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बांदा: जनता कर्फ्यू के दिन दिखी एकता की मिसाल, वाहन न मिलने पर जामा मस्जिद में दी जगह

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में सवारी का साधन न मिलने से परेशान एक युवक को जामा मस्जिद में रुकवाने की व्यवस्था की गई. बता दें कि एक परिवार सूरत से आ रहा था, लेकिन देर तक कोई सवारी नहीं मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने उनके रुकने की व्यवस्था कराई.

यात्रियों के रुकने के लिए जामा मस्जिद में की व्यवस्था.
यात्रियों के रुकने के लिए जामा मस्जिद में की व्यवस्था.
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Published : Mar 22, 2020, 11:36 PM IST

बांदा: जनता कर्फ्यू के दिन जिले में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली है. गुजरात से अपने घर वापस जा रहा एक हिंदू परिवार जनता कर्फ्यू के दिन वाहनों के न चलने की वजह से साधनविहीन हो गया. वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग इस परेशान परिवार को जामा मस्जिद ले गए, जहां इनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की. वहीं अधिकारियों को सूचित कर इन्हें इनके घर भेजने का भी इंतजाम कराया.

यात्रियों के रुकने के लिए जामा मस्जिद में की व्यवस्था.

पूरा मामला बांदा के बाबूलाल चौराहे का है, जहां फतेहपुर के जोनिहा इलाके के रहने वाला एक परिवार सूरत से वापस अपने घर जा रहा था. वाहनों के न चलने से वह बांदा में फंस गया और उसे यहां पर राशिद खान के व्यक्ति ने देखा. राशिद ने पूरी जानकारी ली और उसकी मदद के लिए उसे जामा मस्जिद लेकर गए, जहां पर मौलाना व अन्य लोगों ने उनकी मदद की.

राहगीरों ने बताया कि वह चित्रकूट के मानिकपुर रेलवे स्टेशन पर उतरे थे, लेकिन कोरोना वायरस की जांच के लिए उन्हें वहां देर हो गई. उसके बांदा किसी तरह वह प्राइवेट बस के माध्यम से चित्रकूट के कर्वी मुख्यालय पहुंचे, जहां से उन्हें कोई साधन नहीं मिला और वह घण्टों तक इंतजार करते रहे. फिर किसी तरह एक वाहन मिला जिसने उन्हें बांदा के बाबूलाल चौराहे में उतार दिया. इसके बाद उन्हें किसी भी तरह का कोई साधन नहीं मिला और वह वहीं फंस गए.

यहां के एक स्थानीय व्यक्ति ने उनकी मदद की और उनके खाने-पीने और रुकने की व्यवस्था कराई. साथ ही प्रशासन से कहकर जाने का भी इंतजाम कराया है. जामा मस्जिद के मौलाना अमीनुद्दीन ने बताया कि एक परिवार यहां परेशान बैठा था. उनकी मदद की गई है और उनके भेजवाने का भी प्रशासन के माध्यम से इंतजाम करवाया गया है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊः लोगों ने घरों की छतों से बजाई ताली-थाली, किया शंखनाद

बांदा: जनता कर्फ्यू के दिन जिले में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली है. गुजरात से अपने घर वापस जा रहा एक हिंदू परिवार जनता कर्फ्यू के दिन वाहनों के न चलने की वजह से साधनविहीन हो गया. वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग इस परेशान परिवार को जामा मस्जिद ले गए, जहां इनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की. वहीं अधिकारियों को सूचित कर इन्हें इनके घर भेजने का भी इंतजाम कराया.

यात्रियों के रुकने के लिए जामा मस्जिद में की व्यवस्था.

पूरा मामला बांदा के बाबूलाल चौराहे का है, जहां फतेहपुर के जोनिहा इलाके के रहने वाला एक परिवार सूरत से वापस अपने घर जा रहा था. वाहनों के न चलने से वह बांदा में फंस गया और उसे यहां पर राशिद खान के व्यक्ति ने देखा. राशिद ने पूरी जानकारी ली और उसकी मदद के लिए उसे जामा मस्जिद लेकर गए, जहां पर मौलाना व अन्य लोगों ने उनकी मदद की.

राहगीरों ने बताया कि वह चित्रकूट के मानिकपुर रेलवे स्टेशन पर उतरे थे, लेकिन कोरोना वायरस की जांच के लिए उन्हें वहां देर हो गई. उसके बांदा किसी तरह वह प्राइवेट बस के माध्यम से चित्रकूट के कर्वी मुख्यालय पहुंचे, जहां से उन्हें कोई साधन नहीं मिला और वह घण्टों तक इंतजार करते रहे. फिर किसी तरह एक वाहन मिला जिसने उन्हें बांदा के बाबूलाल चौराहे में उतार दिया. इसके बाद उन्हें किसी भी तरह का कोई साधन नहीं मिला और वह वहीं फंस गए.

यहां के एक स्थानीय व्यक्ति ने उनकी मदद की और उनके खाने-पीने और रुकने की व्यवस्था कराई. साथ ही प्रशासन से कहकर जाने का भी इंतजाम कराया है. जामा मस्जिद के मौलाना अमीनुद्दीन ने बताया कि एक परिवार यहां परेशान बैठा था. उनकी मदद की गई है और उनके भेजवाने का भी प्रशासन के माध्यम से इंतजाम करवाया गया है.

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