बांदा : जिले में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. जहां करंट की चपेट में आने से एक पिता व उसके दो पुत्रों की दर्दनाक मौत हो गई. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने तीनों मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और पूरे मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है. बताया जा रहा है कि तीनों लोग खेत में धान का बीज डालने के लिए गए हुए थे. खेत में ट्यूबेल के पास लगे खंबे के सपोर्टिंग तार में उतरे करंट की चपेट में युवक आ गया था और उसे करंट में चिपकता देख जब उसका पिता उसे बचाने पहुंचा तो वह भी चपेट में आ गया. वहीं अपने भाई और पिता को करंट में चिपकता देख जब दूसरा युवक वहां पहुंचा तो वह भी करंट की चपेट में आ गया. जिससे तीनों की मौत हो गई, वहीं एक ही परिवार के तीनों लोगों की मौत हो जाने से कोहराम मच गया.
बता दें कि पूरा मामला बबेरू कोतवाली क्षेत्र के परसौली गांव का बताया जा रहा है, जहां पर यहां के रहने वाला दीपक यादव अपने पिता गोरेलाल व बड़े भाई अतुल के साथ खेतों में धान का बीज डालने आया था, तभी वह वहां पर ट्यूबेल के पास लगे खंबे के सपोर्टिंग तार में उतरे करंट की चपेट में आ गया. जब कुछ दूर पर खड़े उसके पिता ने उसे सपोर्टिंग तार में चिपका देखा तो उसे बचाने के लिए दौड़ा और उसे छुड़ाने के प्रयास में दीपू यादव के पिता गोरेलाल भी करंट की चपेट में आ गये. वहीं खेत में ही मौजूद गोरेलाल के बड़े बेटे अतुल ने जब अपने भाई और पिता को करंट में चिपका देखा तो वह भी इन्हें बचाने के लिए दौड़ा और वह भी करंट की चपेट में आ गया. वहीं पास में मौजूद ग्रामीणों ने जब तीनों को करंट में चिपका देखा तो इन्हें बचाने के लिए दौड़े और किसी तरह इनको सपोर्टिंग तार से छुड़ाया और आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बबेरू लेकर पहुंचे. जहां पर चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया. वहीं सूचना मिलने पर क्षेत्राधिकारी आरके सिंह पुलिस बल के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां पर तीनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, वहीं राजस्व विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. जहां पर इन्होंने भी घटना का जायजा लिया और पीड़ित परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया.
घटना के संबंध में जानकारी देते हुए क्षेत्राधिकारी बबेरू आरके सिंह ने बताया कि 'परसौली गांव में ट्यूबवेल के सपोर्टिंग तार की चपेट में यहां का रहने वाला एक दीपू यादव नाम का युवक आ गया था. जिसे बचाने के लिए जब पिता गोरेलाल वहां गये तो वह भी करंट में चिपक गये. कुछ दूरी पर जब बेटे अतुल ने देखा तो वह भी अपने भाई और पिता को बचाने पहुंचा और वह भी करंट की चपेट में आ गया, जिससे तीनों की मौत हो गई.'
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