सहारनपुर: जिले की बेहट तहसील प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगे हैं. इस बार 132 की जमीन पर स्टोन क्रेशर लगवाने, अवैध खनन कराने के साथ ही हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है. हालांकि मामले में जांच करवाने की बात कही गई है.
यमुना नदी में अवैध खनन
दरअसल, सहारनपुर की बेहट तहसील से यमुना नदी गुजरती है. शिवालिक पहाड़ियों से निकलने वाली कई बरसाती नदियों का जाल भी क्षेत्र में बिछा हुआ है. कई वर्षों तक यमुना व अन्य बरसाती नदियों में अवैध खनन का कारोबार चलता रहा. कुछ सालों पहले वैध खनन पर भी रोक लगा दी गई थी, लेकिन कुछ माफिया अवैध तरीके से खनन में जुटे रहे. इससे राजस्व को भी नुकसान पहुंचता रहा. माफिया के साथ-साथ अब बेहट तहसील प्रशासन भी उच्चाधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर राजस्व को हानि पहुंचाने का काम कर रहा है.
बेहट तहसील प्रशासन पर 132 की जमीन पर अवैध खनन करने का आरोप लगा है. बेहट तहसील के गांव मायापुर रूपपुर (बादशाही बाग) के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने सीएम योगी को शिकायती पत्र भेजा है. पत्र में आरोप लगाया गया कि उनके गांव के लेखपाल ने मिलीभगत कर 132 की जमीन पर स्टोन क्रशर लगवा दिए. साथ ही खनन पट्टे भी करा दिए. इसके अलावा अवैध खनन किए जाने के आरोप भी लगाए गए हैं.
पहले भी लगे हैं आरोप
इससे पूर्व भी यमुना नदी में खनन विभाग और बेहट प्रशासन पर मिलीभगत कर 132 की जमीन पर निजी पट्टे आवंटित किए जाने के आरोप लगे थे. अभी तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो पाई थी, तब तक धांधली का दूसरा मामला भी सामने आ गया. मामले में जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि खनन की बात को गंभीरता से लिया गया है. एसडीएम व तहसीलदार बेहट को जांच के लिए निर्देशित किया गया है. जांच के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी.