का माहौल है. इस खुशी की वजह यह है कि गांव के 14 युवक पाकिस्तान के जेल से रिहा होकर लौट आए हैं. तकरीबन दो साल की पाकिस्तानी कैद में रहे इस गांव के युवकों के वापस आते ही पूरे गांव में खुशी का माहौल है.

पाकिस्तान की कैद से रिहा होकर लौटे 14 मछुआरे


बांदा के तिंदवारी थाना क्षेत्र के जस्सीपुर गांव के लोग मछली पकड़ने का काम करते हैं. यहां के ज्यादातर लोग गुजरात में रहते हैं. पिछले कुछ सालों में इस गांव के कई लोग मछली पकड़ने के दौरान समुद्री सीमा का पता न होने के चलते पाकिस्तान की सरहद में पहुंच गए. इसी दौरान पाकिस्तानी कोस्ट गार्ड ने उन्हें पकड़ लिया.

रोजी-रोटी की तलाश में इस गांव से गए 14 लोग पाकिस्तान में कैद थे, जो रिहा हुए हैं. इसके बाद से इस गांव में खुशी का माहौल है. हालांकि, इस गांव के अब भी कुछ लोग पाकिस्तान की जेल में कैद हैं. वहीं इन लोगों के छूटने के बाद अब लोगों में उम्मीद जगी है कि एक न एक दिन वह लोग भी वापस आएंगे.

पाकिस्तान की जेल से छूटे लोगों ने बताया कि नवंबर 2017 में उन्हें मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था. तबसे यह पाकिस्तान की कराची जेल में बंद थे. उन्होंने बताया कि जेल में उनके साथ अच्छा व्यवहार होता था.

Intro:SLUG- पाकिस्तान की कैद से रिहा होकर लौटे 14 मछुवारे, इलाके में खुशी
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE- 20.04.19
ANCHOR- बुंदेलखंड के बांदा में एक गांव इन दिनों जश्न का माहौल है । पूरी गांव में लोग बेहद खुश हैं और इस खुशी की बहुत बड़ी वजह भी है । और वह वजह यह है की इस गांव के एक नहीं 14 युवक जेल से रिहा होकर आए हैं और वह भी पाकिस्तान की जेल से । तकरीबन 2 साल की पाकिस्तानी कैद में रहे इस गांव के युवकों के वापस आते ही पूरे गांव में मानो होली दिवाली का एक साथ माहौल हो गया है। यह सभी युवक गुजरात के ओखा बंदरगाह के पास से उस समय पाकिस्तानी सेना के हत्थे चढ़ गए थे । जब यह मछली का शिकार कर रहे थे और समुद्र में समुद्री सीमा का पता न होने के चलते पाकिस्तानी सरहद में चले गए थे।


Body:वीओ- हम बात कर रहे हैं बांदा के तिंदवारी थाना क्षेत्र के जस्सी पुर गांव की जिसका पाकिस्तान की जेल से गहरा नाता हो चुका है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस गांव के लोग मछली पकड़ने का काम करते हैं और ज्यादातर लोग गुजरात में रहते हैं पिछले कुछ सालों में इस गांव के कई लोग मछली पकड़ने के दौरान समुद्री सीमा का पता न होने के चलते पाकिस्तान की सरहद में पहुंच गए और उसी दौरान पाकिस्तानी कोस्ट गार्ड ने इन्हें पकड़ लिया जिससे यहां के लोग सालों से पाकिस्तानी जेलों में कैद हैं।

वीओ- आपको यह भी बता दे की रोजी रोटी की तलाश में इस गांव से गए 14 लोग पाकिस्तान में कैद थे हो रिहा हुए हैं। जिसके बाद से इस गांव में खुशी का माहौल है। इनके घरों के लोग जो सालों से इनकी राह देख रहे थे उनके चेहरों में खुशी है । हालांकि इस गांव की अभी भी कुछ लोग पाकिस्तान की जेल में कैद हैं। लेकिन इन लोगों के छूटने के बाद अब लोगों में उम्मीद जगी है कि एक ना एक दिन वह लोग भी वापस आ जाएंगे।


Conclusion:वीओ- पाकिस्तान की जेलों से छूटे हुए इन लोगों ने बताया कि नवंबर 2017 में इन्हें मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था। और तब से यह पाकिस्तान की कराची जेल में बंद थे। उन्होंने बताया कि वह जेल में इन्हें कोई दिक्कत नहीं थी इनके साथ अच्छा व्यवहार होता था और समय-समय पर इन्हें खाना भी दिया जाता था हालांकि इसके बदले इन्हें भारतीय जेलों की तरह ही कुछ काम भी करना पड़ता था। अब यह लोग गांव वापस आ गए हैं इससे इन्हें बहुत खुशी है। वहीं ग्रामीणों ने भी बताया कि हम सालों से इन लोगों के आने की राह देख रहे थे और इन्हें अपने सामने अब देखकर बहुत ही अच्छा लग रहा है ।

बाईट- अखिलेश, कैद से रिहा युवक
बाईट- अशोक, कैद से रिहा युवक
बाईट- सुखलाल, ग्रामीण
बाईट- शशी, रिहा युवकों की परिजन

ANAND TIWARI
BANDA
9795000076
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