बांदा: राजकीय मेडिकल कॉलेज में लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से कोरोना टेस्टिंग लैब बनाने को सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस अत्याधुनिक लैब में विभिन्न जानलेवा वायरस कोरोना की जांच के साथ-साथ हंता वायरस की भी जांच हो सकेगी. सरकार के साथ-साथ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से भी प्रोजेक्ट की मंजूरी मिल गई है.
अनुमान है कि दो महीने में लैब बनाने का कार्य पूरा हो जाएगा. बांदा राजकीय मेडिकल कॉलेज में कुछ दिनों पहले कोरोना वायरस के दो पॉजिटिव मामले सामने आए थे. जिसके बाद यहां से तमाम लोगों के सैंपल की जांच केजीएमयू भेजी गई थी. इसी दौरान कॉलेज प्रशासन द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर शासन से कोरोना टेस्टिंग लैब बनवाने की मांग की गई थी.
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि फिलहाल कोरोना जांच के लिए सैंपल लखनऊ भेजना पड़ रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने में लगभग 2 दिन लग जाते हैं. ऐसे में मरीज की स्थिति और भी भयावह हो सकती है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा राजकीय मेडिकल कॉलेज में लैब बनाने की मंजूरी दी गई है.
अनुमान है कि जून माह तक लगभग 486 लाख रुपये की लागत से बायो सेफ्टी लेवल 3 (BSL-3) टेस्टिंग लैब बनकर तैयार हो जाएगी. मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मुकेश यादव ने बताया कि पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अब शहर के सभी मेडिकल कॉलेजों में लैब बनाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही लैब के निर्माण के लिए 486 लाख रुपये भी स्वीकृत किए हैं. उन्होंने बताया कि लैब में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनें विदेशों से आती हैं, जिससे महज कुछ ही मिनटों में जांच संभव है.