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बांदा कृषि विश्वविद्यालय की भर्तियों में गड़बड़ी, बीजेपी विधायक ने की शिकायत

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Published : Jun 11, 2021, 3:41 AM IST

उत्तर प्रदेश में बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय इन दिनों चर्चा के केंद्र में है. वहां हाल ही में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद भर्तियां की गईं. बीजेपी के तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति ने नियुक्तियों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की है.

बांदा कृषि विश्वविद्यालय की भर्तियों में गड़बड़ी
बांदा कृषि विश्वविद्यालय की भर्तियों में गड़बड़ी

बांदा: बीजेपी के एक विधायक ने कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा में हुई प्रोफेसरों की भर्तियों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत की है. पत्र के माध्यम से विधायक ने कृषि विश्वविद्यालय में हुई इन भर्तियों की जांच कराए जाने की मांग करते हुए इन्हें निरस्त किए जाने की मांग की है. वहीं दोषियों पर कार्रवाई करने की भी विधायक ने मांग की है. विधायक के मुताबिक कृषि विश्वविद्यालय ने नियम के विरुद्ध भर्तियां करते हुए रोस्टर का पालन नहीं किया है. वहीं विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कहा है कि हमारे यहां जो भी भर्तियां हुई हैं. उन्हें हमने शासन के नियमानुसार ही किया है. यदि विधायक को लगता है कि यह भर्तियां गलत हुई हैं तो इन भर्तियों की जांच करा ली जाए.

बीजेपी के तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति ने नियुक्तियों में गड़बड़ी का लगाया आरोप

विश्वविद्यालय ने भर्तियों में नहीं किया रोस्टर का पालन

कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों पर सवाल उठाने वाले बांदा के तिंदवारी विधानसभा से बीजेपी के विधायक बृजेश प्रजापति ने बताया कि विश्वविद्यालय में 40 भर्तियां प्रोफेसर के पद की निकली थीं, जिनमें 15 भर्तियों में नियमों की अनदेखी की गई है. उन भर्तियों में रोस्टर का पालन नहीं किया गया है, जिसके चलते आरक्षण का पालन भी नहीं हो पाया और फिर आरक्षण का पालन न होने से आरक्षण के पात्र लाभ्यार्थियों को उसका लाभ मिल सका है. जिसको लेकर मैंने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री व राज्यपाल से मामले की शिकायत की है और जांच कर जो भी लोग दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है. इन भर्तियों को निरस्त किए जाने की भी मांग की है. इसमें कुछ लोगों को लाभ देने के लिए ही विश्वविद्यालय ने ऐसा किया है.

विश्वविद्यालय में हुई पारदर्शी तरीके से सभी भर्तियां

वहीं इस पूरे मामले को लेकर कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर एसके सिंह ने बताया की हमारे यहां जो भी भर्तियां हुई हैं वह पूरे पारदर्शी तरीके से हुई हैं. भर्तियों के जो भी नियम होते हैं उनका विश्वविद्यालय ने पूरी तरह से पालन किया है. भर्तियों में राज्यपाल के नामित सदस्यों समेत जो भी पैनल में लोग होते हैं उन सब की निगरानी में इन भर्तियों को किया गया है. इन भर्तियों में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी विश्वविद्यालय द्वारा नहीं की गई है. हमारे यहां 40 भर्तियों में 26 भर्तियां पहले ही हो गई थी. इसके बाद बची 14 भर्तियों में हमने पूरी प्रक्रिया को अपनाते हुए ही भर्तियां की हैं. वहीं उन्होंने विधायक द्वारा शिकायत किए जाने के मामले को लेकर कहा कि विधायक हमारे जनप्रतिनिधि हैं. अगर उन्हें ऐसा लगता है कि इन भर्तियों में गड़बड़ी हुई है तो वह जांच कराने में सक्षम है. बरहाल हमने शासन के जो नियम हैं उनको ध्यान में रखते हुए ही इन भर्तियों को किया है.

बांदा: बीजेपी के एक विधायक ने कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा में हुई प्रोफेसरों की भर्तियों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत की है. पत्र के माध्यम से विधायक ने कृषि विश्वविद्यालय में हुई इन भर्तियों की जांच कराए जाने की मांग करते हुए इन्हें निरस्त किए जाने की मांग की है. वहीं दोषियों पर कार्रवाई करने की भी विधायक ने मांग की है. विधायक के मुताबिक कृषि विश्वविद्यालय ने नियम के विरुद्ध भर्तियां करते हुए रोस्टर का पालन नहीं किया है. वहीं विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कहा है कि हमारे यहां जो भी भर्तियां हुई हैं. उन्हें हमने शासन के नियमानुसार ही किया है. यदि विधायक को लगता है कि यह भर्तियां गलत हुई हैं तो इन भर्तियों की जांच करा ली जाए.

बीजेपी के तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति ने नियुक्तियों में गड़बड़ी का लगाया आरोप

विश्वविद्यालय ने भर्तियों में नहीं किया रोस्टर का पालन

कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों पर सवाल उठाने वाले बांदा के तिंदवारी विधानसभा से बीजेपी के विधायक बृजेश प्रजापति ने बताया कि विश्वविद्यालय में 40 भर्तियां प्रोफेसर के पद की निकली थीं, जिनमें 15 भर्तियों में नियमों की अनदेखी की गई है. उन भर्तियों में रोस्टर का पालन नहीं किया गया है, जिसके चलते आरक्षण का पालन भी नहीं हो पाया और फिर आरक्षण का पालन न होने से आरक्षण के पात्र लाभ्यार्थियों को उसका लाभ मिल सका है. जिसको लेकर मैंने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री व राज्यपाल से मामले की शिकायत की है और जांच कर जो भी लोग दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है. इन भर्तियों को निरस्त किए जाने की भी मांग की है. इसमें कुछ लोगों को लाभ देने के लिए ही विश्वविद्यालय ने ऐसा किया है.

विश्वविद्यालय में हुई पारदर्शी तरीके से सभी भर्तियां

वहीं इस पूरे मामले को लेकर कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर एसके सिंह ने बताया की हमारे यहां जो भी भर्तियां हुई हैं वह पूरे पारदर्शी तरीके से हुई हैं. भर्तियों के जो भी नियम होते हैं उनका विश्वविद्यालय ने पूरी तरह से पालन किया है. भर्तियों में राज्यपाल के नामित सदस्यों समेत जो भी पैनल में लोग होते हैं उन सब की निगरानी में इन भर्तियों को किया गया है. इन भर्तियों में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी विश्वविद्यालय द्वारा नहीं की गई है. हमारे यहां 40 भर्तियों में 26 भर्तियां पहले ही हो गई थी. इसके बाद बची 14 भर्तियों में हमने पूरी प्रक्रिया को अपनाते हुए ही भर्तियां की हैं. वहीं उन्होंने विधायक द्वारा शिकायत किए जाने के मामले को लेकर कहा कि विधायक हमारे जनप्रतिनिधि हैं. अगर उन्हें ऐसा लगता है कि इन भर्तियों में गड़बड़ी हुई है तो वह जांच कराने में सक्षम है. बरहाल हमने शासन के जो नियम हैं उनको ध्यान में रखते हुए ही इन भर्तियों को किया है.

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