बांदा: जिले में किसानों ने मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने सीएम से अन्ना प्रथा के साथ ही पराली की समस्या से भी निजात दिलाए जाने की मांग की है.
जानें मामला...
मामला जिले की बबेरू तहसील का है, जहां लगभग 50 किसानों ने पहले तहसील परिसर में धरना दिया और फिर प्रदर्शन कर नारेबाजी करते हुए उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. किसानों ने सीएम को सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा और समस्या निस्तारण की मांग की.
क्या हैं किसानों की समस्याएं?
किसानों ने समस्याओं को लेकर बताया कि देश की प्राइवेट कंपनियां सुई बनाने से लेकर हवाई जहाज तक बनाती हैं और उनका मूल्य खुद निर्धारण करती हैं. लेकिन किसान अपनी फसलों के मूल्यों का निर्धारण नहीं कर पाता और सरकार के उचित समर्थन मूल्य के हिसाब से भी किसानों की पैदावार नहीं बिक पाती. क्योंकि बीच में बिचौलिए और आढ़तियों की कालाबाजारी के चलते किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल पाता. इसलिए ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए.
'दूध का नहीं मिल रहा सही दाम'
किसानों ने बताया कि उन्हें दूध का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है. अगर 1 दिसंबर से 50 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से किसानों से दूध न लिया गया तो वे अपने उपयोग के बाद बचे दूध को चाहे फेंक ही दें, लेकिन उसे बाजारों में नहीं बेचेंगे. इसके अलावा बुंदेलखंड में सबसे बड़ी समस्या अन्ना प्रथा की है, जिससे किसानों को निजात नहीं मिल पा रही है. इसलिए अन्ना प्रथा से भी किसानों को निजात दिलाई जाए.
'पराली को लेकर व्यवस्था करे सरकार'
किसानों ने कहा कि वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या पराली को लेकर है. एक तरफ पराली जलाने पर किसानों पर मुकदमे दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार पराली की समस्या से किसानों को निजात नहीं दिला पा रही है. हम चाहते हैं कि ऐसी कोई व्यवस्था की जाए, जिससे पराली को गोशालाओं तक पहुंचाया जाए या फिर पराली से खाद बनाने की कोई व्यवस्था कराई जाए.