बांदा: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी रविवार को अपने गृह जनपद बांदा पहुंचे. यहां पर उन्होंने प्रेसवार्ता कर सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सरकार की नीतियों को गलत ठहराया. ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों को लेकर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि अगर फसलों का सही से सर्वे नहीं किया जाएगा तो वे सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे.
किसानों के साथ हो रही उपेक्षा
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि प्रदेश और केंद्र सरकार की नीतियों के कारण पूरे देश और प्रदेश में साथ ही बुंदेलखंड में भी त्राहि-त्राहि मची हुई है. हर जगह भ्रष्टाचार हो रहा है. वहीं किसानों और व्यापारियों समेत सामान्य लोगों की भी उपेक्षा हो रही है. जिसके कारण यहां का किसान बहुत परेशान है और वह तबाही की कगार पर पहुंच चुके हैं. यहां का किसान आवारा पशुओं की वजह से बहुत परेशान है. जिस पर सरकार लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है.
भुखमरी की कगार पर खड़ा है किसान
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि अभी दो दिन पहले हुई ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी है. यहां के अधिकारी फसलों का अब ठीक ढंग से सर्वे भी नहीं कर रहे हैं. मैंने खुद आज खेतों में जाकर निरीक्षण किया है जहां पर किसानों की 50 फिसदी से ज्यादा फसलें तबाह हो चुकी है. उन्होंने कहा कि बांदा जिला समेत पूरे बुंदेलखंड के किसानों का जो भी नुकसान हुआ है अगर उसका सही से आकलन नहीं किया गया तो आगे हम सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे.
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बाईपास में 44 करोड़ का घोटाला
इसके अलावा नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बांदा बाईपास बनने में हुए घोटाले के बारे में बताया कि इस बाईपास को जब मैं कैबिनेट मंत्री था, तब मैंने पास किया था. तब से लेकर आज तक के बाईपास नहीं बन सका है. अब इसमें 44 करोड़ का अधिकारियों द्वारा घोटाला किया गया है. जिसकी शिकायत यहां के मुख्य अभियंता ने सरकार से की है. मगर जिम्मेदार ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही.
अपनी सरकार का पूरा कार्यकाल खत्म करेंगे
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने और मध्य प्रदेश के सियासी बवंडर के मामले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि कोई कहीं भी छोड़ कर चला जाए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. विधायकों के इस्तीफा देने को लेकर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि इस्तीफा देने का भी एक नियम होता है. इस्तीफा घर बैठे-बैठे कह देने से या चिट्ठी भेज देने से नहीं हो जाता. उसके लिए एक नियमावली है और नियमावली के अनुसार अभी तक किसी भी विधायक ने इस्तीफा नहीं दिया है. अभी हमारी मध्य प्रदेश सरकार पर किसी भी तरह का कोई संकट नहीं है. मेरी कमलनाथ से बात हुई है हमारी सरकार पर किसी भी तरह का कोई संकट नहीं है.