बांदा: एक तरफ देश के तमाम हिस्से इस समय जल संकट से जूझ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सूखा क्षेत्र नाम से जाना जाने वाले बुंदेलखंड में एक गांव ऐसा भी है जिसे जलगांव नाम से जाना जाता है. यहां के लोगों ने बिना किसी सरकारी मदद के खुद से ही जल संरक्षण के लिए काम किया है.
- बांदा शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर जखनी गांव को जलगांव नाम से जाना जाता है.
- बुंदेलखंड देश का एक ऐसा क्षेत्र है जो सूखे और पानी की किल्लत के लिए जाना जाता है.
- वहीं इस क्षेत्र के इस गांव में पानी की किल्लत नहीं है.
- यहां के किसान सब्जियों का उत्पादन करने के साथ-साथ तालाबों में मछली पालन कर भी भरण पोषण कर रहे हैं.
- गांव निवासी पिछले लगभग 6-7 वर्षों से परंपरागत तरीके से जल संरक्षण और जल संचय का काम कर रहे है.
- यहां के लोग हैंडपंपों और अपने घरों से निकले वेस्ट पानी को संरक्षित करते हैं.
- वहीं वर्षा के पानी और नहरों के पानी को भी लोग यहां के तालाबों में संचय करते हैं.
- वहीं इस गांव में महज 6 से 7 फीट गहराई में ही पानी है.
ग्रामीणों का कहना है
लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से वह जल को संरक्षित करने का काम कर रहे हैं. उनकी यह सोच है कि गांव का पानी गांव में ही रहे. इसी सोच को लेकर उन्होंने काम किया. गांव में पानी की जरा भी दिक्कत नहीं है. इस गांव को देखकर आस-पास के गांव के लोग भी इनकी तरह ही अब काम कर रहे हैं.